📅 दर्श भाद्रपद अमावस्या कब है?
- तिथि – शुक्रवार, 22 अगस्त 2025
- अमावस्या आरंभ – 22 अगस्त 2025, प्रातः 11:55 बजे
- अमावस्या समाप्ति – 23 अगस्त 2025, प्रातः 11:35 बजे
🕉️ अमावस्या क्या है?
अमावस्या माह के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि है। यह वह समय होता है जब चंद्रमा पृथ्वी की विपरीत दिशा में रहता है और भारतवर्ष से दिखाई नहीं देता। इस कारण रात्रि पूर्णतः अंधकारमय होती है।
- वर्ष में सामान्यतः 12 अमावस्या पड़ती हैं, परंतु अधिक मास (मलमास) होने पर यह संख्या 13 भी हो सकती है।
- अमावस्या का भारतीय जनजीवन में गहरा महत्व है क्योंकि इस दिन पूर्वजों (पितरों) की स्मृति में दान, तर्पण और गंगा स्नान का विधान है।
✨ दर्श अमावस्या का महत्व
- अमावस्या को पितरों का दिन कहा गया है। इस दिन श्राद्ध, तर्पण और दान करने से पितृ तृप्त होकर आशीर्वाद देते हैं।
- अमावस्या की रात्रि ग्रहों और चंद्रमा की ऊर्जा का प्रभाव अधिक रहता है। इससे व्यक्ति के मनोभाव, क्रोध और मानसिक स्थिति पर असर पड़ सकता है।
- दर्श अमावस्या का धार्मिक स्नान और दान पुण्य अत्यंत फलदायी माना गया है।
🙏 पूजा विधि एवं धार्मिक कार्य
- प्रातः स्नान के पश्चात गंगा, यमुना या किसी पवित्र नदी में स्नान करना श्रेष्ठ माना गया है।
- घर पर पूजा स्थान में दीप प्रज्वलित करें और पितरों को जल अर्पित करें।
- दान-पुण्य करें – विशेषकर अन्न, वस्त्र और तिल का दान।
- भजन-कीर्तन करें और भगवान विष्णु व भगवान शिव की पूजा करें।
- शाम को दीपदान करने का भी विशेष महत्व है।
🌑 दर्श अमावस्या और अन्य विशेष अमावस्या
- सोमवती अमावस्या – जब अमावस्या सोमवार को आती है।
- भौम अमावस्या – जब अमावस्या मंगलवार को आती है।
- शुभवारी अमावस्या – जब अमावस्या गुरुवार को आती है।
- शनि अमावस्या – जब अमावस्या शनिवार को आती है।
हर माह की अमावस्या का अलग महत्व होता है –
- भाद्रपद – पिठोरी अमावस्या व कुश अमावस्या
- आश्विन – महालया / सर्वपितृ अमावस्या
- कार्तिक – दीपावली (कार्तिक अमावस्या)
- माघ – मौनी अमावस्या
- श्रावण – हरियाली अमावस्या
📍 पूजन स्थल का महत्व
- गंगा, यमुना, सरस्वती संगम
- पवित्र तीर्थ और मंदिर
- नदी घाट
📅 आगामी अमावस्या तिथियाँ (2025)
- 22 अगस्त 2025 – भाद्रपद अमावस्या
- 23 अगस्त 2025 – दर्श अमावस्या
- 21 सितम्बर 2025 – आश्विन अमावस्या
- 21 अक्टूबर 2025 – कार्तिक अमावस्या (दीपावली)
- 19 नवम्बर 2025 – मार्गशीर्ष अमावस्या
- 20 नवम्बर 2025 – पौष अमावस्या
- 19 दिसम्बर 2025 – माघ अमावस्या
दर्श भाद्रपद अमावस्या न केवल खगोलीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी विशेष है। इस दिन का स्नान, तर्पण और दान पुण्य व्यक्ति को पितृ कृपा दिलाता है और जीवन की बाधाओं से मुक्ति प्रदान करता है।