Radha Krishna Aarti : राधा कृष्ण की आरती का महत्व हिंदू धर्म में अत्यंत उच्च माना जाता है। यह आरती श्री राधा और श्री कृष्ण की पूजा के लिए गाई जाती है और उनके भक्तों द्वारा नियमित रूप से चालीसा और आरती के रूप में गाई जाती है। इस आरती में राधा और कृष्ण की महिमा, उनके गुण, और उनके भक्ति में लीन होने का सन्देश होता है। यह आरती उनके प्रेम और भक्ति को स्वीकार करने के लिए एक उत्कृष्ट उपाय है।
Radha Krishna Aarti | राधा कृष्ण की आरती
ॐ जय श्रीराधा, जय श्रीकृष्ण,
श्रीराधाकृष्णाय नम:।।
चंद्रमुखी चंचल चितचोरी। (राधा)
सुघर सांवरा सूरत भोरी। (कृष्ण)
श्यामा-श्याम एक-सी जोरी।(राधाकृष्ण)
श्रीराधाकृष्णाय नम:।।
ॐ जय श्रीराधा, जय श्रीकृष्ण,
श्रीराधाकृष्णाय नम:।।
पंचरंग चूनर केसर न्यारी। (राधा)
पट पीतांबर कामर कारी। (कृष्ण)
एकरूप अनुपम छबि प्यारी (राधाकृष्ण)
श्रीराधाकृष्णाय नम:।।
ॐ जय श्रीराधा, जय श्रीकृष्ण,
श्रीराधाकृष्णाय नम:।।
चंद्र-चंद्रिका चमचम चमकै। (राधा)
मोर मुकुट सिर दमदम दमकै। (कृष्ण)
युगल-प्रेम रस झमझम झमकै (राधाकृष्ण)
श्रीराधाकृष्णाय नम:।।
ॐ जय श्रीराधा, जय श्रीकृष्ण,
श्रीराधाकृष्णाय नम:।।
कस्तूरी कुंकुम जुत बिंदा। (राधा)
चंदन चारु तिलक ब्रज चंदा। (कृष्ण)
सुहृद-लाड़ली लाल सुनंदा। (राधाकृष्ण)
श्रीराधाकृष्णाय नम:।।
ॐ जय श्रीराधा, जय श्रीकृष्ण,
श्रीराधाकृष्णाय नम:।।
घूंमघुमारो घांघर सोहै। (राधा)
कटिकछनी कमलापति सोहै। (कृष्ण)
कमलासन सुर-मुनि-मन मोहै। (राधाकृष्ण)
श्रीराधाकृष्णाय नम:।।
ॐ जय श्रीराधा, जय श्रीकृष्ण,
श्रीराधाकृष्णाय नम:।।
रत्नजटित आभूषण सुंदर। (राधा)
कौस्तुभमणि कमलांकित नटवर। (कृष्ण)
रणत्क्वणत् मुरली-ध्वनि मनहर। (राधाकृष्ण)
श्रीराधाकृष्णाय नम:।।
ॐ जय श्रीराधा, जय श्रीकृष्ण,
श्रीराधाकृष्णाय नम:।।
मंद हंसन मतवारे नैना। (राधा)
मनमोहन मन हारे सैना। (कृष्ण)
मृदु मुसुकावनि मीठे बैना। (राधाकृष्ण)
श्रीराधाकृष्णाय नम:।।
ॐ जय श्रीराधा, जय श्रीकृष्ण,
श्रीराधाकृष्णाय नम:।।
श्रीराधा भव-बाधा-हारी। (राधा)
संकट-मोचन कृष्ण मुरारी। (कृष्ण)
एक शक्ति, एकहि आधारी। (राधाकृष्ण)
श्रीराधाकृष्णाय नम:।।
जगज्ज्योति जगजननी माता। (राधा)
जगजीवन, जग-पितु जग-दाता।। (कृष्ण)
जगदाधार, जगद्विख्याता। (राधाकृष्ण)
श्रीराधाकृष्णाय नम:।।
ॐ जय श्रीराधा, जय श्रीकृष्ण,
श्रीराधाकृष्णाय नम:।।
राधा राधा कृष्ण कन्हैया। (राधा)
भव-भय सागर पार लगैया। (कृष्ण)
मंगल-मूरति, मोक्ष-करैया। (राधाकृष्ण)
श्रीराधाकृष्णाय नम:।।
ॐ जय श्रीराधा, जय श्रीकृष्ण,
श्रीराधाकृष्णाय नम:।।
सर्वेश्वरी सर्व-दुख-दाहन। (राधा)
त्रिभुवनपति, त्रयताप-नसावन।। (कृष्ण)
परम देवि, परमेश्वर पावन। (राधाकृष्ण)
श्रीराधाकृष्णाय नम:।।
ॐ जय श्रीराधा, जय श्रीकृष्ण,
श्रीराधाकृष्णाय नम:।।
त्रिसमय युगलचरण चित ध्यावै। (राधा)
सो नर जगत परमपद पावै। (कृष्ण)
राधाकृष्ण ‘छैल’ मन भावै। (राधाकृष्ण)
श्रीराधाकृष्णाय नम:।।
ॐ जय श्रीराधा, जय श्रीकृष्ण,
श्रीराधाकृष्णाय नम:।।