नौ ग्रह हमारे जीवन को गहराई से प्रभावित करते हैं। जन्म कुंडली में, इन ग्रहों के स्थिति और दशा विशेष रूप से हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं पर बहुत प्रभाव डालते हैं। कुछ ग्रह शुभ होते हैं, जो हमें समृद्धि, स्थिरता, और सम्पन्नता की ओर ले जाते हैं, जबकि कुछ अशुभ होते हैं, जो हमें संघर्ष, चुनौतियों, और अस्थिरता का सामना करना पड़ता है। अगर कुंडली में किसी ग्रह का दोष है, तो ग्रहों से संबंधित दान और मंत्र जप का महत्वपूर्ण रोल आता है।
यहां हम आपके लिए प्रस्तुत कर रहे हैं नवग्रह के बीज मंत्र, जप संख्या, और दान संबंधित प्रमुख जानकारी। ये मंत्र और दान आपको ग्रहों के प्रभाव को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं और आपके जीवन को स्थिर, सुखमय, और समृद्ध बनाने में सहायक साबित हो सकते हैं।
नवग्रह बीज मंत्र लिस्ट
- सूयँ :-ॐ हां हीं हौं स: सूयॉय नम:
- चन्द्र:-ॐ श्रां श्रीं क्षौं स: सोमाय नम:
- मंगल: ॐ कां कीं कौं स: भौमाय नम:
- बुध:- ॐ बां बीं बौं स: बुधाय नम :
- गुरू :- ॐ जां जीं जौं स: बुहस्पतये नमः
- शुक् :- ॐ द्धां द्धीं द्धौं स: शुकाय नम:
- शनि:- ॐ खां खीं खौं स: शनैश्चराय नम:
- राहु:- ॐ भां भीं भौं स: राहवे नम:
- केतु :- ॐ पां पीं पौं स: केतवे नम:
नवग्रह बीज मंत्र जप संख्या
नवग्रह बीज मंत्र और उनका जप करने की संख्या वैदिक ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण धार्मिक प्रथा है। यह मंत्र और जप संख्या ग्रहों के शुभ और अशुभ प्रभाव को शांत करने, संतुलन और समृद्धि को बढ़ाने का माध्यम होते हैं। निर्धारित संख्या में इन मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति अपने जीवन में स्थिरता, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति में सहायता प्राप्त कर सकता है।
ग्रह | तांत्रिक मंत्र | जप संख्या |
---|---|---|
सूर्य | ॐ ह्रां ह्रीं हौं स: सूर्याय नम: | 7000 |
चंद्र | ‘ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:’ | 11000 |
मंगल | ‘ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:’ | 1000 |
बुध | ‘ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:’ | 9000 |
गुरु | ‘ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:’ | 19000 |
शुक्र | ‘ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:’ | 16000 |
शनि | ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम:’ | 23000 |
राहु | ‘ॐ भ्रां भ्रीं भ्रों स: राहवे नम:’ | 18000 |
केतु | ‘ॐ स्रां स्रीं स्रों स: केतवे नम:’ | 17000 |
नवग्रह एकाक्षरी मंत्र
ग्रह | एकाक्षरी मंत्र |
---|---|
सूर्य | ॐ घृणि: सूर्याय नम: |
चंद्र | ॐ सों सोमाय नम: |
मंगल | ॐ ॐ अंगारकाय नम: |
बुध | ॐ बुं बुधाय नम: |
गुरु | ॐ ब्रं बृहस्पतये नम: |
शुक्र | ॐ शुं शुक्राय नम: |
शनि | ॐ शं शनैश्चराय नम: |
राहु | ॐ रां राहुवे नम: |
केतु | ॐ के केतवे नम: |
नवग्रह बीज मंत्र संबंधित दान
ग्रह | बीज मंत्र | दान |
---|---|---|
सूर्य | ॐ ह्रां ह्रीं हौं स: सूर्याय नम: | माणिक्य, गेहूं, धेनु, कमल, गुड़, ताम्र, लाल कपड़े, लाल पुष्प, सुवर्ण |
चंद्र | ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम: | वंशपात्र, तंदुल, कपूर, घी, शंख |
मंगल | ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम: | प्रवाह, गेहूं, मसूर, लाल वस्त्र, गुड़, सुवर्ण ताम्र |
बुध | ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम: | मूंग, हरा वस्त्र, सुवर्ण, कांस्य |
गुरु | ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम: | अश्व, शर्करा, हल्दी, पीला वस्त्र, पीतधान्य, पुष्पराग, लवण |
शुक्र | ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम: | धेनु, हीरा, रौप्य, सुवर्ण, सुगंध, घी |
शनि | ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम: | तिल, तेल, कुलित्थ, महिषी, श्याम वस्त्र |
राहु | ॐ भ्रां भ्रीं भ्रों स: राहवे नम: | गोमेद, अश्व, कृष्णवस्त्र, कम्बल, तिल, तेल, लोहा, अभ्रक |
केतु | ॐ स्रां स्रीं स्रों स: केतवे नम: | तिल, कंबल, कस्तूरी, शस्त्र, नीम वस्त्र, तेल, कृष्णपुष्प, छाग, लौहपात्र |
नवग्रह बीज मंत्र Pdf
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