श्री राम स्तुति: श्रीराम नवमी, विजयदशमी, सुंदरकांड, रामचरितमानस कथा, श्रीहनुमान जन्मोत्सव तथा अखंड रामायण पाठ जैसे पावन अवसरों पर श्रद्धा और भक्ति के साथ गायी-पढ़ी जाने वाली यह वंदना है।
यह वंदना न केवल मंगलाचरण का स्वरूप है, बल्कि श्रद्धालुओं के हृदय को पावन कर भगवान श्रीराम, माता सीता और भक्त हनुमानजी की कृपा प्राप्त करने का साधन भी है।
श्री राम स्तुति
॥दोहा॥
श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन
हरण भवभय दारुणं ।
नव कंज लोचन कंज मुख
कर कंज पद कंजारुणं ॥१॥
कन्दर्प अगणित अमित छवि
नव नील नीरद सुन्दरं ।
पटपीत मानहुँ तडित रुचि शुचि
नोमि जनक सुतावरं ॥२॥
भजु दीनबन्धु दिनेश दानव
दैत्य वंश निकन्दनं ।
रघुनन्द आनन्द कन्द कोशल
चन्द दशरथ नन्दनं ॥३॥
शिर मुकुट कुंडल तिलक
चारु उदारु अङ्ग विभूषणं ।
आजानु भुज शर चाप धर
संग्राम जित खरदूषणं ॥४॥
इति वदति तुलसीदास शंकर
शेष मुनि मन रंजनं ।
मम् हृदय कंज निवास कुरु
कामादि खलदल गंजनं ॥५॥
मन जाहि राच्यो मिलहि सो
वर सहज सुन्दर सांवरो ।
करुणा निधान सुजान शील
स्नेह जानत रावरो ॥६॥
एहि भांति गौरी असीस सुन सिय
सहित हिय हरषित अली।
तुलसी भवानिहि पूजी पुनि-पुनि
मुदित मन मन्दिर चली ॥७॥
॥सोरठा॥
जानी गौरी अनुकूल सिय
हिय हरषु न जाइ कहि ।
मंजुल मंगल मूल वाम
अङ्ग फरकन लगे।
रचयिता: गोस्वामी तुलसीदास
राम स्तुति करने के फायदे
राम स्तुति घर में सुख-शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। इसके नियमित पाठ से वातावरण पवित्र होता है और नकारात्मकता दूर होती है। मन से भय और चिंता मिटते हैं, आत्मबल और धैर्य की वृद्धि होती है। साधक की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और श्रीहनुमानजी की कृपा भी प्राप्त होती है। मानसिक शांति, संतुलन और आध्यात्मिक उन्नति का अनुभव मिलता है। राम स्तुति रोगों और दुखों को दूर कर जीवन में स्थिरता और आनंद का मार्ग प्रशस्त करती है।
राम स्तुति कब करनी चाहिए
राम स्तुति किसी भी समय की जा सकती है, लेकिन प्रातः स्नान के बाद और संध्या के समय दीपक जलाकर इसका पाठ करना विशेष शुभ माना जाता है। राम नवमी, दशहरा, नवरात्रि, रामायण मास और श्रवण मास जैसे धार्मिक अवसरों पर इसका पाठ करने से असाधारण पुण्य और भगवान श्रीराम की कृपा मिलती है। नए कार्य, व्यापार या यात्रा आरंभ करने से पहले राम स्तुति करना कार्यसिद्धि और विघ्ननाशक होता है। संकट और तनाव के समय यह मन को शांति देती है और आत्मविश्वास बढ़ाती है। साथ ही, जब हनुमानजी की पूजा की जाती है, तब राम स्तुति का पाठ करने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्त की रक्षा करते हैं।