देशभक्ति संस्कृत निबंध | Deshbhakti Sanskrit Essay

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देशभक्ति श्लोक संस्कृत

देशभक्तिः सर्वासु भक्तिषु श्रेष्ठा कथ्यते।
देशभक्तिः व्यक्ति-समाज -देशकल्याणार्थ परमम् औषधम् अस्ति।

देशभक्ति संस्कृत निबंध

संस्कृत अनुच्छेद:
देशभक्तिः परमं गुणं विद्यते। यः स्वदेशं प्रेम्णा सेवते, स एव सत्पुरुषः भवति। अस्माकं भारतदेशः महान् अस्ति। अस्मिन् देशे महानाः ऋषयः, साधवः, सेनानिकाश्च जाताः। ते स्वजीवनं राष्ट्रसेवायै अर्पितवन्तः।

यस्मिन् देशे वयं जन्मधारणं कुर्मः, स हि अस्माकं देशः जन्मभूमिः वा भवति। जननी इव जन्मभूमिः पूज्या आदरणीया च भवति। अस्याः यशः सर्वेषां देशवसिनां यशः भवति। अस्याः गौरवेण एव देशवसिनां गौरवम् भवति। ये जनाः स्वाभ्युदयार्थं देशस्याहितं कुर्वन्ति, ते अधमाः सन्ति।

देशभक्तिः केवलं वचनैः न भवेत्, अपितु कर्मणाः अपि प्रकटनीया। स्वदेशस्य उन्नतिं चिन्तयित्वा परिश्रमः आवश्यकः। शिक्षायाः प्रसारः, स्वच्छता, सहकार्यं च देशभक्तेः लक्षणानि सन्ति। यदि सर्वे नागरिकाः एकतया परिश्रमं कुर्वन्ति, तर्हि राष्ट्रं समृद्धं भविष्यति।

देशभक्तिः सर्वासु भक्तिषु श्रेष्ठा कथ्यते। अनया एव देशस्य स्वतंत्रतायाः रक्षा भवति। अनया एव प्रेरिताः बहवः देशभक्ताः भगतसिंहः, चन्द्रशेखर आजाद प्रभृतयः आत्मोत्सर्गम् अकुर्वन्। झाँसीश्वरी लक्ष्मीबाई, राणाप्रताप मेवाड़केसरि, शिववीरः च प्रमुखाः देशभक्ताः अस्माकं देशे जाता। देशभक्तिः व्यक्ति-समाज-देशकल्याणार्थ परमम् औषधम् अस्ति।

अतः अस्माभिः अपि देशभक्तिं धृत्वा कर्माणि कर्तव्यानि। जयतु भारतम्! 🚩


हिन्दी अनुवाद:
देशभक्ति एक महान गुण है। जो व्यक्ति प्रेमपूर्वक अपने देश की सेवा करता है, वही सच्चा इंसान कहलाता है। हमारा भारत देश महान है। इस देश में महान ऋषि, संत और सैनिक जन्मे हैं। उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित कर दिया।

जिस देश में हम जन्म लेते हैं, वही हमारा देश और जन्मभूमि कहलाता है। माता के समान जन्मभूमि पूजनीय और आदरणीय होती है। इसकी प्रतिष्ठा ही देशवासियों की प्रतिष्ठा होती है। इसके गौरव से ही देशवासियों का गौरव बढ़ता है। जो लोग केवल अपने स्वार्थ के लिए देश का अहित करते हैं, वे सबसे निकृष्ट होते हैं।

देशभक्ति केवल शब्दों में नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसे कर्मों द्वारा भी सिद्ध करना चाहिए। देश की उन्नति के लिए मेहनत करना आवश्यक है। शिक्षा का प्रसार, स्वच्छता और सहयोग देशभक्ति के प्रमुख लक्षण हैं। यदि सभी नागरिक एकजुट होकर परिश्रम करें, तो हमारा राष्ट्र समृद्ध और शक्तिशाली बनेगा।

देशभक्ति सभी भक्तियों में श्रेष्ठ मानी जाती है। इसी से देश की स्वतंत्रता की रक्षा होती है। इसी भावना से प्रेरित होकर भगतसिंह, चंद्रशेखर आजाद जैसे अनेक वीरों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, मेवाड़ के शेर महाराणा प्रताप और वीर शिवाजी जैसे महान देशभक्त हमारे देश में जन्मे। देशभक्ति व्यक्ति, समाज और राष्ट्र के कल्याण के लिए सर्वोत्तम औषधि के समान है।

इसलिए, हमें भी देशभक्ति को अपनाकर अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। भारत की जय हो! 🚩

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