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अजा(अन्नदा एकादशी) – Aja / Annada Ekadashi

By Admin

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हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह की शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की 11वीं तिथि को एकादशी कहा जाता है। एकादशी का दिन भगवान श्रीविष्णु को समर्पित होता है। एक वर्ष में सामान्यतः 24 एकादशी होती हैं, लेकिन अधिक मास (अधिमास) आने पर यह संख्या 26 तक भी पहुँच सकती है।

इनमें से अजा (अन्नदा) एकादशी विशेष महत्व रखती है। यह व्रत भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन उपवास और भक्ति करने से जीवन के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

Ekadashi 2025 List : एकादशी व्रत लिस्ट 2025 Pdf सहित

अजा(अन्नदा एकादशी) – Aja  Annada Ekadashi

✨ अजा/अन्नदा एकादशी का महत्व

  1. यह एकादशी भगवान विष्णु के अत्यंत प्रिय दिनों में से एक है।
  2. शास्त्रों में वर्णित है कि इस व्रत के प्रभाव से पूर्व जन्मों के पाप भी नष्ट हो जाते हैं।
  3. इस दिन विष्णुसहस्रनाम का पाठ, श्री हरि के भजन-कीर्तन और व्रत-पूजन करने से विष्णु जी प्रसन्न होते हैं।
  4. अन्नदा का अर्थ है “अन्न देने वाली” अर्थात यह व्रत अन्न एवं समृद्धि की प्राप्ति का मार्ग भी प्रशस्त करता है।

🕉️ व्रत विधि

अजा/अन्नदा एकादशी व्रत तीन दिनों की साधना मानी जाती है।

  1. दशमी तिथि (व्रत से एक दिन पूर्व)
    1. दोपहर में भोजन करने के बाद रात का भोजन त्याग दें।
    2. ऐसा करने से एकादशी के दिन उपवास शुद्ध और पवित्र माना जाता है।
  2. एकादशी तिथि (मुख्य व्रत का दिन)
    1. प्रातः स्नान कर भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएँ।
    2. तुलसी पत्र, पीले फूल और पंचामृत से भगवान का पूजन करें।
    3. पूरे दिन व्रत रखें और अनाज का सेवन न करें।
    4. विष्णुसहस्रनाम, श्रीमद्भगवद्गीता पाठ, कीर्तन-भजन का विशेष महत्व है।
  3. द्वादशी तिथि (व्रत पारण का दिन)
    1. सूर्योदय के बाद स्नान करके भगवान विष्णु को भोग लगाएँ।
    2. दान-दक्षिणा देकर उपवास का समापन करें।

🙏 पालन में सावधानियाँ

  1. एकादशी के दिन चावल का सेवन वर्जित है।
  2. झूठ, चुगली और परनिंदा से दूर रहना चाहिए।
  3. जो लोग उपवास न कर सकें, वे कम से कम सात्त्विक भोजन लें और विष्णुजी का स्मरण करें।

📖 पौराणिक कथा

अजा एकादशी की कथा में राजा हरिश्चंद्र का उल्लेख मिलता है। वे सत्यवादी और धर्मप्रिय राजा थे, किन्तु एक समय उन्हें भारी कष्टों का सामना करना पड़ा। गुरु महात्मा ने उन्हें अजा एकादशी का व्रत करने का निर्देश दिया। व्रत का प्रभाव इतना अद्भुत था कि राजा का सारा दुःख समाप्त हो गया और उन्हें पुनः राज-पाट और सम्मान प्राप्त हुआ।

इस कथा से यह सिद्ध होता है कि अजा एकादशी का व्रत समस्त दुःख, पाप और संकटों से मुक्ति दिलाने वाला है।

🌸 उत्सव विधि

  1. उपवास और भगवान विष्णु का पूजन।
  2. अजा एकादशी व्रत कथा का श्रवण।
  3. भजन-कीर्तन एवं सत्यनारायण कथा।
  4. गरीबों को अन्न और दान देना।

📅 अजा/अन्नदा एकादशी 2025 तिथि

  1. शुरुआत तिथि – [यहाँ 2025 की सही तिथि डालनी होगी]
  2. समापन तिथि – [यहाँ द्वादशी की तिथि]

अजा/अन्नदा एकादशी 2025
व्रत तिथि: 18 अगस्त (शाम 5:22) से 19 अगस्त (दोपहर 3:32) तक
व्रत दिवस: 19 अगस्त 2025 (मंगलवार)
पारण: 20 अगस्त 2025, सुबह 5:53 AM से 8:29 AM तक

समझ गया 🙏 आप चाहते हैं कि सूची की शुरुआत वैशाख मास (बैसाख) से हो और फिर क्रमवार सभी मास की एकादशियाँ आएँ।
यहाँ मैंने क्रमांक सहित पूरी सूची तैयार की है 👇

हिन्दू कैलेंडर 2025: व्रत और त्यौहारों का पूर्ण सूची

📜 सभी एकादशियों के नाम

क्रमांक🗓️ मास🪔 एकादशियों के नाम
1वैशाख मासवरुथिनी एकादशी, मोहिनी एकादशी
2ज्येष्ठ मासअपरा / अचला एकादशी, पाण्डव निर्जला / रुक्मणी-हरण एकादशी
3आषाढ़ मासयोगिनी एकादशी, देवशयनी एकादशी
4श्रावण मासकामिका एकादशी, पुत्रदा / पवित्रा एकादशी
5भाद्रपद मासअजा / अन्नदा एकादशी, परिवर्तनी / पार्श्व / पद्मा / जयंती / जल झुलनी / देवझूलनी / वामन एकादशी
6अश्विन मासइंदिरा एकादशी, पापांकुशा एकादशी
7कार्तिक मासरमा एकादशी, देवोत्थान / प्रबोधिनी एकादशी
8मार्गशीर्ष मासउत्पन्ना एकादशी, मोक्षदा एकादशी
9पौष माससफला एकादशी, पौष पुत्रदा / पवित्रा / वैकुण्ठ एकादशी
10माघ मासषटतिला एकादशी, जया / भैमी एकादशी
11फाल्गुन मासविजया एकादशी, आमलकी / रंगभरनी / कुंज / खाटू एकादशी
12चैत्र मासपापमोचनी एकादशी, कामदा एकादशी
13अधिक मास (अधिमास)पद्मिनी / कमला / पुरुषोत्तमी एकादशी, परमा एकादशी

ठीक है, आपके दिए हुए विवरण को मैं एक साफ और पढ़ने में आसान टेबल + फॉर्मेट में बदल सकता हूँ, ताकि इसे वेबसाइट या लेख में सीधे इस्तेमाल किया जा सके।

यहाँ एक सुझाव है:

📖 एकादशी के प्रकार और ISKCON कैलेंडर विवरण

1️⃣ एकादशी के प्रकार

प्रकारविवरण
सम्पूर्णाजिस तिथि में केवल एकादशी तिथि होती है, अन्य किसी तिथि का मिश्रण नहीं होता। इसे सम्पूर्णा एकादशी कहते हैं।
विद्धामिश्रित एकादशी, दो प्रकार की होती है:
पूर्वविद्धादशमी मिश्रित एकादशी। अगर एकादशी के दिन सूर्योदय के समय दशमी का अंश भी बचा हो तो यह पूर्वविद्धा दोषयुक्त होती है और वर्जनीय मानी जाती है। यह दैत्यों का बल बढ़ाने वाली होती है।
परविद्धाद्वादशी मिश्रित एकादशी। यह सर्वदा ग्रहण करने योग्य होती है। भक्तों को परविद्धा एकादशी ही रखना चाहिए। इससे भक्ति में वृद्धि होती है।

ध्यान: यह मत वैष्णव, गौड़ीय वैष्णव एवं इस्कॉन संप्रदाय के अनुसार है।

2️⃣ ISKCON एकादशी कैलेंडर 2025 – अजा एकादशी (नई दिल्ली)

विवरणसमय / तिथि
समर्थ / वैष्णव / इस्कॉन / गौड़ीयमंगलवार, 19 अगस्त 2025
व्रत तोड़ने (पारण)20 अगस्त 2025, 5:53 AM – 8:29 AM
एकादशी तिथि18 अगस्त 2025, 5:22 PM – 19 अगस्त 2025, 3:32 PM
आवृत्तिअर्ध मासिक
समय1 दिन
मंत्रॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः, हरे राम महामंत्र
कारणभगवान विष्णु का पसंदीदा दिन
उत्सव विधिव्रत, पूजा, एकादशी व्रत कथा, भजन-कीर्तन, सत्यनारायण कथा
महत्वपूर्ण जगहचारों धाम, श्री विष्णु मंदिर, श्री राम मंदिर, श्री कृष्ण मंदिर, इस्कॉन मंदिर, सभी वैष्णव घर
पिछले त्यौहारश्रावण पुत्रदा: 5 Aug 2025, कामिका: 21 July 2025, देवशयनी: 6 July 2025, योगिनी: 22 June 2025, निर्जला: 7 June 2025, अपरा: 23 May 2025, मोहिनी: 8 May 2025, वरुथिनी: 24 April 2025 आदि

हिन्दू कैलेंडर 2025: व्रत और त्यौहारों का पूर्ण सूची

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