वाराही शाबर मंत्र, सभी प्रकार की मेली तंत्र विद्या को दूर करने में सक्रिय होने वाला एक प्रभावशाली मंत्र है। यह मंत्र वाराही मातृकाओं में से एक को स्थानीय देवी के रूप में श्रेष्ठित करता है, जो हिंदू धर्म में सात मातृ देवियों का समूह है। वाराही, भगवान विष्णु के सूअर अवतार, का सिर धारण करती है और उनकी ऊर्जा से संबंधित है, जिसे स्त्री ऊर्जा कहा जाता है। इसे नेपाल में बाराही कहा जाता है।
कथाएँ कहती हैं कि वाराही ने सूअर के रूप में प्रकट होकर ब्रह्मांड के निर्माण में भगवान विष्णु की सहायता की और उनके भक्तों के लिए रक्षाकवच का कार्य किया। वह ब्रह्मांड की रक्षक मानी जाती है और उसकी पूजा उनके भक्तों द्वारा की जाती है। इस प्रकार, वाराही मंत्र उनकी अंतर्निहित शक्तियों को सकारात्मक रूप से समझाने का माध्यम बनता है और उनकी कृपा को प्राप्त करने में सहायक होता है
वाराही शाबर मंत्र
“ओम नमो आदेश गुरु को। वाराही माता। भाईसी का वाहन। हाथ में काल दंड दृष्टो पे शासन। तारे धरती माता मनभावन। वराह वाराह दंड धरे। राखे पिंड काया प्राण। वराह बले चलते साथ। मैली विद्या मैला मेल। बंधी महवारी। बंधी कोक। असर कसार। भूत-प्रेत, जादू-टोना, तूमन तंत्र-मंत्र निवारू। राखो लाज। सत शब्द सत की शक्ति। दुहाई जगदम्बे की। माई कामाख्या की। शब्द साच्य पिंड काच्या फुरो मंत्र ईश्वरी वाच्य।”
अर्थ :
ॐ नमो आदेश गुरु को। वाराही माता, भैसी का वाहन, हाथ में काल दंड और दृष्टि से शासन करती हुई। तारे धरती माता मनभावन। वराह वाराहि, जो दंड को धारण करती हैं, राखे पिंड, काया, और प्राण को सुरक्षित रखें। वराह बली विहार के साथ मैली विद्या को दूर करें, मैला मेल से मुक्त करें। बंदी महवारी और बंधनी को मुक्त करें, कोक की शक्ति से। इस मंत्र का असर हर कठिनाई, भूत, चुड़ैल, टोना, तुमंत्र, और मंत्र से मुक्ति प्रदान करें। राखो लाज, सत् शब्द सत् की शक्ति के साथ, दुहाई जगदंबे की, माई कामाख्या की, शब्द साच्या पिण्ड काच्या फुरो मंत्र ईश्वरी वाच्य।।
कौन करें इनकी पूजा
- वाराही देवी की पूजा का महत्व विभिन्न कारणों से हो सकता है:
- जीवन की सभी प्रकार की बाधाओं और दुर्भावनाओं से मुक्ति प्राप्त करना।
- धन प्रवाह में वृद्धि करना और आर्थिक स्थिति में सुधार करना।
- वाणी की एकाग्रता और प्रवाह को सुनिश्चित करना।
- वाणी और बुद्धि से आत्म-आकर्षण शक्ति को बढ़ावा देना।
- शुद्ध मन से देवी की पूजा करके अपने जीवन से बुरे कर्मों और ऊर्जाओं को दूर करना।
मंत्र के द्वारा गर्भावस्था में आने वाली समस्याओं को दूर करने की शक्ति होती है और यह महिलाओं के मासिक धर्म संबंधित समस्याओं को भी शांति देने में सहायक होता है। पूजा को शुद्ध हृदय और स्वच्छता के साथ करना चाहिए, क्योंकि देवी वाराही शुद्धि और भक्ति को प्रिय करती हैं।
वाराही शाबर मंत्र का जाप कैसे करें
वाराही शाबर मंत्र का जाप करने के लिए निम्नलिखित कदमों का पालन किया जा सकता है:
- मंगलवार को शाबर मंत्र की शुरुआत की जा सकती है।
- साधक को भगवान लक्ष्मी-नारायण या शिव-दुर्गा के मंदिर में जाकर प्रसाद चढ़ाना चाहिए।
- साधक को इस साधना के लिए अनुमति मांगनी चाहिए और मंदिर में वाराही मंत्र का 21 बार जाप करना चाहिए।
- फिर, साधक को उस रात्रि को अपने घर पर ही मंत्र का जाप करना चाहिए।
- पूजा के दौरान घर में घी का दीपक जलाना चाहिए।
- गुरु और अन्य देवी-देवताओं की पूजा करें।
- रूद्राक्ष माला या कमलघट्टा माला की सहायता से 21 दिन तक हर रात एक माला जाप करें।
- प्रसाद के रूप में आलू या शकरकंद, दूध और केला चढ़ाएं।
- अगले दिन, सूअरों को आलू या शकरकंद खिलाएं और दूध और केला परिवार के सदस्यों में बांटें।
21 दिनों के बाद, सिद्धि प्राप्त करने के बाद, गुरु को 21 बार मंत्र का जाप करने की अनुमति हो सकती है और संक्रमित व्यक्ति को अभिमंत्रित जल या मिश्री देने का कार्य किया जा सकता है।
यह मंत्र बहुत ही शक्तिशाली है और मैली विद्या को त्वरित रूप से दूर कर सकता है।
विधि:
रात्रि के समय, 21 दिनों तक प्रतिदिन एक माला का जप करें। शुभ मंगलवार या शनिवार को इस साधना की शुरुआत करें। साधना करने से पहले, भगवान लक्ष्मी-नारायण या शिव-दुर्गा के मंदिर में जाकर 21 बार मंत्र का जप करें।
फिर, घर में रात्रि के समय साधना करें। घी का दीपक जलाएं। प्रतिदिन कच्चे आलू या शकरकंद का प्रसाद, और दूध और केले का प्रसाद बनाएं और चढ़ाएं। दूसरे दिन सुबह, आलू या शकरकंद का सेवन करें।
दूध और केले का प्रसाद स्वयं लें और घर के लोगों को दें। रुद्राक्ष माला, रक्तचंदन या कमलगट्टे की माला का उपयोग करें। इस प्रकार, 21 दिनों की साधना से यह मंत्र सिद्ध होता है।
इस मंत्र का जप करने से नजरें झुकती हैं, झाड़ा लगता है और नकारात्मक शक्तियों से बचाव किया जा सकता है। जल या बताशे को मंत्र से अभिमंत्रित करने से मैली विद्या का प्रभाव दूर होता है।
स्वप्न वाराही सिद्धी

यह एक अनूठी साधना है जिससे सफलता प्राप्त करना सुलभ है, लेकिन इसे विवेकपूर्वक और जिम्मेदारी से ही अपनाना चाहिए। इस साधना का उपयोग केवल उन स्थितियों में करें जब आप किसी कठिनाई में फसे हुए हों और समस्या से बाहर निकलने का कोई अन्य उपाय नहीं मिल रहा हो।
कृपया ध्यान दें कि इस साधना का अव्यवसायिक उपयोग, जैसे कि सट्टा या लॉटरी के नंबरों की भविष्यवाणी के लिए, गलत हो सकता है और इससे नुकसान हो सकता है। इसलिए, कभी भी ऐसे प्रयासों से बचें जो गैर-उचित और अनैतिक हो सकते हैं।
स्वप्न वाराही साधना विधि:-
सोने से पहले जिस जगह पर आप सोते हैं, उसे साफ-सुधरा करें और चादर को भी स्वच्छ रखें।
सोने से पहले 21 दिन तक रात्रि में 3 माला जाप करें। इस साधना के माध्यम से सफलता प्राप्त होती है।
जब आपको किसी सवाल का उत्तर चाहिए हो, तो ‘स्वप्न वाराही’ से प्रार्थना करें और अपना सवाल बताएं। इसके बाद, 11 बार मंत्र का जाप करके निद्रा करें। इस विधि से आपको समस्या का समाधान स्वप्न में प्राप्त होगा।
स्वप्न वाराही मंत्र:
ll ओम ह्रीं नमो वाराहि अघौरे स्वप्न दर्शय दर्शय ठ: ठ: स्वाहा ll
ध्यान दें , 21 दिनों तक, प्रतिदिन 3 माला का जाप करना है। इस साधना में, दिशा, वस्त्र, और माला का कोई विशेष विधान नहीं है, इसलिए आपको इस पर चिंता करने की आवश्यकता नहीं है
वाराही मूल मंत्र

वाराही मूल मंत्र एक शक्तिशाली मंत्र है, जिसमें मां वाराही से संबंधित मंत्रों का सार है, जो भगवान विष्णु के वराह अवतार की पत्नी हैं। वाराही लक्ष्मी का यह दूसरा रूप है, जो धन की देवी है। लक्ष्मी जहां धन प्रदान करती हैं, वहीं वाराही देवी दुर्भाग्य को दूर करती हैं। “वाराह मूल मंत्र” का जाप करने से कालसर्प दोष और अन्य दोष भी दूर हो सकते हैं। इस श्री महा वाराही मूल मंत्र को हिंदी में गीत पीडीएफ के रूप में प्राप्त करें और वाराही देवी की कृपा के लिए इसका भक्तिपूर्ण जाप करें।
ऐं ग्लौ ऐं
नमो भगवती वार्ताली वार्ताली वाराही वाराही वराहमुखी वराहमुखी अंधे अंधिनी नमः रूंधे रूंधिनी नमः जम्भे जम्भिनी नमः मोहे मोहिनी नमः स्तम्भे स्तम्भिनी नमः हुं फट् स्वाहा।
यदि वराही मूल मंत्र का 48 दिनों तक दिन में 3, 21, या 108 बार जाप किया जाए, तो कालसर्प दोष या आपकी कुंडली में कोई त्रुटि सुधारी जा सकती है। वराही देवी को अनार के फल, गुड़ का शरबत, और पुलिहोरा का भोग अर्पित किया जा सकता है। ब्रह्म मुहूर्त में देवी वरही की पूजा करने से अद्भुत फल प्राप्त हो सकता है।
वराही देवी के सभी मंत्र Pdf
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वाराही किसका अवतार हे ?
विष्णु अवतारों में एक अवतार हैं जिन्होंने अपने वाराह रूप में पृथ्वी को सुरक्षित करने के लिए अवतार लिया था। इस प्रकार, वाराही देवी भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के परम भक्तों में श्रद्धा और भक्ति की प्रतीक हैं।
वाराही गायत्री मंत्र क्या हे?
वाराही गायत्री मंत्र –
ॐ महिषध्वजयै विद्महे
दंडहस्तैै धीमहि
तन्नो वरही प्रचोदयात ||
वाराही शाबर मंत्र का जाप कौन से माला से करें ?
वाराही शाबर मंत्र का जाप करते समय, आप रूद्राक्ष माला या कमलघट्टा माला का उपयोग कर सकते हैं। दोनों ही मालाएँ परंपरागत रूप से मंत्र जाप के लिए प्रचलित हैं और यह आपके ध्यान को संरक्षित रखने में मदद कर सकती हैं।