मां काली मां दुर्गा का ही एक स्वरूप हैं। दस महाविद्याओं में काली को सबसे शक्तिशाली माना जाता हैं और उनकी साधना काफी प्रचलित हैं। यहां कुछ kali shabar mantra , मां काली के मंत्रों का वर्णन किया गया हैं जिनका जाप करने से साधक अपने जीवन के संकटों को दूर कर सकता हैं।
काली मंत्र समूह Kali Shabar mantra
एकाक्षरी काली मंत्र:
ॐ क्रीं
यह मां काली का एकाक्षरी मंत्र है। इसका जप मां के सभी रूपों की आराधना, उपासना और साधना में किया जा सकता है। मां काली के इस एकाक्षरी मंत्र को मां चिंतामणि काली का विशेष मंत्र भी कहा जाता है।
त्रयाक्षरी काली मंत्र:
ॐ क्रीं ह्रुं ह्रीं॥
मां काली की साधना और उनके प्रचंड रूपों की आराधना के लिए यह त्रयाक्षरी मंत्र एक विशिष्ट मंत्र है। एकाक्षरी और त्रयाक्षरी मंत्रों को तांत्रिक साधना के मंत्र के पहले और बाद में संपुट की तरह भी लगाया जा सकता है।
पंचाक्षरी काली मंत्र:
ॐ क्रीं ह्रुं ह्रीं हूँ फट्॥
माना जाता है कि इस पंचाक्षरी मंत्र का जाप प्रतिदिन प्रातःकाल में १०८ बार किया जाए तो मां काली साधक के सभी दुखों का निवारण करके उसके यहां धन-धान्य की वृद्धि करती हैं। पारिवारिक शांति के लिए भी इस मंत्र का जप किया जाता है।
षडाक्षरी काली मंत्र:
ॐ क्रीं कालिके स्वाहा॥
इस षडाक्षरी मंत्र का जप सम्मोहन आदि तांत्रिक सिद्धियों के लिए किया जाता है। यह मंत्र तीनों लोकों को मोहित करने वाला है।
सप्ताक्षरी काली मंत्र:
ॐ हूँ ह्रीं हूँ फट् स्वाहा॥
यह मंत्र धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति के लिए कारगर माना जाता है।
श्री दक्षिण काली के २२ अक्षरी मंत्र:
ॐ क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं स्वाहा॥
इस मंत्र के जरिए दक्षिण काली का आह्वान किया जाता है। शत्रुओं के विनाश के लिए साधक इस मंत्र के जरिए मां काली की साधना करते हैं और सिद्धि प्राप्त करते हैं। तंत्र विद्या में मां काली की साधना के लिए यह मंत्र काफी लोकप्रिय है। इस मंत्र का तात्पर्य है कि परमेश्वरी स्वरूप जगत जननी महाकाली महामाया मां मेरे दुखों को दूर करें, शत्रुओं का नाश करें, मां अज्ञानता का अंधकार मिटाकर ज्ञान का प्रकाश हो। वैसे भी मां काली ज्ञान, मोक्ष और शत्रु नाश करने की अधिष्ठात्री देवी हैं। इनकी कृपा से समस्त दुर्भाग्य दूर हो जाते हैं।
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महाकाली शाबर मंत्र बंगाल का Maha Kali Shabar mantra
“सात पुनम कालका, बारह बरस क्वांर।
एको देवि जानिए, चौदह भुवन द्वार।।
द्वि-पक्षे निर्मलिए, तेरह देवन देव।
अष्टभुजी परमेश्वरी, ग्यारह रूद्र सेव।।
सोलह कला सम्पुर्णी, तीन नयन भरपुर।
दशों द्वारी तू ही माँ, पांचों बाजे नूर।।
नव-निधि षट्-दर्शनी, पंद्रह तिथि जान।
चारों युग मे काल का कर काली कल्याण।।”
इस शाबर मंत्रों के माध्यम से वास्तविकता में स्वयं का और सामान्य जनमानस का कल्याण तथा परोपकार किया जा सकता है। यदि किसी व्यक्ति पर भूत-प्रेत बाधा, आर्थिक संकट, नजर दोष, शारीरिक और मानसिक तंगी आदि की बाधा हो, तो साधक शाबर मंत्रों के द्वारा उसे आसानी से दूर कर सकता है।
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अघोर काली शाबर मंत्र
मंत्र –
ओम गांब के पछिम पीपर के गाछ ,ताहि चढि काली करे हाँक ।
नगन में पूजै चक्र, महा-मांस भखै ।
आपन जियाबे, पराया खाय ।
एनैकर दीठ, ओने कर पीठ ।
बायें चारों काली ।
सत्य छोड असत्य भाखै, असिया कोट नरक में परइ ।सत्य प्रत्यख्य ।।
बिधि : चार मुख का दीपक, गेहूँ के पिसान (आटे) की रोटी, सिन्दूर, काजल,चोटी,टिकुली,डिबिया, 11 लाल चूडी,मांस, मद्द,मछ्ली, कंघी, छोटा शीशा, पंचमेबा, बरा-दही, पूरी-गुड, गुलगुला, लाल फूल की माला, लाल घुंघुची, गुग्ग्ल, कपूर, धूपबती, गोल चौका, अबीर – यह सभी सामान सामने रखकर 21 दिन रत्रि में उक्त मंत्र का यथा-सम्भब जप करें। एक बार हबिष्यान्न भोजन करें। मंगलबार अमाबस्या की रात्रि से जप का प्रारम्भ करें, तो 21 बे दिन आकाशबाणी के द्वरा कार्य-सिद्धि की सुचना मिलेगी। जप रात्रि में 8 बजे से प्रात: 4 बजे तक करें।
भद्रकाली शाबर मंत्र । Bhadra kali shabar mantra
ॐ सिंहो दत्तो बिकोवा धडित धडधडात ध्यायमान भवानी दैत्यानाम देह-नाशनम तोड़यन्ति , सिरांसी रक्ता पिबन्ति ,
घुटत घुट -घुटात घुटेयन्ति ,
पिशाचा त्रिहाप -त्रिहाप हसंती ,
खदत-खद -खदात त्रिरोष मम भद्रकाली ९ नाथ ८४ सिद्धन के बीच में बैठ कर ,
काली भद्रकाली रूद्र काली मंत्र हुम् स्वाहा ॥
भद्रकाली मंत्र
ॐ ह्रौं काली महाकाली किलिकिले फट् स्वाहा॥
मां भद्रकाली के इस मंत्र का प्रयोग शत्रुओं को वश में करने के लिये किया जाता है। शत्रुओं के तीव्र विनाश के लिये मां भद्रकाली की साधना की जाती है। मां भद्रकाली को धर्म, कर्म और अर्थ की सिद्धी देने वाली माना जाता है। साधक जिस भी कामना से भद्रकाली की साधना करता है, उनकी उपासना करता है, वह पूर्ण होती है.
मां काली मां दुर्गा का ही एक स्वरुप है। दस महाविद्या के शाबर मन्त्र साधना। मां दुर्गा के इस महाकाली स्वरुप को देवी के सभी रुपों में सबसे शक्तिशाली माना जाता है। दस महाविद्याओं में काली का पहला स्थान माना जाता है। दुष्ट, अभिमानी राक्षसों के संहार के लिए मां काली को जाना जाता है। अक्सर काली की साधना सन्यासी या तांत्रिक करते ही करते हैं लेकिन मां काली के कुछ मंत्र ऐसे भी हैं जिनका जाप कर कोई भी साधक अपने जीवन के संकटों को दूर कर सकता है।
श्मशान काली शाबर मंत्र
ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं कालिके क्लीं श्रीं ह्रीं ऐं॥
यह माना जाता है कि शमशान काली शमशान में वास करती हैं व शव की सवारी करती हैं. तंत्र विद्या के अनुसार शमशान काली की साधना शवारुढ़ यानि शव पर बैठकर की जाती है. इसलिए यह बहुत ही जटिल एवं अमानवीय साधना भी मानी जाती है जो कि सामाजिक व कानूनी रुप से लगभग प्रतिबंधित है. फिर भी लकड़ी आदि के टुकड़ों में प्राण प्रतिष्ठा कर उसे शव का रुप देकर भी तांत्रिक शमशान काली की साधना करते हैं. भूत-प्रेत, पिशाचादि को वश में करने के लिए शमशान काली की साधना की जाती है.
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काली शाबर मंत्र PDF | Maa Kali Shabar Mantra – PDF Download
यहां दिए गए मंत्रों का जाप करने से पूर्व, आपको मां काली की साधना और मंत्र जप के लिए उचित गुरुद्वारा, पंडित या आदर्श सम्प्रदायिक संस्थान से संपर्क करना चाहिए। वे आपको सही मंत्र और उपासना की मार्गदर्शन कर सकते हैं और आपको साधना के दौरान सहायता प्रदान कर सकते हैं।
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