गणेश पूजन सामग्री लिस्ट उन वस्तुओं का संग्रह है जो भगवान गणेश की पूजा के लिए आवश्यक होती हैं। गणेश उत्सव के दौरान, भक्तजन इन सामग्रियों का उपयोग करके विधिपूर्वक पूजा करते हैं ताकि भगवान गणेश की कृपा प्राप्त की जा सके।
सही सामग्री का चयन पूजा की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस लिस्ट में फूल, फल, मिठाई, धूप, दीपक, और अन्य पूजन सामग्री शामिल होती हैं, जो पूजा के दौरान भक्तों को शुभता और समृद्धि का अनुभव कराती हैं। इस सामग्री के माध्यम से भक्त गणेश जी का स्वागत करते हैं और उनकी कृपा से अपने जीवन में सुख-शांति की प्रार्थना करते हैं।
गणेश पूजन सामग्री लिस्ट | Ganesh Pujan Samagri List
गणेश उत्सव को पूर्ण विधि-विधान के साथ सम्पन्न करने के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होगी:
सामग्री | मात्रा |
रोली | 1 पैकेट |
कलावा (मौली) | 2 पैकेट |
सिंदूर | 1 पैकेट |
लौंग | 1 पैकेट |
इलायची | 1 पैकेट |
सुपारी | 11 नग |
शहद | 1 शीशी |
इत्र | 1 शीशी |
गंगाजल | 1 शीशी |
गुलाब जल | 1 बड़ी बोतल |
अबीर | 1 पैकेट |
गुलाल | 1 पैकेट |
हल्दी | 50 ग्राम |
गरिगोला | 1 नग |
पानी नारियल | 1 पैकेट |
लाल कपड़ा | आधा मीटर |
पिली सरसों | 50 ग्राम |
कलश | 1 (अगर कोई धातु का कलश घर पर हो तो ना खरीदे ) |
सकोरा | 04 नग |
दियाली | 15 नग |
जनेऊ | 4 नग |
माचिस | 1 नग |
नवग्रह चावल | 1 पैकेट |
धूपबत्ती | 1 पैकेट |
कपूर | 50 ग्राम |
रूईबत्ती गोल वाली | 1 पैकेट |
देशी घी | 500 ग्राम |
आम का लकड़ी | 2 किलो |
पानी का नारियल | 2 नग |
पिली सरसो | 50 ग्राम |
चावल | 09 या 11 किलो |
नवग्रह समिधा | 1 पैकेट |
हवन सामग्री | 500 ग्राम |
फूल, फूलमाला,दूर्वा, दूर्वा की माता, फल , मिठाई , | – |
पान के पते | 5 नग |
पञ्चामृत, मोदक, विशेष व्यंजन का भोग नित्य | – |
विशेष: जिन भक्तों को हवन नहीं कराना है, उन्हें नवग्रह समिधा हवन सामग्री और आम की लकड़ी लेने की आवश्यकता नहीं होती।
इसके अतिरिक्त, यह भी सुनिश्चित करें कि गणेश जी की प्रतिमा जो आप खरीद रहे हैं, वह सुंदर, अखंडित हो, मूषक के साथ हो, और पानी में विसर्जन के बाद आसानी से घुलने वाली हो।
गणेश उत्सव मनाने की विधि
गणेश उत्सव मनाने के लिए सबसे पहले पूजा स्थल को सुगंधित और स्वच्छ बनाएं, जहां गणेश जी की मूर्ति स्थापित की जाएगी। मूर्ति को पूजा स्थल पर स्थापित करने के बाद, इसे सुंदर बनाने के लिए पुष्प, दीपक, रोली, अक्षत, धूप, और लाल वस्त्र का उपयोग करें। देवी-देवताओं के पुष्प और नागदेवता की मूर्ति भी रखें।
गणेश जी की पूजा के लिए घी दिया, पुष्प, अक्षत, रोली, लाल वस्त्र, मिठाई, और फल का आयोजन करें। गणेश चालीसा, आरती और मंत्रों का जाप करें। पूजा के बाद भक्तों को भगवान गणेश का प्रसाद वितरित करें।
गणेश उत्सव को परिवार के साथ मनाएं और व्रत का पालन करें। उत्सव के दौरान गणेश जी के भजन गाएं और सभी को निमंत्रित करें। अंत में, गणेश उत्सव समाप्त करने के लिए मूर्ति को नदी, झील या समुद्र में विसर्जित करें। सभी लोग मिलकर गणेश जी की मूर्ति को पानी में ले जाकर विदाई करें।
भगवान श्री गणेश के बारह नाम और उनके अर्थ
भगवान श्री गणेश को प्रथम पूज्य देवता माना जाता है। उनके बारह नामों का स्मरण और उच्चारण विशेष महत्व रखता है, और इससे जीवन की बाधाएं और परेशानियाँ दूर होती हैं। इन नामों के नियमित जाप से रुके हुए कार्य भी आसानी से संपन्न हो जाते हैं। गणेश के ये बारह नाम विशेष रूप से विवाह, यात्रा, रोजगार के शुभारंभ, और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में सहायक माने जाते हैं।
इन बारह नामों को संकटनाशक स्त्रोत भी कहा जाता है क्योंकि ये विपरीत परिस्थितियों में रक्षा सूत्र का काम करते हैं। निम्नलिखित हैं भगवान गणेश के बारह नाम और उनके अर्थ:
- सुमुख – सुंदर मुख वाले।
- लम्बोदर – लंबा पेट वाले।
- विध्नहर्ता – विघ्नों को हरने वाले।
- एकदंत – एक दांत वाले।
- विनायक – न्याय करने वाले।
- कपिल – कपिल वर्ण वाले।
- विकट – विपत्ति का नाशक।
- गजानन – हाथी के समान मुख वाले।
- धूम्रकेतु – धुएं के रंग वाली पताका वाले।
- भालचंद्र – चंद्रमा के समान मस्तक वाले।
- गणाध्यक्ष – गुणों के अध्यक्ष।
- विघ्ननाशक – विघ्नों का नाश करने वाले।