कामदेव शाबर मंत्र | Kamdev Shabar Mantra

कामदेव को हिन्दू धर्म में प्रेम का देवता, कामुक सुखों का देवता, और साहचर्य का देवता माना जाता है। 

 और उनकी पत्नी रति  हैं, जिन्हें वासना की देवी कहा जाता है। कामदेव को “प्रेम का देवता” और “ईश्वरीय प्रेम” का प्रतीक माना जाता हैं। इस लेख में हम जानेंगे , kamdev shabar mantra क्या हे, इसका सभी प्रकार के मंत्रो के बारे में  एबं इसका चमत्कारी लाभ के बारे में।  

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, प्रेम और कामुकता का कारक ग्रह शुक्र होता है और प्रेम के देवता कामदेव हैं। जब हम मनचाहा प्रेम पाना या अपने जीवन साथी को प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमें शुक्र और कामदेव की कृपा को प्राप्त करने के लिए उन्हें प्रसन्न करना चाहिए। इसके लिए, कई पंडित शुक्र मंत्र और कामदेव मंत्र के जप की सलाह देते हैं।

कई ज्योतिषी यह सलाह देते हैं कि अगर कोई व्यक्ति किसी को अपनी ओर आकर्षित करना चाहता है या अपनी यौन शक्ति को बढ़ाना चाहता है, तो उसे शुक्र और कामदेव को प्रसन्न करना चाहिए। इसके लिए कई ज्योतिषी मंत्र जप की सलाह देते हैं जो शुक्र और कामदेव के समर्पित होते हैं।

 

कामदेव मंत्र अर्थ

ऊँ कामदेवाय विद्महे, रति प्रियायै धीमहि, तन्नो अनंग प्रचोदयात्।

इस कामदेव मंत्र का अर्थ है:

ओम, मुझे प्रेम के देवता का ध्यान करने दो,

जो फूलों का जंगल है, मुझे उच्च बुद्धि दो,

और प्रेम के परमेश्वर को मेरे मन को प्रकाशित करने दो।

 

कामदेव मंत्र आकर्षण के देवता को समर्पित है और इसका जाप आपके प्रति आकर्षण को बढ़ाने के लिए किया जाता है। कामदेव का शाब्दिक अर्थ है “ईश्वरीय प्रेम” या “प्रेम का देवता”।

कामदेव को आम तौर पर एक युवा और सुंदर पंख वाले पुरुष के रूप में चित्रित किया जाता है, जो धनुष और तीरों से सजा होता है। कामदेव के कई नाम हैं जैसे रागवृंत, अनंग, कंदर्प, मनमथ, मनसिजा, मदन, रतिकांत, पुष्पवन, पुष्पधन्व या बस काम।

कामदेव शाबर मंत्र । Kamdev Shabar Mantra Hindi 

कामदेव शाबर मंत्र

‘ऊँ नमो भगवते कामदेवाय यस्य यस्य दृश्यो भवामि यस्य यस्य मम मुखं पश्यति तं तं मोहयतु स्वाहा।’

लाभ : मंत्र के जाप से मानसिक और शारीरिक आकर्षण में तीव्रता प्राप्त होती है, जिससे वशीकरण और प्रेमी द्वारा आपसी आकर्षण बना रहता है और यौन क्षमता भी वृद्धि होती है।

 

मोहिनी कामदेव मंत्र

“ॐ नमः काम-देवाय। सहकल सहद्रश सहमसहलिए

वन्हे धुनन जनममदर्शनं उत्कण्ठितं कुरु कुरु,

दक्ष दक्षु-धर कुसुम-वाणेन हन हन स्वाहा।”

कामदेव गायत्री मंत्र Kamdev Gayatri Mantra

ॐ कामदेवाय विद्महेपुष्पबाणाय धिमहितन्नो मन्मथ प्रचोदयात् |

 

कामदेव बीज मंत्र

ओम क्लीम कामदेवाय नमः

 

कामदेव स्त्री वशीकरण मंत्र

ऊँ नम कामदेय सकलसदृश्य वन्दे धुन जनममदर्शनं उत्कण्ठितं

कुरु कुरु कुसुम-वाणेनः हनानिस्वाहा।

 

शुक्र मंत्र

ओम द्राँ द्रीँ द्रौँ स: शुक्राय नम:।

यदि आप इस मंत्र का जाप विधिनुसार करें, तो इससे खोया हुआ प्यार भी वापस मिल सकता है और रूठे हुए प्रेमी को मनाया जा सकता है।

कामदेव मंत्र के लाभ।kamdev shabar mantra benefits

 

Kamdev-Shabar-Mantra-benefits
Kamdev Shabar Mantra benefits

 

कामदेव गायत्री मंत्र के जाप से निम्नलिखित लाभ मिलते हैं:

  1. पति-पत्नी के बीच प्रेम और सम्बंध में वृद्धि होती है।
  2. इस मंत्र के जाप से आपकी यौन शक्ति और इच्छा में वृद्धि होती है।
  3. आपका चेहरा हमेशा दिव्य प्रकाशित रहता है।
  4. आप अत्यंत आकर्षक और आकर्षणीय लगते हैं, जिससे आपके पास आनेवाले लोग मोहित हो जाते हैं।
  5. आपके व्यक्तित्व में निखार आता है और आपके किए गए कामों की प्रशंसा होती है।
  6. इस मंत्र के जाप से वैवाहिक जीवन में तनाव कम होता है और पति-पत्नी दोनों संतुष्ट रहते हैं।
  7. यह मंत्र प्रेम संबंधों में गति प्रदान करता है और जीवन में अधिक लाभ प्राप्त करने का साधन बनता है।

 

कामदेव गायत्री मंत्र का जाप करने से आपको अपार प्यार मिलता है और आपका आकर्षण बढ़ता है। यह मंत्र आपके जीवन में प्रेम, आकर्षण और सम्बंधों को वृद्धि देता है

कामदेव शाबर मंत्र सिद्धि kamdev shabar mantra siddhi 

कामदेव शाबर मंत्र सिद्धि की उपासना के माध्यम से किसी को आकर्षित करना या अपनी स्पष्टता बढ़ाना आपको संभव है। इस मंत्र के माध्यम से, आप आसानी से प्रेम के देवता कामदेव को प्रसन्न कर सकते हैं। यह कहा जाता है कि कामदेव अपने हाथों में धनुष और तीर धारण करते हैं और उनके तीर मधुरता और सुंदरता से भरे होते हैं। इन तीरों का प्रयोग करके, उन्होंने दो व्यक्तियों के बीच प्रेम बढ़ाने का कार्य किया है।

यदि आप किसी विशेष व्यक्ति के साथ नफरत को दूर करना और उससे प्रेम करना चाहते हैं, तो कामदेव शाबर मंत्र सिद्धि आपकी मदद कर सकती है। यह मंत्र शाबर मंत्र के अन्य मंत्रों से अलग है और इसका उपयोग वशीकरण के लिए किया जाता है। इन मंत्रों का सही उपयोग शास्त्रों की विधियों के अनुसार ही करना चाहिए।यदि आप किसी से सच्चा प्रेम करते हैं और उसे प्राप्त करना चाहते हैं, तो कामदेव शाबर मंत्र सिद्धि आपके लिए उपयोगी साबित हो सकती है।

 मोहिनी कामदेव मंत्र

मोहिनी कामदेव मंत्र एक प्राचीन मंत्र है, जिसका उपयोग सदियों से किया जाता रहा है। यह मंत्र पुरुषों को उनकी इच्छित स्त्री को आकर्षित करने और उन्हें प्रेम का अहसास दिलाने में सहायता कर सकता है। यह मंत्र अद्भुत शक्ति धारण करता है और उसे अपने जीवन में प्रेम और मोहब्बत का अनुभव करने का अवसर देता है। मोहिनी कामदेव मंत्र इस प्रकार है:

“ॐ नमो भगवते श्री कामदेवाय यस्य दृश्यो भवामि द्रवस्य मम मुखं पश्यति

तं तं कुरू कुरू भवतू मोहयतु स्वाहाः।।”

 

बिधि: मोहिनी कामदेव मंत्र का जाप आप हफ्ते में किसी भी दिन कर सकते हैं। इसके लिए, आपको रात्रि 12 बजे के आसपास इस मंत्र का जाप करना होगा। इसके दौरान, आप लाल या गेरुआ रंग के वस्त्र धारण करें।

इस मंत्र को आपको एक रात में 2100 बार जाप करना होगा। जब आप मंत्र पढ़ रहे हों, तो आपको बीच-बीच में कुछ खाना या पीना नहीं है। आप मंत्र पढ़ते समय कामदेव की तस्वीर या मूर्ति के सामने रख सकत

कामलोक तंत्र विशेषतः 

कामदेव के सम्बंध में उल्लेखित होता है। कामदेव के प्रभाव से हमारे मन में प्यार की इच्छाएं जागृत होती हैं और हम दूसरे व्यक्ति के प्रति प्यार की भावना से ओतप्रोत होते हैं। शास्त्रों में बसंत पंचमी को मदनोत्सव के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि कामदेव का एक अन्य नाम मदन है। मदन के आगमन से प्रकृति सुगंधित और आनंदमय हो जाती है। कामदेव के आने से हमारे हृदय में रंग, रोमांच और प्रेम जाग्रत होता है। इसलिए मदनोत्सव के दिन देवी सरस्वती की भी पूजा की जाती है।

शास्त्रों में एक कथा मिलती है कि जब भगवान शिव ने कामदेव को अपनी तीसरी आँख से भस्म कर दिया, तब कामदेव ने अपने शरीर को पुनः प्राप्त करने के लिए काफी प्रयास किया। इस समय भगवान शिव ने कामदेव को स्त्री-पुरुषों के अंगों के सिवाय कई अन्य वस्तुओं पर वास करने का अधिकार प्रदान किया।

इस प्रकार, कामदेव का वास : स्तोत्र है: 

“यौवनं स्त्री च पुष्पाणि सुवासानि महामते:।

गानं मधुरश्चैव मृदुलाण्डजशब्दक:।।

उद्यानानि वसन्तश्च सुवासाश्चन्दनादय:।

सङ्गो विषयसक्तानां नराणां गुह्यदर्शनम्।

वायुर्मद: सुवासश्च वस्त्राण्यपि नवानि वै।

भूषणादिकमेवं ते देहा नाना कृता मया।।”

 

यहां प्रकट होता है कि कामदेव का आवास युवाओं, स्त्रियों, सुंदर फूलों, मधुर गानों, नरम लबों और विविध प्रकार के आकर्षक वस्त्रों, आभूषणों आदि पर है। इसके साथ ही, यह श्लोक दर्शाता है कि कामदेव संगीत, सुगंध, वसंत के उद्यान, गुप्त दृष्टि वाले लोगों के संग, मधुर हवा, नवीनतम वस्त्रों और भूषणों तक प्रभाव डालते हैं। मैंने तेरे शरीर को इन विभिन्न चीजों से सजाया है।

कामलोक में कामदेव का विशेष आवास है और उनका प्रभाव विभिन्न तत्वों पर अत्यंत महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से वह यौवन, सुंदर फूल, संगीत, पराग, मधुर स्वरों वाले पक्षियों के गान, सुंदर बाग-बगीचा, बसंत ऋतु, चंदन, कामना, प्रमोदित हवा, आकर्षक वस्त्र और आभूषणों के साथ जुड़ा हुआ है। उनका वास निशेष रूप से स्त्रियों के शरीर में होता है, और उनका प्रभाव स्त्रियों के नयन, ललाट, भौंह और होंठों तक महसूस होता है। कामदेव व्यक्ति को प्रेम के बाणों से घायल करने के लिए भी इन तत्वों का उपयोग करते हैं। इसके परिणामस्वरूप, जब कामदेव के बाण से व्यक्ति घायल होता है, तो वह आनंद और मधुरता को अनुभव करता रहता है। इन बाणों की विशेषता यह है कि उनके चलने से किसी को भी ज्ञात नहीं होता, और ये सीधे हृदय से प्रेम के संकेत को जगाते हैं।

इसके अलावा, बसंत ऋतु और कामदेव की पत्नी रति भी इन तत्वों के साथ जुड़ी हुई हैं। यह जानना महत्वपूर्ण है कि कामदेव ने भगवान शिव को आग्रह पर भंग करने में भी सहायता की थी।

कामदेव ने कहा था कि वे स्त्री में वास करते हैं जिससे कोई भी व्यक्ति उनके प्रभाव में आकर घायल हो सकता है।

FAQ’S

कामदेव किसका अवतार है?

कामदेव को हिंदू पौराणिक कथाओं में देवी श्री के पुत्र और भगवान विष्णु के पुत्र प्रद्युम्न का अवतार माना जाता है। भगवान कृष्ण के पुत्र प्रद्युम्न का जन्म उनकी पत्नी रुक्मिणी से हुआ था और प्रद्युम्न का अवतार कामदेव के रूप में माना जाता है।

कामदेव की पूजा कब करनी चाहिए?

कामदेव की पूजा विशेष रूप से वसंत पंचमी के दिन की जाती है। इस दिन कामदेव और उनकी पत्नी रति की पूजा की जाती है। इस पूजा के माध्यम से प्रेम संबंधों में मधुरता एवं वैवाहिक जीवन में समृद्धि की कामना की जाती है। यदि विवाह में समस्याएं आ रही हैं या वैवाहिक जीवन में कोई संकट है, तो वसंत पंचमी के दिन कामदेव और रति की पूजा विधि-विधान के साथ की जानी चाहिए।

कामदेव की पूजा किस दिन की जाती है?

कामदेव की पूजा वसंत पंचमी के दिन की जाती है। वसंत पंचमी भारतीय हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन कामदेव और उनकी पत्नी रति की पूजा की जाती है ताकि प्रेम संबंधों में मधुरता और सुख की प्राप्ति हो सके।

कामदेव को क्या बोलते हैं?

कामदेव को विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे रागवृंत, अनंग, कंदर्प, मनमथ, मनसिजा, मदन, रतिकांत, पुष्पवान, पुष्पधंव आदि। कामदेव को हिंदू धर्म में देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु के पुत्र और कृष्ण के पुत्र प्रद्युम्न का अवतार माना जाता है। वैष्णव अनुयायियों के अनुसार, कृष्ण भी कामदेव के आध्यात्मिक रूप को मान्यता प्राप्त है।


 

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