श्री विश्वकर्मा प्रार्थना
हे विश्वकर्मा ! परम प्रभु !, इतनी विनय सुन लीजिये।
दु:ख दुर्गुणो को दूर कर, सुख सद् गुणों को दीजिये।।
ऐसी दया हो आप की, सब जन सुखी सम्पन्न हों।
कल्याण कारी गुण सभी में, नित नये उत्पन्न हों।।
प्रभु विघ्न आये पास ना, ऐसी कृपा हो आपकी।
निशिदिन सदा निर्मय रहें, सतांप हो नहि ताप की।।
कल्याण होये विश्व का, अस ज्ञान हमको दीजिये।
निशि दिन रहें कर्त्तव्य रल, अस शक्ति हमनें कीजियें।।
तुम भक्त – वत्सल ईश हो, `भौवन` तुम्हारा नाम है।
सत कोटि कोट्न अहर्निशि, सुचि मन सहित प्रणाम है।।
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