Ganesh Ji Ki Aarti : गणेश जी की आरती हमारे हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखती है। इस आरती का पाठ करने से हम गणेश जी की पूजा और आराधना में भक्ति और श्रद्धा के साथ समर्पित होते हैं। गणेश जी हमारे जीवन के शुभ आरंभ के द्वारपाल हैं और उनकी आरती गृह में सुख, समृद्धि और सम्पत्ति की प्राप्ति के लिए आशीर्वाद की प्राप्ति करने का माध्यम होती है। इस आरती के पवित्र शब्दों के माध्यम से हम गणेश जी की महिमा और शक्ति का स्तुति करते हैं और उनके आशीर्वाद से हमें जीवन में सफलता की प्राप्ति होती है।
Ganesh Ji Ki Aarti । श्री गणेश जी की आरती
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी,
माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी।
पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा।।
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ..
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जय बलिहारी।
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।