मेधा सूक्त पाठ |Medha Suktam Sanskrit
ॐ यश्छन्द’सामृषभो विश्वरू’पः |
छन्दोभ्योऽध्यमृता”थ्सम्बभूव’ |
स मेन्द्रो’ मेधया” स्पृणोतु |
अमृत’स्य देवधार’णो भूयासम् |
शरी’रं मे विच’र्षणम् |
जिह्वा मे मधु’मत्तमा |
कर्णा”भ्यां भूरिविश्रु’वम् |
ब्रह्म’णः कोशो’ऽसि मेधया पि’हितः |
श्रुतं मे’ गोपाय ‖
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः’ ‖
ॐ मेधादेवी जुषमा’णा न आगा”द्विश्वाची’ भद्रा सु’मनस्य मा’ना |
त्वया जुष्टा’ नुदमा’ना दुरुक्ता”न् बृहद्व’देम विदथे’ सुवीरा”ः |
त्वया जुष्ट’ ऋषिर्भ’वति देवि त्वया ब्रह्मा’ऽऽगतश्री’रुत त्वया” |
त्वया जुष्ट’श्चित्रं वि’न्दते वसु सा नो’ जुषस्व द्रवि’णो न मेधे ‖
मेधां म इन्द्रो’ ददातु मेधां देवी सर’स्वती |
मेधां मे’ अश्विना’वुभा-वाध’त्तां पुष्क’रस्रजा |
अप्सरासु’ च या मेधा गं’धर्वेषु’ च यन्मनः’ |
दैवीं” मेधा सर’स्वती सा मां” मेधा सुरभि’र्जुषताग् स्वाहा” ‖
आमां” मेधा सुरभि’र्विश्वरू’पा हिर’ण्यवर्णा जग’ती जगम्या |
ऊर्ज’स्वती पय’सा पिन्व’माना सा मां” मेधा सुप्रती’का जुषन्ताम् ‖
मयि’ मेधां मयि’ प्रजां मय्यग्निस्तेजो’ दधातु
मयि’ मेधां मयि’ प्रजां मयीन्द्र’ इंद्रियं द’धातु
मयि’ मेधां मयि’ प्रजां मयि सूर्यो भ्राजो’ दधातु ‖
ॐ हंस हंसाय’ विद्महे’ परमहंसाय’ धीमहि |
तन्नो’ हंसः प्रचोदया”त् ‖
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः’ ‖
मेधा सूक्त के लाभ | Medha Suktam Benefits
- मेधा-सूक्तम विद्यार्थियों को बहुत लाभ पहुंचाता है। शिक्षण कार्य के दौरान 51 बार मंत्र का जप करने की सलाह दी जाती है।
- थकान और काम में सुस्ती महसूस होने पर मेधा सूक्तम के 51 मंत्रों का ध्यान करने से ताजगी मिलती है।
- नई विधा या कौशल सीखते समय सूक्तम के प्रभाव में सीखने से फोकस और एकाग्रता बढ़ती है।
- मेधा सूक्तम का जप या मंत्र सुनने या मंत्र ध्यान करने से लाभ होता है।
Medha Suktam Pdf | Medha Suktam Sanskrit Pdf
FaQs
मेधा शक्ति क्या होती है?
मेधा शक्ति वह शक्ति है जो हमें स्मरण और समझ की योग्यता प्रदान करती है। ऋषि-मुनियों के अनुसार, मेधा सूक्तम के मंत्रों का उच्चारण करके हम अपनी मेधा शक्ति को विकसित कर सकते हैं।
मेधा देवी कौन है?
मेधा देवी सरस्वती है ।
मेधा सूक्तम के क्या फायदे हैं?
मेधा सूक्तम के प्रतिदिन भक्ति और ध्यान से पाठ करने से हमें एक शक्तिशाली स्मृति, प्रसिद्धि, अच्छे विचार, साहस, ज्ञान, और आंतरिक प्रकाश प्राप्त होता है। इसके साथ ही, हम रचनात्मक ऊर्जा और अच्छा स्वास्थ्य भी प्राप्त कर सकते हैं, जिससे हम न केवल मानसिक बल्कि शारीरिक रूप से भी युवा बनते हैं, चाहे हमारी उम्र कुछ भी हो।
मेधा सूक्तम कहां से है?
मेधा सूक्तम महानार्यनोपनिषद (तैत्तिरीय उपनिषद) का हिस्सा है, जो यजुर्वेद के अंग के रूप में माना जाता है। यह वैदिक भजन मेधा देवी (सरस्वती) की प्रशंसा करता है और उसके पाठ से भक्त को बुद्धि की शक्ति प्राप्त होती है।
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