साईं बाबा को हिन्दू और मुस्लिम दोनों धर्मों के लोग पूजनीय मानते हैं। उन्होंने अपने जीवन में मानवता को ही अपना धर्म माना। साईं बाबा को कई नामों से जाना जाता है, जिनमें कुछ प्रमुख नाम हैं। इस आलेख में हम साईं बाबा के १०८ मंत्र पर चर्चा करेंगे, जो उनकी उपासना और आराधना में प्रयोग किए जाते हैं और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने में सहायक साबित होते हैं।
साईं बाबा १०८ मंत्र
- ॐ श्री साईंनाथाय नमः
- ॐ लक्ष्मीनारायणाय नमः
- ॐ कृष्ण राम शिव मारूत्यादिरूपाय नमः
- ॐ शेषशयिने नमः
- ॐ गोदावरीतट शिरडीवासिने नमः
- ॐ भक्तहृदालयाय नमः
- ॐ सर्वहृन्निलयाय नमः
- ॐ भूतवासाय नमः
- ॐ भूतभविष्यद्भाववर्जनित्याय नमः
- ॐ कालातीताय नमः
- ॐ कालाय नमः
- ॐ कालकालाय नमः
- ॐ कालदर्पदमनाय नमः
- ॐ मृत्युञ्जयाय नमः
- ॐ अमर्त्याय नम:
- ॐ माभयप्रदाय नमः
- ॐ जीवधाराय नमः
- ॐ सर्वधाराय नमः
- ॐ भक्तावनसमर्थाय नम:
- ॐ भक्तवनप्रतिज्ञाय नम:
- ॐ अन्नवस्त्रदाय नमः
- ॐ आरोग्यक्षेमदाय नमः
- ॐ धानमांगल्यप्रदाय नमः
- ॐ बुद्धिसिद्धिप्रदाय नमः
- ॐ पुत्रमित्रकलत्रबंधुदाय नमः
- ॐ योगक्षेमवहाय नमः
- ॐ आपदबांधवाय नम:
- ॐ मार्गबन्धवे नमः
- ॐ भुक्तिमुक्तिस्वर्गापवर्गदाय नम:
- ॐ प्रियाय नम:
- ॐ प्रीतिवर्धनाय नमः
- ॐ अन्तर्यामिने नमः
- ॐ सच्चिदात्मने नमः
- ॐ नित्यानन्दाय नमः
- ॐ परमसुखदाय नमः
- ॐ परमेश्वराय नमः
- ॐ परबृह्मणे नमः
- ॐ परमात्मने नमः
- ॐ ज्ञानस्वरूपिणे नमः
- ॐ जगतपित्रे नमः
- ॐ भक्तानाम मातृ धातू पितामहाय नमः
- ॐ भक्त अभय प्रदाय नमः
- ॐ भक्त प्रदीनाय नमः
- ॐ भक्तानुग्रहकराय नम:
- ॐ शरणागतवत्सलाय नम:
- ॐ भक्तिशक्ति प्रदाय नमः
- ॐ ज्ञानवैराग्य प्रदाय नमः
- ॐ प्रेम प्रदाय नमः
- ॐ संशयहृदय दौर्बलय पाप कर्मवासना क्षयकराय नमः
- ॐ हृदयग्रंथी भेदकाय नमः
- ॐ कर्मध्वंसिने नमः
- ॐ शुद्धसत्वस्थिताय नमः
- ॐ गुणातीतगुणात्मने नमः
- ॐ अनन्तकल्याण गुणाय नमः
- ॐ अमितपराक्रमाय नमः
- ॐ जायिने नमः
- ॐ दुर्दशाक्षोमाय नम:
- ॐ अपराजिताय नमः
- ॐ त्रिलोकेशु अविधातगतये नमः
- ॐ अशक्यरहिताय नमः
- ॐ सर्वशक्तिमूर्तये नमः
- ॐ सुरूपसुन्दराय नम:
- ॐ सुलोचनाय नमः
- ॐ बहुरूप विश्वमूर्तये नमः
- ॐ अरुपाव्यक्ताय नमः
- ॐ अचिन्त्याय नमः
- ॐ सूक्ष्माय नमः
- ॐ सर्वान्तर्यामिने नमः
- ॐ मनोवार्ताताय नमः
- ॐ प्रेममूर्तये नमः
- ॐ सुलभदुर्लभाय नमः
- ॐ असहायसहायाय नमः
- ॐ अनाथ नाथ दीनबान्धवे नमः
- ॐ सर्वभारभृते नमः
- ॐ अकर्मानेक कर्म सुकर्मिणे नमः
- ॐ पुण्य श्रवण कीर्तनाय नम:
- ॐ तीर्थाय नमः
- ॐ वासुदेवाय नमः
- ॐ सतां गतये नमः
- ॐ सत्परायणाय नमः
- ॐ लोकनाथाय नमः
- ॐ पावनानघाय नमः
- ॐ अमृतांशवे नमः
- ॐ भास्कर प्रभवाय नम:
- ॐ ब्रह्मचर्यतपश्चर्यादिसुव्रताय नमः
- ॐ सत्यधर्मपरायणाय नमः
- ॐ सिद्धेश्वराय नमः
- ॐ सिद्धसंकल्पाय नम:
- ॐ योगेश्वराय नमः
- ॐ भगवते नमः
- ॐ भक्त वत्सलाय नम:
- ॐ सत्पुरूषाय नमः
- ॐ पुरूषोत्तमाय नमः
- ॐ सत्य तत्वबोधकाय नमः
- ॐ कामादिशद्वैरी ध्वंसिने नमः
- ॐ अभेदानन्दानुभवप्रदाय नमः
- ॐ सम सर्वमत: समताय नमः
- ॐ श्री दक्षिणामूर्तिये नमः
- ॐ श्री वेंकटेशरमणाय नमः
- ॐ अद्भूतानन्त चर्याय नम:
- ॐ प्रपन्नार्तिहराय नमः
- ॐ संसार सर्व दुःखक्षयकराय नमः
- ॐ सर्ववित्सर्वतोमुखाय नमः
- ॐ सर्वन्तर्बहिःस्थिताय नम:
- ॐ सर्वमंगलकराय नम:
- ॐ सर्वाभीष्टप्रदाय नमः
- ॐ समरसन्मार्गस्थापनाय नमः
- ॐ समर्थ सद्गुरू श्री साईंनाथाय नमः
साईं बाबा के 108 नामावली के अर्थ एबं मंत्र
क्र. सं. | नाम | अर्थ | मंत्र |
1. | साईंनाथ | प्रभु साई | ॐ श्री साईंनाथाय नमः |
2. | लक्ष्मी नारायण | लक्ष्मी नारायण के चमत्कारी शक्ति वाले | ॐ श्री साईं लक्ष्मी नारायणाय नमः |
3. | कृष्णमशिवमारूतयादिरूप | भगवान कृष्ण, शिव, राम तथा अंजनेय का स्वरूप | ॐ श्री साईं कृष्णमशिवमारूतयादिरूपाय नमः |
4. | शेषशायिने | आदि शेष पर सोने वाला | ॐ श्री साईं शेषशायिने नमः |
5. | गोदावीरतटीशीलाधीवासी | गोदावरी के तट पर रहने वाले (सिरडी) | ॐ श्री साईं गोदावीरतटीशीलाधीवासिने नमः |
6. | भक्तह्रदालय: | भक्तों के दिल में वास करने वाले | ॐ श्री साईं भक्तह्रदालयाय नमः |
7. | सर्वह्रन्निलय | सबके मन में रहने वाले | ॐ श्री साईं सर्वह्रन्निलयाय नमः |
8. | भूतावासा | सभी प्राणियों में रहने वाले | ॐ श्री साईं भूतावासाय नमः |
9. | भूतभविष्यदुभवाज्रित | भूत, भविष्य व वर्तमान का ज्ञान देने वाले | ॐ श्री साईं भूतभविष्यदुभवाज्रिताया नमः |
10. | कालातीताय: | समय से परे | ॐ श्री साईं कालातीताय नमः |
11. | काल | समय | ॐ श्री साईं कालायः नमः |
12. | कालकाल | मृत्यु के देवता का हत्यारा | ॐ श्री साईं कालकालाय नमः |
13. | कालदर्पदमन | मृत्यु का भय दूर करने वाले | ॐ श्री साईं कालदर्पदमनाय नमः |
14. | मृत्युंजय | मृत्यु पर विजय प्राप्त करने वाले | ॐ श्री साईं मृत्युंजयाय नमः |
15. | अमत्य्र | श्रेष्ठ मानव | ॐ श्री साईं अमत्य्राय नमः |
16. | मर्त्याभयप्रद | मनुष्य को मुक्ति देने वाले | ॐ श्री साईं मर्त्याभयप्रदाय नमः |
17. | जिवाधारा | जीवन का समर्थन करने वाले | ॐ श्री साईं जिवाधाराय नमः |
18. | सर्वाधारा | समस्त क्रिया का समर्थन करने वाले | ॐ श्री साईं सर्वाधाराय नमः |
19. | भक्तावनसमर्थ | भक्तों की रक्षा करने में समर्थ | ॐ श्री साईं भक्तावनसमर्थाय नमः |
20. | भक्तावनप्रतिज्ञ | रक्षा करने हेतु प्रतिज्ञाबद्ध | ॐ श्री साईं भक्तावन प्रतिज्ञाय नमः |
21. | अन्नवसत्रदाय | वस्त्र व अन्न देने वाले | ॐ श्री साईं अन्नवसत्रदाय नमः |
22. | आरोग्यक्षेमदाय | स्वास्थ्य और आराम देने वाले | ॐ श्री साईं आरोग्यक्षेमदाय नमः |
23. | धनमाङ्गल्यप्रदाय | भलाई और स्वास्थ्य का अनुदान करने वाले | ॐ श्री साईं धनमांगल्यप्रदाय नमः |
24. | ऋद्धिसिद्धिदाय | बुद्धि और शक्ति देने वाले | ॐ श्री साईं ऋद्धिसिद्धिदाय नमः |
25. | पुत्रमित्रकलत्रबन्धुदाय | पुत्र, मित्र आदि का सुख देने वाले | ॐ श्री साईं पुत्रमित्रकलत्रबन्धुदाय नमः |
26. | योगक्षेमवहाय | मनुष्य की रक्षा करने वाले | ॐ श्री साईं योगक्षेमवहाय नमः |
27. | आपदबान्धवाय | समस्या के समय भक्तों के साथ रहने वाले | ॐ श्री साईं आपदबान्धवाय नमः |
28. | मार्गबन्धवे | जीवन का मार्ग- दर्शन करने वाले | ॐ श्री साईं मार्गबन्धवे नमः |
29. | भक्तिमुक्तिस्वर्गापवर्गदाय | धन, अनन्त परमानंद और अनन्त राज्य (स्वर्ग) देने वाले | ॐ श्री साईं भक्तिमुक्तिस्वर्गापवर्गदाय नमः |
30. | प्रिय | भक्तों के प्रिय | ॐ श्री साईं प्रियाय नमः |
31. | प्रीतिवर्द्धनाय | भगवान के प्रति भक्ति बढ़ाने वाले | ॐ श्री साईं प्रीतिवर्द्धनाय नमः |
32. | अन्तर्यामी | पवित्र आत्मा | ॐ श्री साईं अन्तय्रामिणे नमः |
33. | सच्चिदात्मने | ईश्वरीय सत्य | ॐ श्री साईं सच्चिदानात्मने नमः |
34. | नित्यानन्द | हमेशा शाश्वत आनंद में डूबे रहने वाले | ॐ श्री साईं नित्यानंदाय नमः |
35. | परमसुखदाय | असीम सुख | ॐ श्री साईं परमसुखदाय नमः |
36. | परमेश्वर | प्रमुख देव | ॐ श्री साईं परमेश्वराय नमः |
37. | परब्रह्म | परम ब्रह्म | ॐ श्री साईं परब्रह्मणे नमः |
38. | परमात्मा | दिव्य आत्मा | ॐ श्री साईं परमात्मने नमः |
39. | ज्ञानस्वरूपी | बुद्धिमान व्यक्ति | ॐ श्री साईं ज्ञानस्वरूपिणे नमः |
40. | जगतपिता | ब्रह्मांड के पिता | ॐ श्री साईं जगतः पित्रे नमः |
41. | भक्तानां मातृ दातृ पितामहाय | सभी भक्तों के लिए | ॐ श्री साईं भक्तानां मतधातपितामहाय नमः |
42. | भक्ताभयप्रदाय | सभी भक्तों को शरण में लेने वाले | ॐ श्री साईं भक्ताभय प्रदाय नमः |
43. | भक्तपराधीनाय | अपने भक्तों का सारंक्षण करने वाले | ॐ श्री साईं भक्तपराधिनाय नमः |
44. | भक्तानुग्रहकातराय | अपने भक्तों को आशीर्वाद देने वाले | ॐ श्री साईं भक्तानुग्रहकातराय नमः |
45. | शरणागतवत्सलाय | भक्तों को शरण में लेने वाले | ॐ श्री साईं शरणागतवत्सलाय नमः |
46. | भक्तिशक्तिप्रदाय | अपने भक्तों को ताकत देने वाले | ॐ श्री साईं भक्तिशक्तिप्रदाय नमः |
47. | ज्ञानवैराग्यप्रदाय | बुद्धि और त्याग करने वाले | ॐ श्री साईं ज्ञानवैराग्यपदाय नमः |
48. | प्रेमप्रदाय | अपने सभी भक्तों पर प्रेम की नि: स्वार्थ वर्षा | ॐ श्री साईं प्रेमप्रदाय नमः |
49. | संशयह्रदय दौर्बल्यपापकर्म वासनाक्षयकराय | पाप और प्रवृत्ति की कमजोरियों को दूर करने वाले | ॐ श्री साईं संशयह्रदयदोर्बल्यपापकर्म नमः |
50. | ह्रदयग्रन्थिभेदकाय | दिल के अनुलग्नक नष्ट कर देने वाले | ॐ श्री साईं ह्रदयग्रन्थिवेदकाय नमः |
51. | कर्मध्वंसिने | पापों व बुराई नष्ट करने वाले | ॐ श्री साईं कर्मध्वंसिने नमः |
52. | शुद्ध-सत्वस्थिताय | शुद्ध, सच्चाई और अच्छाई | ॐ श्री साईं सुद्धसत्त्वस्थिताय नमः |
53. | गुनातीतगुणात्मने | सभी अच्छे गुणों को पास रखने वाले | ॐ श्री साईं गुणातीतगुणात्मने नमः |
54. | अनन्तकल्याण गुणाय | असीम अच्छे गुण वाले | ॐ श्री साईं अनन्त कल्याणगुणाय नमः |
55. | अमितपराक्रमाय | अथाह शौर्य के स्वामी | ॐ श्री साईं अमितपराक्रमाय नमः |
56. | जयिने | अजय | ॐ श्री साईं जयिने नमः |
57. | दुर्धर्षाक्षोभ्याय | अपने भक्तों के सभी आपदाओं को नष्ट करने वाले | ॐ श्री साईं दुर्घषोक्षोभ्याम नमः |
58. | अपराजिताय | सदैव वियजी रहने वाले | ॐ श्री साईं अपराजितय नमः |
59. | त्रिलोकेषु अविघातगतये | स्वतंत्रा देने वाले | ॐ श्री साईं त्रिलोकेषु अनिघातगतये नमः |
60. | सर्वशक्तिमूर्तये | सभी शक्तियों की मूर्ति | ॐ श्री साईं सर्वशक्तिमूर्तये नमः |
61. | सुरूपसुन्दराय | सुंदर | ॐ श्री साईं सुसरूपसुन्दराय नमः |
62. | सुलोचनाय | आकर्षक सुंदर और प्रभावशाली आंखें | ॐ श्री साईं सुलोचनाय नमः |
63. | बहुरूप विश्वमूर्तये | अनेक रूप वाले | ॐ श्री साईं बहुरूपविश्वमूर्तये नमः |
64. | अरूपाव्यक्ताय | अमूर्त | ॐ श्री साईं अरूपाव्यक्ताय नमः |
65. | अचिन्त्याय | सोच से परे | ॐ श्री साईं अचिन्ताय नमः |
66. | सूक्ष्माय | छोटा रूप | ॐ श्री साईं सूक्ष्माय नमः |
67. | सर्वान्तर्यामिणे | सम्पूर्ण विश्व | ॐ श्री साईं सर्वान्तय्रामिणे नमः |
68. | मनोवागतीताय | शब्द व दुनिया से परे | ॐ श्री साईं मनोवागतिताय नमः |
69. | प्रेममूर्तये | प्यार का अवतार | ॐ श्री साईं प्रेममूर्तये नमः |
70. | सुलभदुर्लभाय | जिसको पाना आसान भी और कठिन | ॐ श्री साईं सुलभदुर्लभाय नमः |
71. | असहायसहायाय | भक्तों की आस्था पर निर्भर रहने वाले | ॐ श्री साईं असहायसहायाय नमः |
72. | अनाथनाथदीनबंधवे | अनाथों के दयालु प्रभु | ॐ श्री साईं अनाथनाथदीनबन्धवे नमः |
73. | सर्वभारभृते | अपने भक्तों की रक्षा का बोझ उठाने वाले | ॐ श्री साईं सर्वभारभ्रते नमः |
74. | अकर्मानेककर्मसुकर्मिणे | महसूस न होने वाले | ॐ श्री साईं अकर्मानेककर्मसुकर्मिणे नमः |
75. | पुण्यश्रवणकीर्तनाय | सुनने योग्य | ॐ श्री साईं पुण्यश्रवणकीर्तनाय नमः |
76. | तीर्थाय | पवित्र नदियों का स्वरूप | ॐ श्री साईं तीर्थाय नमः |
77. | वासुदेव | कृष्णा का स्वरूप | ॐ श्री साईं वासुदेवाय नमः |
78. | सतां गतये | सबको शरण में रखने वाले | ॐ श्री साईं सता गतये नमः |
79. | सत्परायण | अच्छे गुण वाले | ॐ श्री साईं सत्परायणाय नमः |
80. | लोकनाथाय | विश्व के स्वामी | ॐ श्री साईं लोकनाथाय नमः |
81. | पावनानघाय | पवित्र रूप | ॐ श्री साईं पावनानधाय नमः |
82. | अमृतांशवे | दिव्य अमृत | ॐ श्री साईं अमृतांशवे नमः |
83. | भास्करप्रभाय | सूर्य की तरह चमकने वाले | ॐ श्री साईं भास्करप्रभाय नमः |
84. | ब्रह्मचर्यतपश्चर्यादिसुव्रताय | ब्रह्मचारी की तपस्या के अनुसार | ॐ श्री साईं ब्रहमचर्यतपश्चर्यादिसुव्रताय नमः |
85. | सत्यधर्मपरायणाय | सत्य और धर्म का प्रतीक | ॐ श्री साईं सत्यधर्मपराणाय नमः |
86. | सिद्धेश्वराय | समस्त आठ सिद्धि के स्वामी | ॐ श्री साईं सिद्धेश्वराय नमः |
87. | सिद्धसंकल्पाय | पूर्ण रूप से इच्छा का सम्मान करने वाले | ॐ श्री साईं सिद्धसंकल्पाय नमः |
88. | योगेश्वराय | सभी योगियों या संन्यासियों के मस्तक के समान | ॐ श्री साईं योगेश्वराय नमः |
89. | भगवते | ब्रह्मांड की प्रमुख प्रभु | ॐ श्री साईं भगवते नमः |
90. | भक्तवत्सलाय | अपने भक्तों के पराधीन | ॐ श्री साईं भक्तवत्सलाय नमः |
91. | सत्पुरुषाय | अनन्त, अव्यक्त व उत्तम पुरुष | ॐ श्री साईं सत्यपुरुषाय नमः |
92. | पुरुषोत्तमाय | उच्चतम | ॐ श्री साईं पुरुषोत्तमाय नमः |
93. | सत्यतत्वबोधकाय | सत्य और वास्तविकता की सही सिद्धांतों का उपदेश देने वाले | ॐ श्री साईं सत्यतत्वबोधकाय नमः |
94. | कामादिशड्वैरिध्वंसिने | इच्छा, क्रोध, लोभ, घृणा, शान, और वासना का नाश करने वाले | ॐ श्री साईं कामादिषडूवैरिध्वासिने नमः |
95. | समसर्वमतसम्मताय | सहिष्णु और सभी के प्रति समान | ॐ श्री साईं समसर्वमतसंमताय नमः |
96. | दक्षिणामूर्तये | भगवान शिव | ॐ श्री साईं दक्षिणामूर्तये नमः |
97. | वेंकटेशरमणाय | भगवान विष्णु | ॐ श्री साईं वेंकटेशरमणाय नमः |
98. | अद्भूतानन्तचर्याय | अनंत, अद्भुत कर्म (चमत्कार) करने वाले | ॐ श्री साईं अदभुतांतचर्याय नमः |
99. | प्रपन्नार्तिहराय | समस्याओं का नाश करने वाले | ॐ श्री साईं प्रपन्नार्तीहराय नमः |
100. | संसारसर्वदु: ख़क्षयकराय | सभी दुखों का नाश करने वाले | ॐ श्री साईं संसारसर्वदुखक्षरूपय नमः |
101. | सर्ववित्सर्वतोमुखाय | ॐ श्री साईं सर्वत्सिव्रतोपुखाय नमः | |
102. | सर्वान्तर्बहि: स्थिताय | सभी मनुष्य में मौजूद रहने वाले | ॐ श्री साईं सर्वांतर्बहिः स्थिताय नमः |
103. | सर्वमंगलकराय | भक्तों के कल्याण के शुभ करने वाले | ॐ श्री साईं सर्वमंगलकराय नमः |
104. | सर्वाभीष्टप्रदाय | भक्तों की इच्छाओं की पूर्ति करने वाले | ॐ श्री साईं सर्वाभीष्टप्रदाय नमः |
105. | समरससन्मार्गस्थापनाय | एकता का संदेश देने वाले | ॐ श्री साईं रामरसतन्मर्गस्थानपनाय नमः |
106. | समर्थसद्गुरुसाईनाथाय | श्री सद्गुरु साईंनाथ | ॐ श्री साईं समर्थसद् गुरुसाईंनाथाय नमः |
107. | अभेदानन्दानुभवरप्रदाय | आनन्द का अनुभव प्रदान करने वाले | ॐ श्री साईं अभेदानन्दानुभवरप्रदाय नमः |
108. | अशक्यरहिताय | जिनकी शक्ति से कोई बाहर नहीं | ॐ श्री साईं अशक्यरहिताय नमः |
Sai Baba 108 Mantra Benefit | श्री साईं बाबा के 108 नामावली के लाभ
श्री साईं बाबा १०८ मंत्र नाम का जप करने से हमें अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण लाभों का उल्लेख है:
- मनोकामनाओं की पूर्ति: श्री साईं बाबा के 108 नामों का जप करने से हमारी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। बाबा के नामों की शक्ति से हमारे मनोबल और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है, जिससे हम सपने पूरे करने के लिए प्रेरित होते हैं।
- कष्टों का निवारण: साईं बाबा के नामों का जप करने से हमें सभी कष्टों और परेशानियों से छुटकारा मिलता है। उनकी कृपा से हमारे जीवन में आने वाली सभी मुश्किलें हल होती हैं और हम आनंदमय जीवन जीने की क्षमता प्राप्त करते हैं।
- बाधाओं का निवारण: साईं बाबा की पूजा और उनके नामों का जप करने से हमारे जीवन से सभी बाधाएं दूर होती हैं। वे हमें अधिक समर्थ बनाते हैं और हमें सभी कठिनाइयों का सामना करने की क्षमता प्रदान करते हैं।
- आत्मविश्वास का विकास: साईं बाबा के भक्तों को उनके नामों का जप करने से अपने आत्मविश्वास में सुधार होता है। यह हमें अपने कार्यों को सफलता की ओर ले जाने में मदद करता है।
इस प्रकार, साईं बाबा १०८ मंत्र नाम का जप करने से हमें अनेक आध्यात्मिक और मानविक लाभ प्राप्त होते हैं। उनके भक्त निरंतर उनकी आराधना और नाम जप करते रहते हैं, जिससे उनका जीवन समृद्धि और शांति से भरा रहता है।
श्री साईं बाबा पूजा कैसे करें
श्री साईं बाबा की पूजा का आयोजन वीरवार के दिन किया जाता है। इसके लिए निम्नलिखित विधि का पालन किया जा सकता है:
- प्रतिमा की स्थापना: साईं बाबा की प्रतिमा को मंदिर में स्थापित करें।
- चौकी सजावट: प्रतिमा के नीचे एक चौकी रखें और उस पर पीले रंग का कपड़ा बिछाएं।
- पुष्प, धूप, और दीप: साईं बाबा की प्रतिमा के सामने फूल, धूप, और दीप जलाएं।
- साई सत्यचित्र का पाठ और नाम जाप: साईं बाबा की प्रतिमा के सामने साई सत्यचित्र का पाठ करें और उनके 108 नाम का जाप करें।
- आरती: अंत में, साईं बाबा की आरती उतारें और उनकी कृपा की प्रार्थना करें।
इस विधि का पालन करके, हम साईं बाबा के आशीर्वाद को प्राप्त करते हैं और उनकी कृपा से हमारे जीवन में सुख-शांति का अनुभव करते हैं।
साईं बाबा १०८ मंत्र Pdf | Sai Baba 108 Namavali pdf
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साईं बाबा को जल्दी कैसे खुश किया जा सकता है?
साईं बाबा को खुश करने के लिए लोग लगातार 9 गुरुवार तक व्रत रखते हैं। सुबह स्नान करने के बाद, साईं बाबा की मूर्ति को पीले वस्त्र के ऊपर रखा जाता है। फिर चंदन का टीका लगाकर लड्डू या कोई पीली चीज चढ़ाई जाती है। फिर व्रत करने का संकल्प कर इनका पाठ किया जाता है। इस प्रकार के विधियों का पालन कर साईं बाबा के आशीर्वाद को प्राप्त किया जा सकता है।
साईं बाबा जी की काकड़ आरती कितने बजे होती है?
साईं बाबा जी की काकड़ आरती सुबह 5 बजे की जाती है। यह आरती साईं बाबा के प्रात:कालिक आरती के रूप में मनाई जाती है और उनके भक्तों द्वारा समर्पित की जाती है।
साईं बाबा जी की मध्याह्न आरती कितने बजे होती है?
साईं बाबा जी की मध्याह्न आरती दोपहर 1 बजे होती है। यह आरती भक्तों के द्वारा साईं बाबा की पूजा के मध्य की जाती है और उनके आशीर्वाद का स्वागत किया जाता है।
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