WhatsApp चैनल फॉलो करें

Join Now

माँ दुर्गा स्तुति मंत्र – और उनका महत्व

By Admin

Updated:

माँ दुर्गा स्तुति मंत्र

पहला मंत्र:

रक्षांसि यत्रोग्रविषाश्च नागा यत्रारयो दस्युबलानि यत्र |
दावानलो यत्र तथाब्धिमध्ये तत्र स्थिता त्वं परिपासि विश्वम् ||

उपयोग: विश्वव्यापी विपत्तियों के नाश के लिए।

दूसरा मंत्र:

देवी प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद प्रसीद मातर्जगतोखिलस्य |
प्रसीद विश्वेश्वरि पाहि विश्वं त्वमीश्वरी देवि चराचरस्य ||

उपयोग: महामारी या अन्य वैश्विक संकटों से सुरक्षा के लिए।

तीसरा मंत्र:

जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी |
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तु ते ||

उपयोग: स्वर्ग और मोक्ष की प्राप्ति के लिए।

चौथा मंत्र:

सर्वभूता यदा देवी स्वर्गमुक्तिप्रदायिनी |
त्वं स्तुता स्तुतये का वा भवन्तु परमोक्तयः ||

उपयोग: भक्ति और आध्यात्मिक उन्नति के लिए।

पांचवा मंत्र:

नतेभ्यः सर्वदा भक्त्या चण्डिके दुरितापहे |
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि ||

उपयोग: प्रसन्नता और व्यक्तिगत उन्नति के लिए।

छठा मंत्र:

प्रणतानां प्रसीद त्वं देवि विश्वार्तिहारिणि |
त्रैलोक्यवासिनामीड्ये लोकानां वरदा भव ||

उपयोग: आरोग्य और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए।

सातवां मंत्र:

देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम् |
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि ||

उपयोग: पापों के नाश और मोक्ष की प्राप्ति के लिए।

आठवां मंत्र:

हिनस्ति दैत्यतेजांसि स्वनेनापूर्य या जगत् |
सा घण्टा पातु नो देवि पापेभ्योनः सुतानिव ||

उपयोग: विश्व के अशुभ और भय का नाश करने के लिए।

नवां मंत्र:

यस्याः प्रभावमतुलं भगवाननन्तो ब्रह्मा हरश्च न हि वक्तमलं बलं च |
सा चण्डिकाखिलजगत्परिपालनाय नाशाय चाशुभभयस्य मतिं करोतु ||

उपयोग: सामूहिक कल्याण और सुरक्षा के लिए।

दसवां मंत्र:

देव्या यया ततमिदं जग्दात्मशक्त्या निश्शेषदेवगणशक्तिसमूहमूर्त्या |
तामम्बिकामखिलदेव महर्षिपूज्यां भक्त्या नताः स्म विदधातु शुभानि सा नः ||

उपयोग: सभी का कल्याण और मंगल की प्राप्ति के लिए।

सर्व शांति और मंगलकामना का मंत्र:

सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके ।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तुते ॥

उपयोग: समग्र शांति, समृद्धि और मंगलकामना के लिए।

Leave a Comment

Start Quiz