भारतीय हिंदू धर्म एबं संस्कृति में देवी देवताओं का विशेष महत्व है। भारतीय पौराणिक कथाओं और तंत्रों में 108 देवी देवताओं के नाम का उल्लेख किया गया है। यह संख्या विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है और हिन्दू धर्म में अद्वितीयता का प्रतीक है। इस लेख में हम 108 देवी देवताओं के नाम के बारे में विस्तार से जानेंगे।
108 देवी देवताओं के नाम । हिन्दू देवी-देवताओं के नाम
यहां नीचे कुछ प्रमुख 108 देवी-देवताओं के नाम दिए गए हैं:
- गणेश
- गुरु
- दक्षिणामूर्ति
- दत्तात्रेय
- परमहंस
- एकदंत
- चतुर्मुखा (ब्रह्मा)
- सरस्वती
- नारायण (विष्णु)
- महालक्ष्मी
- तत्पुरुष (महादेव)
- कात्यायनी
- कृष्णा
- तारा
- वैरोचना
- त्रिपुरा देवी
- त्रिपुरा सुंदरी
- भुवनेश्वरी
- त्रिपुरा
- धूमावती
- बगलामुखी
- मातंगी
- महालक्ष्मी
- महिषासुरमर्दिनी
- तुलसी देवी
- गिरिजा (पार्वती)
- शैलपुत्री
- ब्रह्मचारिणी
- चंद्रघण्टा
- कुष्मांडा
- कुमारी (स्कंदमाता)
- कात्यायनी
- कालरात्रि
- सिद्धिदात्री
- महागौरी
- ब्रह्ममनसा (मनसा देवी)
- सुस्थिरयौवनाया
- भुवाराही
- वराही
- ज्वालामालिनी
- अन्नपूर्णा (Annapurna)
- योगिनी (Yogini)
- कामधेनुः (Kamadhenu)
- कृष्णः (Krishna)
- राधा (Radha)
- रामः (Rama)
- सीता (Sita)
- लक्ष्मणः (Lakshmana)
- हनुमत् (Hanuman)
- हरिः (Hari)
- नृसिंहः (Narasimha)
- परशुरामः (Parashurama)
- विष्णुः (Vishnu)
- शेषः (Shesha)
- गरुडः (Garuda)
- शंखः (Shankha)
- चक्रः (Chakra)
- यंत्रः (Yantra)
- शिवः (Shiva)
- स्कन्दः (Skanda)
- नंदीः (Nandi)
- वीरः (Bhairava)
- अनंगः (Kamadeva)
- वीरभद्रः (Veerbhadra)
- शरभः (Sharabha)
- क्षेत्रपालः (Kshetrapala)
- प्रणवः (Om)
- सूर्यः (Surya)
- चंद्रः (Chandra)
- भौमः (Mangal)
- बुधः (Budha)
- जीवः (Jiva)
- शुक्रः (Shukra)
- कृष्णांगः (Krishnanga)
- राहुः (Rahu)
- केतुः (Ketu)
- नवनाथः (Navanatha)
- पृथ्वी (Prithvi)
- अग्निः (Agni)
- अप्सरा (Apsara)
- पवनः (Pavana)
- आकाशः (Akasha)
- इंद्रः (Indra)
- वरुणः (Varuna)
- यमः (Yama)
- नृत्यः (Nrittya)
- वरुणः (Varuna)
- वायुः (Vayu)
- कुबेरः (Kuber)
- यक्षः (Yaksha)
- गंधर्वः (Gandharva)
- अप्सरा (Apsara)
- नागः (Naga)
- पितृः (Pitru)
- नागः (Naga)
- व्यासः (Vyasa)
- वाल्मिकि (Valmiki)
- वसिष्ठः (Vasistha)
- पराशरः (Parashara)
- विश्वामित्रः (Vishvamitra)
- अत्रिः (Atri)
- अनसूया (Anasuya)
- गौतमः (Gautama)
- मार्कंडेयः (Markandeya)
- पतंजलि (Patanjali)
- गंगा (Ganga)
- यमुना (Yamuna)
- रेवा (Revaa)
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यहां दिए गए नाम केवल कुछ मात्रा हैं और 108 देवी-देवताओं की पूरी सूची विभिन्न पुराणों, ग्रंथों और आचार्यों के अनुसार भिन्न हो सकती है। यह सूची संक्षेप मात्र है और आप विस्तृत जानकारी के लिए और संदर्भ स्रोतों का उपयोग कर सकते हैं।
108 देवी देवताओं के नाम एबं उनके विशेषताएँ । Devi Devtaon Ke Naam List
देवी/देवता | विशेषताएँ |
---|---|
गणेश | विघ्नहर्ता, ज्ञान, सफलता, बुद्धि, वाहन – मूषक |
गुरु | उद्धारक, शिक्षक, ज्ञान, मार्गदर्शन |
दक्षिणामूर्ति | ज्ञान, वैराग्य, चार मुख, वाहन – मूषक |
दत्तात्रेय | ज्ञान, वैराग्य, संतोष, तपस्या, उपासना |
परमहंस | संन्यासी, ज्ञान, अनुभव, संसार में उदार भावना |
एकदंत | विधि, ब्रह्मचर्य, संयम, एक दांत, प्रतीक – गणेश |
चतुर्मुखा | ब्रह्मा, चार मुख, सृष्टि के सिरजनहार, वाहन – हंस |
सरस्वती | ज्ञान, कला, संगीत, विद्या, वाणी, वीणा, हंस |
नारायण | विष्णु, पालनहार, शान्ति, संरक्षा, पालन, चतुर्भुजा, शेषनाग |
महालक्ष्मी | समृद्धि, ऐश्वर्य, धन, लक्ष्मी, चतुर्भुजा, पद्म, हाथी |
तत्पुरुष | महादेव, पुरुष, परमात्मा, संसार और परमार्थ का प्रतीक |
कात्यायनी | पार्वती, दुर्गा, युद्ध का प्रतीक |
कृष्णा | भगवान श्रीकृष्ण, प्रेम, लीला, वंशवाद, फ्लूट |
तारा | ज्योतिष, स्त्री देवी, स्वर्ग की सुंदरी |
वैरोचना | तपस्विनी, वैराग्य, ज्ञान, सुंदरी |
त्रिपुरा देवी | त्रिदेवी, त्रिमूर्ति शक्ति, सृष्टि, स्थिति, संहार |
त्रिपुरा सुंदरी | देवी, सौंदर्य, लालित्य, त्रिदेवी |
भुवनेश्वरी | जगती, सृष्टि, पालन, मानवी, त्रिदेवी |
त्रिपुरा | त्रिदेवी, त्रिमूर्ति शक्ति, सृष्टि, स्थिति, संहार |
धूमावती | महाविद्या, अभिचार, संहार, तांडव |
बगलामुखी | अभिचार, निग्रह, वशीकरण, बुद्धि, वक्रमुखी |
मातंगी | अभिचार, निग्रह, वशीकरण, वाणी, बाघ |
महालक्ष्मी | समृद्धि, ऐश्वर्य, धन, लक्ष्मी, चतुर्भुजा, पद्म, हाथी |
महिषासुरमर्दिनी | दुर्गा, युद्ध, रक्षा, महिषासुर मर्दिनी, देवी |
तुलसी देवी | पवित्रता, पूजा, वृंदावनी, व्रत, विष्णु पत्नी |
गिरिजा | पार्वती, शैलपुत्री, भवानी, दुर्गा, शक्ति |
शैलपुत्री | पार्वती, पहली नवरात्रि, पुत्री रूप, शैल वासिनी |
ब्रह्मचारिणी | पार्वती, दूसरी नवरात्रि, तपस्विनी, ब्रह्मचारी रूप |
चंद्रघण्टा | पार्वती, तीसरी नवरात्रि, युद्ध, चंद्र और घण्टा |
कुष्मांडा | पार्वती, चौथी नवरात्रि, रक्षा, नाव, खप्पर, त्रिशूल |
कुमारी | पार्वती, पांचवीं नवरात्रि, कुमारी रूप, स्कंदमाता |
कात्यायनी | पार्वती, षष्ठी नवरात्रि, कात्यायनी रूप, युद्ध |
कालरात्रि | पार्वती, सप्तमी नवरात्रि, युद्ध, अन्धकासुर वध |
सिद्धिदात्री | पार्वती, अष्टमी नवरात्रि, सिद्धिदात्री रूप, यज्ञ |
महागौरी | पार्वती, नवमी नवरात्रि, शुद्धता, श्वेत वस्त्र, तापस्या |
ब्रह्ममनसा | मनसा देवी, वाणी, ज्ञान, त्रिदेवी, सर्प, अभिचार |
सुस्थिरयौवनाया | आयुष्य, यौवन, स्थिरता, सुख, सौंदर्य |
भुवाराही | वराह अवतार, धर्म, सृष्टि, वराह, पृथ्वी |
वराही | वराह अवतार, धर्म, सृष्टि, वराह, पृथ्वी |
ज्वालामालिनी | ज्वाला देवी, शक्ति, अग्नि, ज्वालामुखी |
अन्नपूर्णा | अन्न, पोषण, आहार, भोजन, अन्नदात्री |
योगिनी | योग, साधना, सिद्धि, योगिनी, आध्यात्मिक शक्ति |
कामधेनुः | भगवान कामधेनु, आदि गौ, सर्व सिद्धि, वृषभ, धन, वाहन – नंदी |
कृष्णः | भगवान श्रीकृष्ण, प्रेम, लीला, फ्लूट, गोपाला |
राधा | कृष्ण की परम प्रेमिका, भक्ति, प्रेम, गोपिका |
रामः | भगवान श्रीराम, मर्यादा पुरुषोत्तम, धर्म, न्याय, विजय |
सीता | रामायण की प्रमुख पात्र, पतिव्रता, प्रेम, पत्नी |
लक्ष्मणः | भगवान राम के भ्राता, निष्ठा, सेवा, सहायक |
हनुमत् | भगवान राम का भक्त, बल, वीरता, सेवा, वानरराज |
हरिः | विष्णु, हर, पालनहार, संरक्षा, पालन, चतुर्भुजा, शेषनाग |
नृसिंहः | विष्णु का अवतार, यज्ञ की सुरक्षा, नरसिंह रूप |
परशुरामः | विष्णु का अवतार, उपासना, आराध्य, परशुराम रूप |
विष्णुः | जगत के पालनहार, शान्ति, संरक्षा, पालन, चतुर्भुजा, शेषनाग |
शेषः | विष्णु का अवतार, नागराज, विश्राम, आधार, शेषनाग |
गरुडः | विष्णु का वाहन, गरुड़ पक्षी, वायु, द्वारपालक |
शंखः | विष्णु का अवतार, शंख चलाने वाला, प्रेरक, धर्म, ध्वनि |
चक्रः | विष्णु का अवतार, चक्रधारी, सुरक्षा, सर्वशक्तिमान |
यंत्रः | विष्णु का अवतार, यंत्र, उपास्य, शक्ति, यांत्रिक |
शिवः | महादेव, त्रिमूर्ति में एक, नित्य तत्व, तांडव |
स्कन्दः | कार्तिकेय, मुरुगन, वेल मुरुगन, सेनापति, सुर्य पुत्र |
नंदीः | शिव का वाहन, नंदी बैल, शिव भक्त, ध्यान, तापस्या |
वीरः | भैरव, शिव का एक रूप, वीरता, रुद्र, क्रोध |
अनंगः | कामदेव, प्रेम, मधुरता, सुंदरता, काम, मन्मथा |
वीरभद्रः | शिव का अवतार, शिव के द्वारपालक, वीरभद्रा |
शरभः | शिव का अवतार, विशेष रूप, शरभ, अद्वैत, योगी |
क्षेत्रपालः | संसार के पालनहार, सुरक्षा, क्षेत्रपालक, वाहन – गदा |
प्रणवः | ओम, एकाक्षर, प्राणवाक्य, परब्रह्म, सर्वोपाधि विमोचक |
सूर्यः | सूर्य देवता, प्रकाश, उज्ज्वलता, शक्ति, ज्ञान |
चंद्रः | चंद्रमा देवता, नक्षत्र, शान्ति, सुंदरता, मनस्तिथि |
भौमः | मंगल ग्रह, युद्ध, शक्ति, मांगल्य, प्राण, वीरता |
बुधः | बुध ग्रह, ज्ञान, बुद्धि, वाणी, ब्रह्मचारी, विद्या |
जीवः | जीवात्मा, जीवन, प्राण, जीव का चेतनात्मक अंश, जीव तत्व |
शुक्रः | शुक्र ग्रह, सौंदर्य, प्रेम, सुख, कला, भोग |
कृष्णांगः | अंग रूप में कृष्ण, श्याम, नील, आकर्षण, सौंदर्य |
राहुः | राहु ग्रह, ग्रहण, आत्मा, माया, अज्ञान, अविद्या |
केतुः | केतु ग्रह, माया, छाया, अज्ञान, निराकार, मोह |
नवनाथः | नवनाथ सिद्ध, नवदुर्गा, नव आधार, नव भगवान |
पृथ्वी | पृथ्वी देवी, धरती, भूमि, भूलोक, अधर्म, धर्म, आयुष्य |
अग्निः | अग्नि देवता, आग, यज्ञ, तप, आग्नेयी, ज्ञान |
अप्सरा | देवलोक की सुंदर आप्सराएँ, नर्तकी, मोह, काम, आकर्षण |
पवनः | वायु देवता, पवन, प्राण, शुद्धता, जीवन शक्ति |
आकाशः | आकाश तत्व, अंतरिक्ष, शून्यता, अनंतता, अव्यक्तता |
इंद्रः | देवराज, सुरेश्वर, यज्ञेश्वर, प्रथम देवता, अधिपति |
वरुणः | जल देवता, वरुण, वैराग्य, न्याय, नियम, ज्ञान |
यमः | मृत्यु देवता, धर्मराज, न्याय, प्रशासक, तपस्वी |
नृत्यः | नृत्य देवता, नृत्य, आनंद, रस, काव्य, आकृति |
वायुः | प्राण, वायु देवता, हवा, चलन, प्राणशक्ति, प्राणवायु |
कुबेरः | धन, ऐश्वर्य, यक्षपति, निधि, धनाधिपति, धन का देवता |
यक्षः | यक्ष, धन, धान्य, आर्थिक संपत्ति, निधि, रक्षक |
गंधर्वः | गंधर्व, गायन, काव्य, संगीत, सुरमंडल, गीती |
अप्सरा | देवलोक की सुंदर आप्सराएँ, नर्तकी, मोह, काम, आकर्षण |
नागः | सर्प, नाग, कर्णी, नागराज, संसार, अनंतता, विष |
पितृः | पूज्य पितर, पितृलोक, आत्मिक शक्ति, पूजा, श्राद्ध |
नागः | सर्प, नाग, कर्णी, नागराज, संसार, अनंतता, विष |
व्यासः | महर्षि व्यास, महाभारत के रचयिता, वेदव्यास, गुरु |
वाल्मिकि | आदि कवि वाल्मीकि, रामायण के रचयिता, आदि गुरु |
वसिष्ठः | महर्षि वसिष्ठ, ब्रह्मर्षि, मनस पुत्र, राजगुरु |
पराशरः | महर्षि पराशर, व्यास के पिता, ब्रह्मऋषि, मन्त्रद्रष्टा |
विश्वामित्रः | महर्षि विश्वामित्र, तपस्वी, राजर्षि, गायत्री मन्त्र के रचयिता |
अत्रिः | महर्षि अत्रि, धर्मगुरु, आचार्य, तपस्वी, ब्रह्मचारी |
अनसूया | महर्षि अनसूया, आदर्श पतिव्रता, पतिव्रता, त्यागी |
गौतमः | महर्षि गौतम, साक्षात्कार, ज्ञान, तपस्वी, ध्यान, साधना |
मार्कंडेयः | महर्षि मार्कंडेय, तपस्वी, व्रत, अमरत्व, शिव अनुग्रह |
पतंजलि | महर्षि पतंजलि, योग सूत्र के रचयिता, आष्टांग योग, ध्यान |
गंगा | गंगा देवी, नदी, पवित्रता, शुद्धता, जीवनदात्री |
यमुना | यमुना नदी, पवित्रता, निर्मलता, शुद्धता, जीवनदात्री |
रेवा | रेवा नदी, पवित्रता, शुद्धता, प्राकृतिकता, नदी स्नान |
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कलयुग में सबसे बड़ा देवता कौन है?
कलयुग में सबसे बड़ा देवता भगवान हनुमान है, जैसा कि शास्त्रों और वेदों में उल्लेखित है।
कलयुग की माता कौन है?
कलयुग की माता के रूप में, देवी काली को हिंदू धर्म में माना जाता है। वह एक महाशक्ति है जो समय, शक्ति, नाशक और संरक्षण की अवतारिता हैं।
कलयुग के राक्षस कौन है?
कलयुग के राक्षस कलि है,कलयुग के राक्षस के रूप में हिंदू शास्त्रों में बताया गया है कि पांच स्थान हैं जहां दानव कलि निवास करते हैं।यह पांच स्थान हिंसा,शराब,महिला हिंसा,सोना (लालच) और जुआ हे। कौरव भाइयों में से एक दुर्योधन है, जो कौरव भाइयों का अग्रणी था और कहा जाता है कि वह कलियुग का अवतार हैं।
कलयुग का असली भगवान कौन है?
हिंदू ग्रंथों के अनुसार, कलयुग में भगवान विष्णु कल्कि अवतार के रूप में अवतरित होंगे।