भगवान शिव, हिन्दू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं, जिन्हें ‘महादेव’, ‘भूतनाथ’, ‘नीलकंठ’ और ‘भोलेनाथ’ जैसे अनेक नामों से पूजा जाता है। शिव जी की उपासना के पीछे उनके समर्पण, शक्ति, ज्ञान और विनम्रता की विशेषताएँ हैं। वे संहारक और सृजनकर्ता दोनों के रूप में प्रतिष्ठित हैं और उनके हजारों नाम हैं जो उनके विविध रूपों और गुणों को दर्शाते हैं। इन नामों में हर एक नाम शिव जी की किसी विशेष विशेषता या कृत्य से जुड़ा हुआ है।
यदि आप अपने बेटे के लिए एक अद्भुत और पवित्र नाम की तलाश कर रहे हैं, तो भगवान शिव के इन हजारों नामों में से कोई भी नाम चुन सकते हैं। ये नाम न केवल आध्यात्मिक रूप से समृद्ध हैं, बल्कि इनके माध्यम से बच्चे को एक मजबूत, साहसी और ज्ञानवान व्यक्तित्व का आशीर्वाद भी मिल सकता है। शिव जी के इन पवित्र नामों में से प्रत्येक नाम उनके अनंत रूपों और विशेषताओं का प्रतीक है।
शिव से प्रेरित 73 नाम, जो आपकी बेटी को एक अद्वितीय पहचान देंगे
भगवान शिव के हजार नाम (1000 Names of Lord Shiva for Baby Boy)
भगवान शिव के हजार नाम ( 1 to 250 )
- सिव
- हर
- मृदा
- रुद्र
- पुष्कर
- पुष्पलोचना
- अर्थिगाम्य
- सदाचार
- शर्व
- शंभू
- महेश्वर
- चंद्रपिद
- चंद्रमौली
- विश्व
- विश्वमरेश्वर
- वेदांतसरसंदोह
- कापाली
- नीललोहित
- ध्यानाधार
- अपरिच्छेद्य
- गौरिभारत
- गणेश्वर
- अष्टमूर्ति
- विश्वमूर्ति
- त्रिवर्गस्वर्गसाधना
- ज्ञानागम्य
- द्रिडप्रज्ञ
- देवदेव
- त्रिलोचन
- वामदेव
- महादेव
- पातु
- परिवृत्त
- द्रिड
- विश्वरूप
- विराटाक्ष
- वागीश
- शुचिसत्तम
- सर्वप्रमाणसंवदी
- वृषांक
- वृषवाहन
- ईश
- पिनाकी
- खटवंगा
- चित्रवेश
- चिरंतन
- तमोहरा
- महायोगी
- गुप्त
- ब्रह्मा
- धुरजति
- कालकला
- कृत्तिवास
- शुभाग
- प्रणवत्मक
- उन्नध्र
- पुरुष
- जुश्य
- दुर्वासा
- पुरशासन
- दिव्यायुर्धा
- स्कन्दगुरु
- परमेश्थि
- परात्पर
- अनादिमध्यनिधन
- गिरिश
- गिरिजाधव
- कुबेरबंधु
- श्रीकंठ
- लोकवर्णोत्तमा
- मृदु
- समाधिवेद्य
- कोदण्डी
- नीलकंठ
- पराश्वधि
- विशालक्ष
- मृगव्याघ
- सुरेश
- सूर्यताप
- धर्मधाम
- क्षमाक्षेत्र
- भगवान
- भागनेत्राभिद
- उग्र
- पशुपति
- तर्कश्य
- प्रियभक्त
- परंताप
- दत्त
- दयाकर
- दक्ष
- कर्माण्डि
- कामशासन
- शवाशननिलय
- सुख्ष
- शवाशनस्था
- महेश्वर
- लोककर्ता
- मृगपति
- महाकार्ता
- महाउषधि
- उत्तरा
- गोपति
- गोप्त
- ज्ञानागम्य
- पुरातन
- नीति
- सुनीति
- शुद्धात्मा
- सोम
- सोमरता
- सुखी
- सोमपा
- अमृतपा
- शून्य
- महातेज
- महाद्युत
- तेजोमय
- अमृतमय
- अन्नमय
- सुधापति
- अजातशत्रु
- आलोक
- सम्भाव्य
- हव्यवाहन
- लोकाकार
- वेदाकार
- सूत्रकार
- सनातन
- महर्षि
- कपिलाचार्य
- विश्वदीप्ति
- विलोचन
- पिनाकपानी
- भूदेव
- स्वस्तिदा
- स्वस्तिकृत
- सुधि
- धात्रिधाम
- धमाकारा
- सर्वगा
- सर्वगोचर
- ब्रह्मास्रिका
- विश्वास्रिका
- सर्ग
- कर्णिकरा
- प्रिय
- कावि
- शाखा
- विशाल
- गोशाखा
- सिव
- भीषक
- अनुत्तम
- गंगाप्लवोदका
- भव्या
- पुष्कला
- स्थापति
- स्थिर
- विजितात्मा
- विश्वात्मा
- भूतवाहन
- सारथी
- सगना
- गणकाया
- सुखिर्ती
- चिन्हसंशय
- कामदेव
- कामपाल
- भास्मोद्धुलित-विग्रह
- भास्मप्रिय
- भास्मशायी
- कामी
- कान्त
- कृत्तगाम
- समावर्त
- निवृतात्मा
- धर्मपुंज
- सदाशिव
- काल्मश
- चतुर्वाहु
- दुर्वासा
- दुरसद
- दुर्लभ
- दर्गम
- दुर्गा
- सर्वायुधविशारदा
- अध्यात्मयोगनिलय
- सूत्रन्तु
- तन्तुवर्धन
- शुभांगा
- लोकसरंगा
- जगदीश
- जनार्दन
- भास्मशुद्धिकारा
- मेरु
- ओजस्वि
- शुद्धविग्रह
- आसाध्य
- साधुसाध्य
- भृत्यमर्कटरूपाध्रिका
- हिरण्यरेता
- पुराण
- रिपुजीवहरा
- बाल
- महाह्रद
- महागर्त
- व्याली
- सिद्धवृन्दारवन्दिता
- व्याघ्रचर्मांबर
- महाभूत
- महानिधि
- अमृताशा
- अमृतवपु
- पंचजन्य
- प्रभञ्जन
- पंचविंशतत्त्वस्थ
- पारिजात
- पारवारा
- सुलभ
- सुव्रत
- शूर
- ब्रह्मवेदनिधि
- निधि
- वर्णाश्रमगुरु
- वर्णी
- शत्रुजित
- शत्रुताप
- आश्रम
- क्षपना
- क्षमा
- ज्ञानवाना
- अचलेश्वर
- प्रमाणभूत
- दुर्ज्ञेय
- सुपर्ण
- वायुवाहन
- धनुर्धर
- धनुर्वेद
- गुणारिशि
- गुणकार
- सत्यसत्यपर
- दीन
- धर्मगा
- आनंद
- धर्मसाधना
- अनन्तदृष्टि
- दण्ड
- दामयिता
- दाम
भगवान शिव के हजार नाम ( 251 to 500 )
- अभिवाद्य
- महामाया
- विश्वकर्मा
- विशारदा
- विटराग
- विनीतात्मा
- तपस्वी
- भूतभवना
- उन्मत्तवेष
- प्रच्छन्न
- जितकाम
- अजितप्रिय
- कल्याणप्रकृति
- कल्प
- सर्वलोकप्रजापति
- तारस्वी
- तवक
- धीमाना
- प्रधानप्रभु
- अव्यय
- लोकपाल
- अंतरहितात्मा
- कल्पदी
- कमलाक्षण
- वेदशास्त्रार्थतत्त्वज्ञ
- अनियम
- नियताश्रय
- चंद्र
- सूर्य
- शनि
- केतु
- वरंग
- विद्रुमच्छवि
- भक्तिवश्य
- अनघ
- परब्रह्ममृगवनार्पण
- अद्री
- अद्रयालय
- कान्त
- परमात्मा
- जगद्गुरु
- सर्वकर्मालय
- तुष्ट
- मंगल्य
- मंगलव्रित
- महातप
- द्रिघतप
- स्थवीर
- स्थिर
- ध्रुव
- आह
- संवत्सर
- व्याप्ति
- प्रमाण
- परमातप
- संवत्सरकार
- मंत्रप्रत्ययकार
- सर्वदर्शन
- अज
- सर्वेश्वर
- सिद्ध
- महरेता
- महाबला
- योगी
- योग्य
- सिद्धि
- महातेज
- सर्वदी
- अग्राह
- वसु
- वसुमा
- सत्य
- सर्वपापहारा
- सुखिर्ती
- शोभना
- श्रीमाना
- अवन्मानसगोचरा
- अमृताशाश्वत
- शान्त
- वनहस्त
- प्रतापवाना
- कमंडलुंधरा
- धन्वी
- वेदाङ्ग
- वेदविता
- मुनि
- भ्राजिष्णु
- भोजना
- भोक्ता
- लोकनाथ
- दुराधर
- अतिन्द्रिय
- महामाया
- सर्ववासा
- चतुश्पथा
- कालयोगी
- महानद
- महत्साह
- महाबला
- महाबुद्धि
- महावीर्य
- भूतचारी
- पुरंदर
- निशाचर
- प्रेतचारी
- महाशक्ति
- महाद्युति
- अहिर्देश्यवपु
- श्रीमाना
- सर्वाचार्यमनो गति
- वहुश्रुत
- नियतात्मा
- ध्रुव
- अध्रुव
- सर्वाशस्क
- ओजस्तेजोद्युतिधर
- नर्तका
- नृत्यप्रिय
- नृत्यानित्य
- प्रकाशात्मा
- प्रकाशक
- स्पष्टाक्षर
- बुध
- मंत्र
- समाना
- सरसंप्लव
- युगादिक्रिडा
- युगवर्त
- गम्भीर
- वृषवाहन
- इष्ट
- विशिष्ट
- शिष्टेष्ट
- शलभ
- शरभ
- धनु
- तीर्थरूप
- तीर्थनाम
- तीर्थदृष्ट
- स्तुत
- अर्थदा
- अपाम्निधि
- अधिष्ठान
- विजय
- जयकला
- प्रतिष्ठिता
- प्रमाणज्ञ
- हिरण्यकवच
- हरि
- विम्लोचन
- सुरगण
- विद्येश
- विन्दुसंश्रय
- बालरूप
- विकर्ता
- बालुन्मत्त
- गहना
- गुहा
- करण
- कर्ता
- सर्वबंधनविमोचन
- व्यवसा
- व्यवस्था
- स्थानदा
- जगददिज
- गरुड़
- ललिता
- अभेद
- भवात्मासंस्थिता
- वीरश्वर
- वीरभद्र
- वीरासनविधि
- विराट
- विराचूड़मणि
- वेत्ता
- तिव्रानंद
- नदिधरा
- अज्ञाधारा
- त्रिशूलि
- शिपिविष्ट
- शिवालय
- बालखिल्य
- महाचाप
- तिग्माम्शु
- बधिर
- खग
- अधिराम
- सुशरण
- सुब्रह्मण्य
- सुधापति
- माघवान
- कूषिका
- गौमना
- वीराम
- सर्वसाधना
- लालटाक्ष
- विश्वदेह
- सार
- संसारचक्रभृता
- अमोघदण्ड
- मध्यस्थ
- हिरण्य
- ब्रह्मवर्चसी
- परमार्थ
- पर
- मयि
- शंभरा
- व्याघ्रलोचना
- रुचि
- विरिंचि
- स्वरबंधु
- वाचस्पति
- आहर्पति
- रवि
- विराट
- शास्ता
- वैवस्वत
- यम
- युक्ति
- उन्नतिकर्ति
- सनुराग
- परांजय
- कैलाशाधिपति
- कान्त
- सविता
- रविलोचना
- विद्वत्तमा
- विताभया
- विश्वभारत
- अनिवारित
- नित्य
- नियतकल्याण
- पुण्यश्रवणकीर्तन
- दुरश्रव
- विश्वसाह
- ध्येय
- दुःस्वप्ननाशना
- उत्तराण
- दुष्कृतिहा
- विजनेय
- दुष्सह
- भाव
- अनादि
- भूरभुवक्षि
- किरीट
- रुचिरंगदा
- जनना
- जनजनमदी
- प्रियिमान
- प्रीतिमान
भगवान शिव के हजार नाम ( 500 to 750 )
- नीतिमान
- धव
- वशिष्ठ
- कश्यप
- भानु
- भीम
- भीमपराक्रम
- प्रणव
- सत्यपच्चचार
- महाकाश
- महाघन
- जन्माधिप
- महादेव
- सकलागमपराग
- तत्व
- तत्ववित
- एकात्म
- विभु
- विश्वविभूषण
- ऋषि
- ब्राह्मण
- ऐश्वर्यजनन्मृत्युजरातिग
- पंचयज्ञसमुत्पत्ति
- विश्वेश
- विमलोदय
- आत्मयोनि
- अनाद्यन्त
- वात्सल
- भक्तलोकध्रिका
- गायत्रिवल्लभ
- प्रम्शु
- विश्ववासा
- प्रभाकर
- शिशु
- गिरिरात
- सम्राट
- सुशेण
- सुरशत्रुहा
- अमोघ
- अरिष्टनेमि
- कुमुद
- विगतज्वर
- स्वयम्ज्योति
- तनुज्योति
- अचंचल
- आत्मज्योति
- पिंगल
- कपिलाश्माश्रु
- भालनेत्र
- त्रयितानु
- ज्ञानस्कंदमहानीति
- विश्वुत्पत्ति
- उपाप्लव
- भाग
- विवस्वान
- आदित्य
- योगपार
- दिवस्पति
- कल्याणगुणनाम
- पापह
- पुण्यदर्शन
- उदारकीर्ति
- उद्योगी
- सद्योगी
- सदसन्मया
- नक्षत्रमाली
- नकेश
- स्वाधिष्ठानपदाश्रय
- पवित्र
- पापहरी
- मणिपुर
- नाभोगति
- हृत
- पुंडरिकसीन
- शत्रु
- श्रान्त
- ऋषकपी
- उष्ण
- गृहपति
- कृष्ण
- परमार्थ
- अनर्थनाशन
- अधर्मशत्रु
- अज्ञेय
- पुरोहित
- पुरुषृत
- ब्राह्मगर्भ
- वृहदगर्भ
- धर्मधेनु
- धनागम
- जगद्धितैषी
- सुगति
- कुमार
- कुशलगम
- हिरण्यवर्ण
- ज्योतिष्मान
- नानाभूतारत
- ध्वनि
- आरग
- नियमाध्यक्ष
- विश्वमित्र
- धनेश्वर
- ब्राह्मज्योति
- वसुधाम
- महाज्योतिनुत्तम
- मातामह
- मातरिश्व
- नभस्वान
- नागहारध्रिका
- पुलस्त्य
- पुलह
- अगस्त्य
- जातुकार्ण्य
- पराशर
- निरावरणनिर्वर
- वैरांच्य
- विस्तारश्रव
- आत्मभू
- अनिरुद्ध
- अत्रि
- ज्ञानमूर्ति
- महायश
- लोकवीरग्रणी
- वीर
- चंद
- सत्यपराक्रम
- व्यालकल्प
- महाकल्प
- कल्पवृक्ष
- कालाधर
- अलंकारिष्णु
- अचला
- रुचिष्णु
- विक्रमोन्नत
- आयुशब्दपति
- वेगि
- प्लावन
- शिखिसारथी
- असंसृष्ट
- अतिथि
- शत्रुप्रेमाथी
- पदपाषाण
- वसुश्रव
- प्रताप
- हव्यवाह
- विश्वभोजन
- जापय
- जरादिशामन
- लोहितात्मा
- तनुनपात
- वृहदश्व
- नभयोनि
- सुप्रतिक
- तामस्राह
- निदाघ
- तपन
- मेघ
- स्वाक्ष
- परपुरञ्जय
- सुखनिल
- सुनिष्पन्न
- सुरभि
- शिशिरात्मका
- वसंत
- माधव
- ग्रीष्म
- नभस्य
- विजवहना
- अंगिरा
- गुरु
- अतरेय
- विमला
- विश्ववाहना
- पवन
- सुमति
- विद्वान
- त्रविद्या
- नरवाहन
- मनोबुद्धि
- अहंकार
- क्षेत्रज्ञ
- क्षेत्रपालक
- जमदग्नि
- बालनिधि
- विगल
- विश्वगलव
- अघोर
- अनुत्तरा
- यज्ञ
- श्रेया
- निर्षेहपथ
- शैला
- गगनकुंडभा
- दानवारी
- अरिंदम
- राजनीजनक
- चारुविशैय
- लोककल्पध्रिका
- चतुर्वेद
- चतुर्भव
- चतुर
- चतुर्प्रिय
- अम्लया
- समाम्लया
- तीर्थवेदाशिवालय
- वाहुरूप
- महारूप
- सर्वरूप
- चराचर
- न्यायनिर्मायक
- न्यायी
- न्यायागम्य
- निरंतर
- सहस्रमरिद्ध
- देवेंद्र
- सर्वशास्त्रप्रभंजन
- मुंड
- वीरूप
- विक्रांत
- डंडी
- दंता
- गुणोत्तम
- पिंगलाक्ष
- जनाध्यक्षा
- नीलग्रीव
- निरामय
- सहस्रवाहु
- सर्वेश
- शरण्य
- सर्वलोकध्रिका
- पद्मासन
- परमज्योति
- परमपरा
- परमसाला
- पद्मगर्भ
- महागर्भ
- विश्वगर्भ
- विचाक्षण
- चराचराज्ञा
- वरदा
- वरेश
- महाबला
- देवसुरगुरु
- देव
- देवसुरमहाश्रया
- देवादिदेव
- देवाग्नि
- देवाग्निसुखदा
- प्रभु
- देवसुरेश्वर
भगवान शिव के हजार नाम ( 750 to 1000 )
- दिव्य
- देवसुरमहेश्वर
- देवदेवमय
- अचिन्त्य
- देवदेवतात्मसंभव
- साध्योनि
- आसुरव्याघ्र
- देवसिंह
- दिवाकर
- विभुदग्रवरा
- श्रेष्ठ
- सर्वदेवोत्तमोत्तम
- शिवज्ञानरता
- श्रीमाण
- शिखि-श्रीपर्वतप्रिय
- वज्रहस्ता
- सिद्धाखड्गी
- नरसिंहनिपतन
- ब्रह्मचारी
- लोकचारी
- धर्मचारी
- धनाधीप
- नंदी
- नंदीश्वर
- अनंत
- नागनवरताधर
- शुचि
- लिंगाध्यक्ष
- सुराध्यक्ष
- योगाध्यक्ष
- युगवाह
- स्वधर्म
- स्वर्गत
- स्वर्गाखर
- स्वरमायस्वना
- वनाध्यक्ष
- विजयकर्ता
- धर्मकृत
- धर्मसंभव
- दम्भ
- अलोभ
- अर्थवित
- शंभु
- सर्वभूतमहेश्वर
- श्मशाननिलय
- त्र्यक्ष
- सेतु
- अप्रतिमाकृति
- लोकोत्तरस-पुतालोक
- त्रिम्बक
- नागभूषण
- अंधकारी
- मखद्वेषी
- विष्णुकंधारपतना
- हीनदोष
- अक्षयगुण
- दक्षरी
- पुषदंताभित
- धुरजति
- खंडपराशु
- सकल
- निष्कल
- अनघ
- अकाल
- सकलाधर
- पाण्डुराभ
- मृद
- नता
- पूर्ण
- पुरयिता
- पुण्य
- सुकोमल
- सुलोचना
- समगायप्रिय
- अक्रूर
- पुण्यकीर्ति
- अनामय
- मनोजव
- तीर्थकार
- जातिल
- जीवितेश्वर
- जीवितान्तकार
- नित्य
- वसुरेता
- वसु्प्रदा
- सद्गति
- सत्कृति
- सिद्धि
- सज्जति
- कालकंटक
- कालाधर
- महाकाल
- भूतसत्यपरायण
- लोकलव्यन्यकर्ता
- लोकोत्तरसुखालय
- चन्द्रसंजीवना
- शास्ता
- लोकगुड़ा
- महाधीप
- लोकबंधु
- लोकनाथ
- कृतज्ञ
- कृत्तिभूषण
- अनुपया
- अक्षरा
- कंथा
- सर्वशास्त्रभूद्वार
- तेजोमया
- द्यूतिकार
- लोकाग्रणी
- अनु
- शुचिस्मिता
- प्रसंम्यात्मा
- दुर्जेय
- दुरतिक्रम
- ज्योतिर्मया
- जगन्नाथ
- निराकार
- जलेश्वर
- तुम्बविन
- महाकोप
- विषोका
- शोकनाशन
- त्रिलोकपा
- त्रिलोकेश
- सर्वशुद्धि
- अधोक्षज
- अव्यक्तलक्षण
- देव
- व्यक्तव्यक्त
- विषंपति
- वरशिला
- वरगुण
- शारमनाधन
- माया
- ब्रह्मा
- विष्णु
- प्रजापति
- हंसा
- हंसगति
- वाय
- वेद
- विधाता
- धाता
- स्रष्टा
- हार्ता
- चतुर्मुख
- कैलाशशिखरवासी
- सर्ववासी
- सदागति
- हिरण्यगर्भ
- द्रुहिना
- भूतपाल
- भूपति
- साध्योगी
- योगवित
- योगी
- वरदा
- ब्राह्मणप्रिय
- देवप्रिय
- देवनाथ
- देवज्ञ
- देवचिंतका
- विषमाक्ष
- विशालाक्ष
- ऋषदा
- ऋषवर्धन
- निर्ममा
- निरहंकार
- निरमोहन
- निरुपद्रव
- दर्पहा
- दर्पदा
- द्रिप्त
- सर्वभूतपरिवर्तक
- सहस्रजित
- सहस्रार्चि
- प्रभव
- स्निग्धप्रकृतिदक्षिण
- भूतभव्यभावन्नाथ
- भूतिनाशन
- अर्थ
- अनर्थ
- महाकोष
- पराकैयैकपंडित
- निष्कंतक
- कृतानंद
- निर्व्यजा
- व्याजमर्दन
- सत्त्ववन
- सात्विक
- सत्यकीर्ति
- स्नेहकृतागम
- अکام्पित
- गुणाग्रही
- नैकट्मा
- नैककर्मकृत
- सुप्रित
- सुमुख
- सुक्ष
- सुकार
- दक्षिननिल
- नंदिस्कंधाधर
- धुर्य
- प्रकटा
- प्रीतिवर्धन
- अपराजिता
- सर्वसत्त्व
- गोविंद
- अध्रित
- सत्त्ववाहन
- स्वधृत
- सिद्ध
- पुरमूर्ति
- यशोधन
- वराहभृंगधरिका
- भृंगी
- बलवाना
- एकनायक
- श्रुतिप्रकाश
- श्रुतिमान
- एकबंधु
- अनेककृत
- श्रीवत्तलाशिवारम्भ
- शांताभद्र
- सम
- यश
- भूषया
- भूषण
- भूति
- भूतकृत
- भूतभावना
- अकम्प
- भक्तिकाय
- कालह
- नीललोहिता
- सत्यव्रत
- महात्यागी
- नित्यशांतिपरायण
- परार्थवृत्ति
- विभिक्षु
- विशारदा
- शुभदा
- शुभकर्ता
- शुभनाम
- शुभ
- अनर्थिता
- अगुण
- साक्षी
- आकर्ता
शिव से प्रेरित 73 नाम, जो आपकी बेटी को एक अद्वितीय पहचान देंगे
FaQs
शिव का छोटा नाम क्या है?
शिव का छोटा नाम “शिव” है, जो उनके शुद्ध और दिव्य स्वरूप का प्रतीक है।
भोलेनाथ के 21 नाम कौन से हैं?
भोलेनाथ के 21 नाम भगवान शिव के विभिन्न रूपों और गुणों का वर्णन करते हैं। इन नामों में महादेव, त्रिलोचन, रूद्र, नीलकंठ, गंगाधर, शंकर, भूतनाथ, महेश, महाकाल, शंभू, शिव, रुद्रेश्वर, कैलाशनाथ, त्रिपुरारी, पिनाकी, भवानीशंकर, चंद्रशेखर, रौद्र, पंचवक्त्र, आदिदेव, और पशुपति शामिल हैं। ये सभी नाम शिव जी के महान और विविध रूपों को व्यक्त करते हैं, जो उनके शांत, उग्र, और सर्वशक्तिमान स्वरूप को प्रदर्शित करते हैं।
शिव भगवान के 108 नाम कौन से हैं?
शिव के 108 नामों में महेश, शंभू, रूद्र, विश्वनाथ, गंगाधर जैसे नाम होते हैं, जो उनके भव्य और दिव्य रूपों को व्यक्त करते हैं।
शिव के 1008 नाम क्या हैं?
शिव के 1008 नामों में महादेव, रुद्र, शंकर, त्रिपुरारी, पाशुपत जैसे नाम शामिल होते हैं, जो उनके हर रूप और शक्ति को व्यक्त करते हैं।