श्री सरस्वती अष्टकम | Maa Saraswati Ashtakam

श्री सरस्वती अष्टकम |

अमला विश्ववन्द्या सा कमलाकरमालिनी।
विमलाभ्रनिभा वोऽव्यात्कमला या सरस्वती।
वार्णसंस्थाङ्गरूपा या स्वर्णरत्नविभूषिता।
निर्णया भारती श्वेतवर्णा वोऽव्यात्सरस्वती।
वरदाभयरुद्राक्ष- वरपुस्तकधारिणी।
सरसा सा सरोजस्था सारा वोऽव्यात्सरास्वती।
सुन्दरी सुमुखी पद्ममन्दिरा मधुरा च सा।
कुन्दभासा सदा वोऽव्याद्वन्दिता या सरस्वती।
रुद्राक्षलिपिता कुम्भमुद्राधृत- कराम्बुजा।
भद्रार्थदायिनी साव्याद्भद्राब्जाक्षी सरस्वती।
रक्तकौशेयरत्नाढ्या व्यक्तभाषणभूषणा।
भक्तहृत्पद्मसंस्था सा शक्ता वोऽव्यात्सरस्वती।
चतुर्मुखस्य जाया या चतुर्वेदस्वरूपिणी।
चतुर्भुजा च सा वोऽव्याच्चतुर्वर्गा सरस्वती।
सर्वलोकप्रपूज्या या पर्वचन्द्रनिभानना।
सर्वजिह्वाग्रसंस्था सा सदा वोऽव्यात्सरस्वती।
सरस्वत्यष्टकं नित्यं सकृत्प्रातर्जपेन्नरः।
अज्ञैर्विमुच्यते सोऽयं प्राज्ञैरिष्टश्च लभ्यते।

श्री सरस्वती अष्टकम PDF

इसे भी पढ़े : सरस्वती मेधा सूक्तम

Leave a Comment

Ads Blocker Image Powered by Code Help Pro

Ads Blocker Detected!!!

We have detected that you are using extensions to block ads. Please support us by disabling these ads blocker.

Powered By
Best Wordpress Adblock Detecting Plugin | CHP Adblock
error: Content is protected !!