रुद्राभिषेक पूजन सामग्री लिस्ट :पूरी लिस्ट, विधि और महत्व

रुद्राभिषेक पूजा को विधिपूर्वक संपन्न करने के लिए विशेष प्रकार की पूजन सामग्री की आवश्यकता होती है। इस सामग्री का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह शिवजी की पूजा में इस्तेमाल होने वाले तत्वों का प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व करती है। सही और शुद्ध सामग्री का उपयोग रुद्राभिषेक में शिवजी की कृपा प्राप्ति और मनोकामनाओं की पूर्ति में सहायक होता है। इस पूजा के दौरान भक्तजन शुद्धता, भक्ति, और संकल्प के साथ इन सामग्रियों का उपयोग करते हैं, जिससे पूजा का प्रभाव अधिक शक्तिशाली और फलदायी हो जाता है।

सत्यनारायण पूजा सामग्री लिस्ट: क्या चाहिए, कितनी मात्रा में

रुद्राभिषेक पूजन सामग्री लिस्ट

सामग्री मात्रा
रोली 50 ग्राम
हल्दी50 ग्राम
कलावा (मौली) 5 पैकेट
सिंदूर1 पैकेट
लौंग एवं इलायची1 + 1 पैकेट
सुपारी11 नग
अबीर 1 पैकेट
गुलाल1 पैकेट
अभ्रक50 ग्राम
लाल चन्दन बुरादा50 ग्राम
श्वेत चन्दन50 ग्राम
अष्टगंध चन्दन50 ग्राम
महाराजा चन्दन1 पैकेट
कुमकुम पीला1 पैकेट
शहद1 शीशी
इत्र1 शीशी
चमेली का तेल1 शीशी
गंगाजल बड़ी बोतल1 शीशी
गुलाबजल बड़ी1 शीशी
केवड़ा जल1 शीशी
कमल बीज50 ग्राम
सप्तधान्य 50 ग्राम
काला तिल50 ग्राम
जौ50 ग्राम
गुर्च50 ग्राम
लाल कपडा1 मीटर
पीला कपडा सूती1 मीटर
श्वेत कपडा1 मीटर
पिली सरसो1 पैकेट
जनेऊ8 नग
धूपबत्ती2 पैकेट
भस्म1 पैकेट
शमीपत्र1 पैकेट
रूईबत्ती1 पैकेट
घी250 ग्राम
कपूर50 ग्राम
भांगगोला1 नग
पानी नारियल स्नान हेतु2 नग
दोना बड़ा साइज1 पैकेट
दियाळी15 नग
पञ्चमेवा200 नग
चीनी500 ग्राम
चावल250 ग्राम
पार्वती जी के लिए साडी1 नग
शृंगार सामग्री1 सेट
चांदी अथवा सवर्णाभूषणनिष्ठानुसार
भोलेनाथ हेतु वस्त्र -धोती गमछा आदि
चांदी का सिक्का (किसी देवता की आकृति विहीन)
गन्ने का रस1 + 1 लीटर
कुम्हार की मिटटी गिली वाली7 किलो
पान के पते बड़े साइज11 नग
फल एवं मिठाई आवश्यकतानुसार
गुलाब फूल2 किलो
सुरजमुखी श्वेत एवं पित पुष्प1 किलो
गेंदा के फूल1 किलो
चांदनी के फूल1 किलो
नवरग के फूल1 किलो
मदार के पुष्प250 ग्राम
धूतर पुष्प एवं फल
तुलसी मंजरी
कमल पुष्प21 या 51 या 108 नग
बेलपत्र 108 पीस
हरी भांग200 ग्राम
रुद्राक्ष माला1 नग
फलो का जूस स्नान  हेतु1 + 1
दूर्वा हरीहरी अंकुरित
फूलो की लड़ी (सजावट एवं शृंगार करना करने के लिए ) 
दूध5 अथवा 7 लीटर
दही1 किलो
बड़ी (फूलसाइज)  की परांत एवं चौकी , वस्त्रादि – पंडित के अनुसार करे | 

रुद्राभिषेक पूजन सामग्री लिस्ट पूरी लिस्ट, विधि और महत्व
रुद्राभिषेक पूजन सामग्री लिस्ट

रुद्राभिषेक का महत्व

रुद्राभिषेक शिव पूजा का एक अत्यंत महत्वपूर्ण अंग माना जाता है, जिसे शिव भक्त बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ संपन्न करते हैं। इस पूजा का प्रमुख उद्देश्य शिव के आशीर्वाद और कृपा की प्राप्ति होती है। रुद्राभिषेक के माध्यम से भक्त शिव के गुणों, महत्व और उनकी महिमा का गुणगान करते हैं, जो उनके मानसिक, शारीरिक, और आध्यात्मिक विकास का मार्ग प्रशस्त करता है।

रुद्राभिषेक का लाभ

रुद्राभिषेक के लाभ:

  1. शारीरिक और मानसिक शक्ति में वृद्धि: रुद्राभिषेक के माध्यम से व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक शक्ति मिलती है, जिससे वह जीवन की कठिनाइयों का सामना करने में सक्षम होता है।
  2. सुख और समृद्धि की प्राप्ति: इस पूजा के माध्यम से भक्त को जीवन में सुख और समृद्धि प्राप्त होती है, जिससे उसका जीवन खुशहाल बनता है।
  3. मोक्ष की प्राप्ति: रुद्राभिषेक करने से व्यक्ति को मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है, जो उसे जीवन-मृत्यु के चक्र से मुक्ति दिलाता है।
  4. मनोकामनाओं की पूर्ति: इस पूजा से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं और उसे शिव की कृपा मिलती है।

रुद्राभिषेक क्यों किया जाता है?

शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव को उनका रुद्र रूप अत्यंत प्रिय होता है। रुद्राभिषेक का आयोजन विशेष रूप से इसलिए किया जाता है क्योंकि यह भगवान शिव के रुद्र रूप की पूजा का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। इस पूजा के द्वारा शिव भक्त अपनी हर मनोकामना की पूर्ति के लिए शिवजी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। जब भक्तजन रुद्राभिषेक करते हैं, तो भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं और इस रूप में वे अपने भक्तों को मनचाहा वरदान प्रदान करते हैं। रुद्राभिषेक के माध्यम से शिवजी का आशीर्वाद प्राप्त कर व्यक्ति अपने जीवन की कठिनाइयों को दूर कर सकता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति कर सकता है।

रुद्राभिषेक विधि

रुद्राभिषेक पूजा के लिए सबसे पहले शुभ मुहूर्त का चयन किया जाता है। इस समय पर तैयार होकर पूजा स्थल को साफ-सुथरा और ध्यानयोग्य बनाया जाता है। पूजा की शुरुआत गणेश जी की पूजा से होती है, ताकि पूजा बिना किसी विघ्न के सफलतापूर्वक संपन्न हो सके। इसके बाद, शिवलिंग को एक पात्र में स्थापित किया जाता है और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का उच्चारण किया जाता है।

शिवलिंग को जल से स्नान कराया जाता है और शुद्ध पानी से धोया जाता है, जिससे वह पवित्र हो जाए। इसके बाद, शिवलिंग को धूप, दीपक, गंध और फूलों से सजाया जाता है। पूजा सामग्री को अपने हाथों में लेकर मंत्रों के उच्चारण के साथ शिवलिंग पर जल से अभिषेक किया जाता है। पूजा समाप्त होने के बाद, आरती की जाती है और भगवान शिव को प्रणाम किया जाता है। अंत में, प्रसाद बांटकर पूजा स्थल को साफ किया जाता है।

रुद्राभिषेक मंत्र

शिवलिंग का जलाभिषेक करते समय निम्न मंत्र का उच्चारण करना चाहिए:

‘श्रीभगवते साम्बशिवाय नमः। स्नानीयं जलं समर्पयामि।’

इस मंत्र के साथ शिवलिंग पर जल चढ़ाने से पूजा अधिक प्रभावशाली मानी जाती है और भक्त को शिवजी की कृपा प्राप्त होती है।

गाय के दूध से रुद्राभिषेक कैसे करें

गाय का दूध भगवान शिव को अत्यंत प्रिय माना जाता है, और इसका उपयोग रुद्राभिषेक में विशेष रूप से शुभ माना जाता है। यदि आप शाम के समय भगवान शिव का गाय के ताजे दूध से अभिषेक करते हैं, तो माना जाता है कि भोलेनाथ शीघ्र प्रसन्न होते हैं और आपकी मनोकामनाओं को शीघ्र पूर्ण करते हैं।

गाय के दूध से रुद्राभिषेक करने की विधि इस प्रकार है:

सबसे पहले शिवलिंग को शुद्ध जल से स्नान कराएं। इसके बाद, गाय के ताजे दूध को एक पात्र में रखें। पूजा स्थल पर ध्यानपूर्वक बैठकर “ॐ श्री कामधेनवे नम:” मंत्र का उच्चारण करें और फिर शिवलिंग पर धीरे-धीरे गाय का दूध चढ़ाएं।

इस प्रक्रिया के दौरान, “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करते हुए लाल फूलों की कुछ पंखुड़ियों को शिवलिंग पर अर्पित करें। इसके साथ ही, गाय के दूध की पतली धार बनाते हुए “ॐ सकल लोकैक गुरुर्वै नम:” मंत्र का जाप निरंतर करते रहें।

इस प्रकार के रुद्राभिषेक से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्त की सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होती हैं।

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