Tilak Lagane Ka Mantra | तिलक लगाने का मंत्र

तिलक लगाने का मंत्र एक सन्तुलित आध्यात्मिकता और सामाजिक समर्थन का प्रतीक है। सनातन धर्म में तिलक को उत्सव, पूजा, और आध्यात्मिक साधना का अभिन्न अंग माना जाता है। यह मंत्र धार्मिक सामर्थ्य को संकेत देता है और समृद्धि और एकता को बढ़ावा देता है। तिलक के मंत्र का (Tilak Lagane Ka Mantra) उच्चारण आध्यात्मिक सुधार और सभी के धार्मिक समर्थन को संकेत करता है। यह धार्मिक संवाद और सामूहिकता को बढ़ावा देता है, जिससे समाज में समरसता और समृद्धि की भावना संवर्धित होती है।

सनातन धर्म, जिसे हिन्दू धर्म के रूप में जाना जाता है, मानव शरीर को भगवान का निवास स्थान मानता है। इसीलिए हमने मानव शरीर को मंदिर के समान समझा है, जिसका सर्वोच्च भाग है माथा, जिसे हम ‘शिखर’ कहते हैं। तिलक का मतलब है शिखर को सजाना, इसलिए यह हमारी धार्मिक और भावनात्मक विश्वासों का प्रतीक है।

तिलक के प्रकार

तिलक हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण रूप से उपयोग किया जाता है और इसके कई प्रकार होते हैं। ये प्रकार अलग-अलग उद्देश्यों और धार्मिक संस्कृतियों के अनुसार अलग-अलग होते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख तिलक के प्रकार दिए जा रहे हैं:

Tilak Lagane Ka Mantra _तिलक के प्रकार
तिलक के प्रकार
  1. कुमकुम तिलक: यह सबसे आम और प्रसिद्ध तिलक है। कुमकुम रंग की छोटी धारा होती है और यह आज्ञा चक्र (भ्रूमध्य) पर लगाई जाती है। यह तिलक महिलाओं और पुरुषों दोनों द्वारा लगाया जाता है।
  2. चंदन तिलक: यह तिलक चंदन की पाउडर के रूप में होता है और इसे आज्ञा चक्र पर लगाया जाता है। चंदन का तिलक शांति, ताजगी, और मन को शुद्ध करने में सहायक होता है।
  3. भस्म तिलक: भस्म या विभूति की तिलक शिवभक्तों द्वारा लगाई जाती है। यह तिलक महादेव की पूजा और भक्ति के लिए उपयोगी होती है।
  4. हल्दी तिलक: हल्दी का तिलक यहोवा, लक्ष्मी, और गणेश जी की पूजा में लगाया जाता है। यह तिलक सौभाग्य, संपत्ति, और धन के लिए प्रार्थना करने के लिए उपयोगी होता है।
  5. केसर तिलक: केसर का तिलक श्रीरामचंद्र जी की पूजा में उपयोगी होता है। यह तिलक सात्विकता, साधना, और आत्मिक शुद्धता को दर्शाता है।
  6. इत्र तिलक: इत्र का तिलक प्रार्थना और भक्ति के लिए उपयोगी होता है। यह तिलक सकारात्मक ऊर्जा और मन की शांति को प्रोत्साहित करता है।
  7. तुलसी तिलक: तुलसी की मिट्टी से बनाया गया तिलक आत्मा की शक्ति को बढ़ाता है और पूजनीयता की भावना को प्रकट करता है।

ये केवल कुछ प्रमुख तिलक के प्रकार हैं, लेकिन वास्तव में तिलक के कई और विविध प्रकार होते हैं, जो अलग-अलग क्षेत्रों और समुदायों में प्रचलित होते हैं।

तिलक करने का मंत्र | सभी प्रकार तिलक मंत्र | Tilak Lagane Ka Mantra

तिलक लगाने का मंत्र Bhagwan ko Tilak Lagane ka Mantra

केशवानन्त गोविंद बाराह सर्वोच्च।
पुण्यं यशस्यमायुष्यं तिलकं मे प्रसीदतु ॥

कान्ति लक्ष्मीं धृतिं सौख्यं सौभाग्यमतुलं बलम्।
ददातु चंदनं नित्यं सततं धारयाम्यहम् ॥

स्वयं को तिलक लगाने का मंत्र

ॐ चंदनस्य महत्पुण्यं पवित्रं पापनाशनम्।
आपदां हरते नित्यं, लक्ष्मीस्तिष्ठति सर्वदा ॥

माताओं को तिलक लगाने का मंत्र

ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते॥

ॐ देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि मे परमं सुखम्।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोङहि॥

ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते ॥

पुरुषों को तिलक लगाने का मंत्र

ॐ भद्रमस्तु शिवं चास्तु महालक्ष्मिः प्रसीदतु।
रक्षन्तु त्वां सदा देवाः सम्पदाः सन्तु सर्वदा ॥
सपत्ना दुर्गः पापा दुष्ट सत्वाद्युपद्रवाः।
तमाल पत्र मालोक्यः निष्प्रभावा भवन्तु ते ॥

स्त्रियों को तिलक लगाने का मंत्र

श्रीश्चते लक्ष्मीश्च पत्न्या व्हो रात्रे पाश्र्वे नक्षत्राणि रूपमश्विनौ व्यात्तम्।
इष्ण्निषां मम ईशां सर्व लोकमयीषां ॥

कन्याओं को तिलक लगाने का मंत्र

ॐ अंबे अंबिके अंबालिके नामा नयति कश्चन।
सस्सत्यश्वकः सुभद्रिकां काम्पिल वासिनिम् ॥

बच्चों को तिलक लगाने का मंत्र

Tilak Lagane Ka Mantra _बच्चों को तिलक लगाने का मंत्र
बच्चों को तिलक लगाने का मंत्र

ॐ यावत् गंगा कुरूक्षेत्रे यावत् तिष्ठति मेदनी।
यावत् रामकथा लोके तावत् जीवतु आयुः ॥

भाईदूज पर भाई को तिलक लगाने का मंत्र

गंगा पूजे यमुना को, यमी पूजे यमराज को।
सुभद्रा पूजे कृष्ण को, गंगा जमुना नीर बहे मेरे भाई तुम फूले फलें॥

ब्राह्मणों को तिलक लगाने का मंत्र

ॐ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः। स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः।
स्वस्ति नास्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः। स्वस्ति नो बृहस्पतिरधातु ॥

Tilak Lagane Ka Mantra_ब्राह्मणों को तिलक लगाने का मंत्र
ब्राह्मणों को तिलक लगाने का मंत्र

नमो ब्रह्मण्य देवाय गोब्राह्मण हिताय च।
जगत् हिताय कृष्णाय गोविंदाय नमो नमः॥

मेहमान को तिलक लगाने का मंत्र

ॐ भद्रमस्तु शिवं चास्तु महालक्ष्मिः प्रसीदतु।
रक्षन्तु त्वां सदा देवाः सम्पदाः सन्तु सर्वदा ॥

पितरों को तिलक लगाने का मंत्र

ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि
तन्नो पितृो प्रचोदयात्।

तिलक के महत्व

  1. रोली या कुमकुम का तिलक: यह तिलक आज्ञा चक्र की शुद्धि करता है और हमारी बुद्धि को प्रज्जलित करता है।
  2. केसर का तिलक: केसर का तिलक देवताओं को प्रसन्न करता है और हमें जीवन में सफलता, धन, और सौंदर्य प्राप्त करने में सहायक होता है।
  3. चंदन का तिलक: यह मानसिक शांति और एकाग्रता को बढ़ाता है, साथ ही धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पापों का नाश करता है।
  4. भस्म या विभूति का तिलक: यह नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करता है और हमें अच्छे विचारों को धारण करने में मदद करता है।
  5. हल्दी का तिलक: हल्दी का तिलक शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ाता है और धन की प्राप्ति में सहायक होता है।

चमत्कारिक तिलक कैसे बनाये

यदि आप किसी विशेष कार्य के लिए अद्भुत परिणाम चाहते हैं, तो निम्नलिखित तरीके से एक चमत्कारिक तिलक लगा सकते हैं:

सात पत्ते तुलसी, एक पत्ता पीपल, और दो छोटी इलायची के बीज को पीस लें।इसे गाय के घी के साथ मिला दें।
किसी भी कार्य के लिए बाहर निकलते समय इसे अपने माथे पर लगाएं।यह तिलक आपके कार्य में आश्चर्यजनक परिणाम लाएगा।

तिलक हमारे धार्मिक और सामाजिक जीवन में अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। इन्हें लगाने से हमारी आत्मा को शक्ति मिलती है और हमारा जीवन सुखमय और समृद्धिशाली बनता है।

आशा है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी। धन्यवाद।

तिलक लगाने का मंत्र pdf

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