हमारे हिंदू धर्म में यह माना गया है कि भगवान शिव अपने भक्तों से बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं, इसलिए उन्हें भोलेनाथ के नाम से भी जाना जाता है। हमारे पुराणों और वेदों में कई स्थानों पर यह उल्लेख मिलता है कि महादेव देवता, मनुष्य या दानव किसी में भी भेदभाव नहीं करते। उन्होंने कई दानवों को भी वरदान दिए हैं।
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का अर्थ हिंदी में । Shree Shivay Namastubhyam Mantra meaning in Hindi
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं॥
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का विवरण:
शैव धर्म में इस मंत्र का एक अत्यंत सरल और प्रभावशाली अर्थ है। इस मंत्र के माध्यम से साधक भगवान शिव को नमन करता है और उनसे निवेदन करता है कि वे उसके इस प्रणाम को स्वीकार करें। यह साधारण सा मंत्र भी महादेव को प्रसन्न करने में अत्यधिक सक्षम है।
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मंत्र के जाप के लिए कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है:
- समय की नियमितता: इस मंत्र का जाप प्रतिदिन सुबह एक निश्चित समय पर ही करना चाहिए।
- आसन का चयन: जाप के लिए ऊन से बने आसन का उपयोग करें और हर दिन उसी आसन का उपयोग करें, इसे बार-बार न बदलें।
- माला का उपयोग: रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
- पूजा का आयोजन: अपने सामने भगवान शिव की मूर्ति या फोटो रखें और उसकी पूजा करें।
इस मंत्र में भगवान शिव के प्रति आस्था और श्रद्धा व्यक्त की जाती है, और सही ढंग से जाप करने पर महादेव अवश्य ही प्रसन्न होते हैं।
ऐसा माना जाता है कि इस मंत्र के जाप से कई प्रकार की बीमारियाँ ठीक हो जाती हैं और कहा जाता है कि इस मंत्र में हजारों महामृत्युंजय मंत्रों के बराबर शक्ति होती है। इस मंत्र का जाप आपके सभी कष्टों को दूर करता है और आपके जीवन को शुभ और मंगलमय बनाता है। इसके प्रभाव से न केवल धन की प्राप्ति होती है, बल्कि मानसिक शांति भी प्राप्त होती है, जिससे मन में संतोष और स्थिरता का अनुभव होता है।
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