भगवान विश्वकर्मा स्तुति मंत्र, पूजा मंत्र और महामंत्र

भगवान विश्वकर्मा को हिंदू धर्म में सृजन, निर्माण, और शिल्पकला के अधिष्ठाता देवता के रूप में पूजा जाता है। उन्हें विश्व के प्रथम वास्तुकार और महान शिल्पी के रूप में जाना जाता है, जिनकी कल्पना और निर्माण की शक्ति से देवताओं के महल, अस्त्र-शस्त्र और अन्य महत्वपूर्ण वस्तुओं का निर्माण हुआ। विश्वकर्मा पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण होती है जो किसी न किसी रूप में शिल्पकला, निर्माण कार्य, या उद्योगों से जुड़े होते हैं।

यह पूजा हर साल कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाती है, जो सितंबर में पड़ती है। इस दिन भगवान विश्वकर्मा की स्तुति और पूजन विशेष रूप से की जाती है ताकि सभी प्रकार के निर्माण कार्यों में सफलता प्राप्त हो और बाधाओं से मुक्ति मिले।

भगवान विश्वकर्मा स्तुति मंत्र, पूजा मंत्र और महामंत्र क्या हैं और उनका क्या महत्व है? इस ब्लॉग में जानें इन पवित्र मंत्रों का अर्थ, उपयोग और भगवान विश्वकर्मा की कृपा से जीवन में शांति, समृद्धि और सफलता प्राप्त करने के उपाय।

विश्वकर्मा स्तुति मंत्र: (Vishwakarma Stuti Mantra)

भगवान विश्वकर्मा स्तुति मंत्र, पूजा मंत्र और महामंत्र
भगवान विश्वकर्मा स्तुति मंत्र, पूजा मंत्र और महामंत्र

भगवान विश्वकर्मा की स्तुति में विशेष मंत्र का उच्चारण किया जाता है। इस मंत्र के माध्यम से उनके आशीर्वाद की प्रार्थना की जाती है, ताकि व्यक्ति के सभी कार्य शुभ और सफलतापूर्वक संपन्न हों।

“नमस्ते विश्वकर्माय, त्वमेव कर्तृता सदा।
शिल्पं विधाय सर्वत्र, त्वं विश्वेशो नमो नमः।।”

मंत्र का अर्थ:
इस स्तुति मंत्र में भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि के कर्ता और समस्त शिल्पकला के देवता के रूप में पूजित किया जाता है। यह मंत्र उनके सृजनात्मक कार्यों की प्रशंसा करते हुए उनके चरणों में नमन करता है। व्यक्ति इस मंत्र का पाठ करके अपने जीवन और कार्यों में उनकी कृपा की कामना करता है।

विश्वकर्मा पूजा मंत्र:(Vishwakarma Puja Mantra)

विश्वकर्मा पूजा के दौरान एक विशेष मंत्र का उच्चारण किया जाता है। इस मंत्र के द्वारा भगवान विश्वकर्मा की शक्ति, अनंतता और उनकी महानता की सराहना की जाती है।

“ॐ आधार शक्तपे नमः,
ॐ कूमयि नमः,
ॐ अनंतम नमः,
ॐ पृथिव्यै नमः,
ॐ विश्वकर्मणे नमः।।”

मंत्र का अर्थ:
इस पूजा मंत्र में भगवान विश्वकर्मा की आधारशक्ति, उनके अनंत स्वरूप और पृथ्वी की सृजनात्मक शक्तियों का गुणगान किया गया है। इस मंत्र का उच्चारण करते हुए भक्त भगवान विश्वकर्मा से आशीर्वाद की प्रार्थना करते हैं ताकि उनके संरक्षण में सभी निर्माण कार्य सफलता से पूरे हों। पूजा के दौरान यह मंत्र विशेष रूप से प्रभावी माना जाता है क्योंकि यह व्यक्ति के जीवन और कार्यों में पवित्रता और शांति लाने में सहायक होता है।

विश्वकर्मा महामंत्र: (Vishwakarma Maha Mantra)

विश्वकर्मा महामंत्र भगवान की सृजनात्मक शक्ति और उनकी महिमा का वर्णन करता है। इस महामंत्र का उच्चारण व्यक्ति के जीवन और कार्यक्षेत्र में सकारात्मक ऊर्जा और प्रगति का अनुभव कराने के लिए किया जाता है।

“ॐ विश्वकर्मण नमस्तुभ्यं विश्वसर्जनकारक।
भवस्य सर्वधात्री त्वं पूजां मे प्रतिगृह्यताम्।।”

मंत्र का अर्थ:
इस महामंत्र में भगवान विश्वकर्मा को पूरे ब्रह्मांड के सृजनकर्ता और जीवन के प्रत्येक पहलू में धारणकर्ता के रूप में पूजित किया गया है। यह मंत्र भगवान की महिमा का गुणगान करता है और उनसे जीवन में सफलता और समृद्धि की प्रार्थना करता है। इसका नियमित उच्चारण व्यक्ति को आत्मविश्वास, ऊर्जा और समृद्धि प्रदान करता है।


विश्वकर्मा पूजा का महत्व:

भगवान विश्वकर्मा की पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए की जाती है जो निर्माण, शिल्पकला, उद्योग, और फैक्टरी कार्यों से जुड़े होते हैं। इस पूजा का उद्देश्य भगवान से आशीर्वाद प्राप्त करना होता है ताकि किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य में विघ्न न आए और वह सफलतापूर्वक संपन्न हो।

इस दिन विशेष रूप से फैक्ट्रियों, उद्योगों, और अन्य शिल्पकारों के कार्यस्थलों पर भगवान विश्वकर्मा की मूर्तियों या चित्रों की स्थापना की जाती है और पूजा की जाती है। मशीनों और उपकरणों की सफाई की जाती है और उन पर फूल, चावल, और हल्दी का छिड़काव किया जाता है ताकि वे भगवान की कृपा से संरक्षित रहें और सुचारू रूप से कार्य करें।

विश्वकर्मा पूजा और मंत्रों का प्रभाव:

भगवान विश्वकर्मा की पूजा और उनके मंत्रों का जप जीवन में शांति, समृद्धि, और संतुलन लाने में अत्यधिक प्रभावी माना जाता है। इन मंत्रों का नियमित जप व्यक्ति के जीवन में सृजनात्मक ऊर्जा का संचार करता है, जिससे उसके कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती है।

स्तुति मंत्र, पूजा मंत्र, और महामंत्र का उच्चारण न केवल व्यक्ति के निर्माण कार्यों को सफल बनाता है, बल्कि उसके जीवन के हर पहलू में शांति और समृद्धि लाता है। इस पूजा के द्वारा व्यक्ति भगवान विश्वकर्मा से जीवन में मार्गदर्शन, सफलता, और समृद्धि की प्रार्थना करता है।

निष्कर्ष:
विश्वकर्मा पूजा और उनसे संबंधित मंत्रों का उच्चारण भगवान की कृपा प्राप्त करने का एक सशक्त माध्यम है। इन मंत्रों से प्राप्त शक्ति और ऊर्जा व्यक्ति को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और समृद्धि दिलाती है, विशेष रूप से उन कार्यों में जो शिल्प, निर्माण, या कला से जुड़े होते हैं।

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