ज्योतिष हमेशा से मानवों के लिए एक रहस्यमय और रोचक विषय रहा है। यह शास्त्र हजारों वर्षों से प्रयोग होता आया है और जीवन के विभिन्न पहलुओं में अवधारणाएं प्रदान करता है। ज्योतिष का एक महत्वपूर्ण पहलू राशि का अध्ययन है जिसे हिंदी में “राशि” कहते हैं। प्रत्येक राशि के साथ विशेष गुण, ग्रहों का प्रभाव, और दिव्य मंत्र जुड़े होते हैं। हर राशि के अपने बीज मंत्र, इष्ट देवता, इष्ट देव मंत्र और स्वामी होते हैं। इस लेख में, हम 12 राशि के बीज मंत्र पर चर्चा करेंगे और उनके बीज मंत्र, इष्ट देवता, इष्ट देव मंत्र और स्वामी के बारे में जानेंगे।
ईष्टदेव एबं इसका पहचान
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ईष्टदेव की पहचान कुंडली के पंचम भाव से की जाती है। आपके जन्म की तारीख, आपके नाम के पहले अक्षर की राशि या जन्म कुंडली की राशि के आधार पर ईष्टदेव की पहचान की जा सकती है। अरुण संहिता, जिसे लाल किताब के नाम से भी जाना जाता है, के अनुसार व्यक्ति के पूर्व जन्म में किए गए कर्म के आधार पर ईष्ट देवता का निर्धारण होता है और इसके लिए जन्म कुंडली देखी जाती है।
कुंडली का पंचम भाव ईष्ट का भाव माना जाता है। इस भाव में जो राशि होती है, उसके ग्रह के देवता ही हमारे ईष्टदेव कहलाते हैं। ईष्टदेव की पूजा करने से यह फायदा होता है कि कुंडली में चाहे कितने भी ग्रह दोष क्यों न हों, अगर ईष्टदेव प्रसन्न हैं, तो ये सभी दोष व्यक्ति को अधिक परेशान नहीं करते
12 राशि के बीज मंत्र, इष्ट देवता, इष्ट देव मंत्र और उनके स्वामी
1. मेष राशि:
बीज मंत्र: ॐ ऎं क्लीं सौः
इष्ट देवता: सूर्य देव
इष्ट देव मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मी नारायणाभ्यां नमः
स्वामी: मंगल
2. वृषभ राशि:
बीज मंत्र: ॐ ह्रीं क्लीं श्रीं
इष्ट देवता: शुक्र देव
इष्ट देव मंत्र: ॐ गोपालाय उत्तरध्वजाय नमः
स्वामी: शुक्र
3. मिथुन राशि:
बीज मंत्र: ॐ श्रीं ऎं सौः
इष्ट देवता: बुध देव
इष्ट देव मंत्र: ॐ क्लीं कृष्णाय नमः
स्वामी: बुध
4. कर्क राशि:
बीज मंत्र: ॐ ऎं क्लीं श्रीं
इष्ट देवता: चंद्रमा देव
इष्ट देव मंत्र: ॐ हिरण्यगर्भाय अव्यक्तरुपिणे नमः
स्वामी: चंद्रमा
5. सिंह राशि:
बीज मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं सौः
इष्ट देवता: सूर्य देव
इष्ट देव मंत्र: ॐ क्लीं ब्रह्मणे ज सूर्य
स्वामी: सूर्य
6. कन्या राशि:
बीज मंत्र: ॐ श्रीं ह्लीं सौः
इष्ट देवता: बुध देव
इष्ट देव मंत्र: ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्न्यै च धीमहि
स्वामी: बुध
7. तुला राशि:
बीज मंत्र: ॐ ह्रीं क्लीं सौः
इष्ट देवता: शुक्र देव
इष्ट देव मंत्र: ॐ नमः शिवाय
स्वामी: शुक्र
8. वृश्चिक राशि:
बीज मंत्र: ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं
इष्ट देवता: मंगल देव
इष्ट देव मंत्र: ॐ क्लीं हूं जूं सः गुरवे नमः
स्वामी: मंगल
9. धनु राशि:
बीज मंत्र: ॐ ह्रीं क्लीं श्रीं
इष्ट देवता: बृहस्पति देव
इष्ट देव मंत्र: ॐ नमः शिवाय
स्वामी: बृहस्पति
10. मकर राशि:
बीज मंत्र: ॐ श्रीं ह्रीं सौः
इष्ट देवता: शनि देव
इष्ट देव मंत्र: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
स्वामी: शनि
11. कुंभ राशि:
बीज मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं
इष्ट देवता: शनि देव
इष्ट देव मंत्र: ॐ गणाधिपाय विद्महे गणनाथाय धीमहि
स्वामी: शनि
12. मीन राशि:
बीज मंत्र: ॐ श्रीं ह्लीं सौः
इष्ट देवता: बृहस्पति देव
इष्ट देव मंत्र: ॐ क्लीं नमः शिवाय
स्वामी: बृहस्पति
12 राशि के बीज मंत्र, इष्ट देवता, इष्ट देव मंत्र और स्वामी सूची तालिका
राशि (Zodiac Sign) | बीज मंत्र (बीज मंत्र) | इष्ट देवता (प्रमुख देवता) | इष्ट देव मंत्र (प्रमुख देवता मंत्र) | स्वामी (नियंत्रक ग्रह) |
---|---|---|---|---|
मेष | ॐ ऎं क्लीं सौः | सूर्य देव | ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मी नारायणाभ्यां नमः | मंगल |
वृषभ | ॐ ह्रीं क्लीं श्रीं | शुक्र देव | ॐ गोपालाय उत्तरध्वजाय नमः | शुक्र |
मिथुन | ॐ श्रीं ऎं सौः | बुध देव | ॐ क्लीं कृष्णाय नमः | बुध |
कर्क | ॐ ऎं क्लीं श्रीं | चंद्रमा देव | ॐ हिरण्यगर्भाय अव्यक्तरुपिणे नमः | चंद्रमा |
सिंह | ॐ ह्रीं श्रीं सौः | सूर्य देव | ॐ क्लीं ब्रह्मणे ज सूर्य | सूर्य |
कन्या | ॐ श्रीं ह्लीं सौः | बुध देव | ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्न्यै च धीमहि | बुध |
तुला | ॐ ह्रीं क्लीं सौः | शुक्र देव | ॐ नमः शिवाय | शुक्र |
वृश्चिक | ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं | मंगल देव | ॐ क्लीं हूं जूं सः गुरवे नमः | मंगल |
धनु | ॐ ह्रीं क्लीं श्रीं | बृहस्पति देव | ॐ नमः शिवाय | बृहस्पति |
मकर | ॐ श्रीं ह्रीं सौः | शनि देव | ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् | शनि |
कुंभ | ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं | शनि देव | ॐ गणाधिपाय विद्महे गणनाथाय धीमहि | शनि |
मीन | ॐ श्रीं ह्लीं सौः | बृहस्पति देव | ॐ क्लीं नमः शिवाय | बृहस्पति |
इस ब्लॉग के माध्यम से आपने 12 राशियों के बीज मंत्र, इष्ट देवता, इष्ट देव मंत्र और स्वामी के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त की है। आप इन मंत्रों और देवताओं की आराधना करके अपने जीवन को समृद्ध, सुखी और समान्य बना सकते हैं। इसलिए, अपनी राशि की जानकारी प्राप्त करें और इसे अपने जीवन में उपयोग करें।
ध्यान दें: ज्योतिष एक आध्यात्मिक और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित होता है। इसे केवल दिशा-निर्देश के रूप में लें और अपने विश्वास के आधार पर इसका उपयोग करें।
राशि मंत्र जाप के समग्र लाभ ( benefits of chanting the Rashi mantras in Hindi)
- रोजाना राशि मंत्र का जाप करने से ऊर्जा की बढ़त होती है और प्रेरणा मिलती है।
- राशि मंत्र जाप करने से आशावादी बनने में मदद मिलती है, जिससे बीमारियों के उपचार में सहायता मिलती है।
- राशि मंत्रों का जाप करने से मन को शांति मिलती है और विचारों को साफ रखने में सहायता मिलती है।
- ज्योतिषियों के अनुसार राशि मंत्र हर तरह के दर्द को दूर करने में मदद करते हैं।
- राशि मंत्र जाप से नकारात्मकता को दूर करने में सहायता मिलती है और सुख प्राप्ति होती है।
- वैदिक ज्योतिष में राशि मंत्र दुर्भाग्य से रक्षा करते हैं, बीमारियों और विकारों को रोकते हैं, नौकरी और व्यक्तिगत जीवन की गुणवत्ता पर सीधा प्रभाव डालते हैं।
- ये मंत्र सामान्य समृद्धि को बढ़ावा देते हैं।
- राशि मंत्रों का जाप करने से जीवन में गहरा प्रभाव होता है और जीवन के अनुभवों से सीखने में मदद मिलती है
- ये मंत्र सपनों और आकांक्षाओं को प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं।
Nice