Radha Ji Ki Aarti : राधा रानी की आरती (आरती श्री वृषभानुसुता) Pdf

Radha Ji Ki Aarti : (आरती श्री वृषभानुसुता) – श्री राधा जी की आरती एक पवित्र हिंदू आरती है जिसे उनकी पूजा के लिए गाया जाता है। यह आरती उनके प्रेम और भक्ति को स्वीकार करने के लिए एक उत्कृष्ट उपाय है। इस आरती में राधा जी की महिमा, उनके गुण, और उनके भक्ति में लीन होने का सन्देश होता है। यह आरती उनके प्रेम और भक्ति को स्वीकार करने के लिए एक उत्कृष्ट उपाय है।

Radha Ji Ki Aarti – राधा रानी की आरती

आरती श्री वृषभानुसुता की,
मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥

त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि,
विमल विवेकविराग विकासिनि ।
पावन प्रभु पद प्रीति प्रकाशिनि,
सुन्दरतम छवि सुन्दरता की ॥
॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥

मुनि मन मोहन मोहन मोहनि,
मधुर मनोहर मूरति सोहनि ।
अविरलप्रेम अमिय रस दोहनि,
प्रिय अति सदा सखी ललिता की ॥
॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥

Radha Ji Ki Aarti राधा रानी की आरती
राधा रानी की आरती लिखित में

संतत सेव्य सत मुनि जनकी,
आकर अमित दिव्यगुन गनकी ।
आकर्षिणी कृष्ण तन मनकी,
अति अमूल्य सम्पति समता की ॥
॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥

। आरती श्री वृषभानुसुता की ।

कृष्णात्मिका, कृष्ण सहचारिणि,
चिन्मयवृन्दा विपिन विहारिणि ।
जगजननि जग दुखनिवारिणि,
आदि अनादिशक्ति विभुता की ॥
॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥

आरती श्री वृषभानुसुता की,
मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥

राधा रानी की आरती PDF

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