Shani Dev Aarti – जय जय श्री शनिदेव

शनि देव की आरती हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पूजा पद्धति है जिसे शनिवार के दिन श्रद्धालुओं द्वारा अद्वितीय भक्ति और आदर्शता के साथ अर्चना किया जाता है। शनि देव को नौवें ग्रह के रूप में माना जाता है और उनकी पूजा से भक्तों को शनि के दोषों से मुक्ति मिलती है। इस आरती के जरिए, श्रद्धालु शनि देव की महिमा और कृपा का गान करते हैं और उनकी आराधना में भक्ति और समर्पण का अभिव्यक्ति करते हैं। यह आरती शनि देव की कृपा और शांति की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करने का एक उत्कृष्ट तरीका है।

Shani Dev Aarti – जय जय श्री शनिदेव

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।
सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी ।
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी ।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी ।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

देव दनुज ऋषि मुनि सुमरिन नर नारी ।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

शनि देव की आरती लिखित में

Shani Dev Aarti-शनि देव की आरती लिखित में
शनिदेव की आरती लिखित में

शनि आरती PDF


Leave a Comment

Ads Blocker Image Powered by Code Help Pro

Ads Blocker Detected!!!

We have detected that you are using extensions to block ads. Please support us by disabling these ads blocker.

Powered By
Best Wordpress Adblock Detecting Plugin | CHP Adblock
error: Content is protected !!