भगवान गणेश के 21 नाम | 21 Names of Lord Ganesha In Hindi

भगवान गणेश, जो विघ्नहर्ता और समृद्धि के देवता माने जाते हैं, के अनेक नाम हैं, जो उनके विभिन्न रूपों, शक्तियों और गुणों को व्यक्त करते हैं। हर नाम के पीछे एक विशेष कारण और रहस्य छिपा होता है, जो उनकी दिव्यता और उनके कार्यक्षेत्र की गहराई को दर्शाता है। यहां भगवान गणेश के 21 प्रमुख नामों का उल्लेख किया गया है, जो उनके अद्वितीय गुणों और शक्तियों का प्रतीक हैं।

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भगवान गणेश के 21 नाम (21 Names of Lord Ganesha)

गणेशस्यैकविंशति नाम स्तोत्र (श्रीगणेश का 21 नाम स्तोत्र संस्कृत में)

ॐ गणंजयो गणपतिर्हेरम्बो धरणीधर: ।
महागणपतिर्लक्षप्रद्र: क्षिप्रप्रसादन: ।। १ ।।
अमोघसिद्धिरमितो मन्त्रश्चिन्तामणिर्निधि: ।
सुमंगलो बीजमाशापूरको वरद: शिव: ।। २ ।।
काश्यपो नन्दनो वाचासिद्धो ढुण्ढिविनायक: ।

यह स्तोत्र भगवान गणेश के 21 शक्तिशाली नामों का सुंदर वर्णन करता है, जो उनके महिमामंडित रूप को प्रतिविंबित करते हैं। भगवान गणेश के प्रत्येक नाम में उनकी विशिष्टता और उनके भक्तों के प्रति प्रेम और कृपा का उल्लेख किया गया है।

भगवान गणेश के 21 नाम 21 Names of Lord Ganesha

1. गणंजय

गणंजय का अर्थ है “गणों का विजेता”। यह नाम भगवान गणेश के नेतृत्व और उनके सभी गणों पर विजय पाने की क्षमता को दर्शाता है। वह सभी रुकावटों और विघ्नों को समाप्त करने वाले हैं।

2. गणपति

गणपति का अर्थ है “गणों का प्रमुख” या “गणों के स्वामी”। भगवान गणेश को यह नाम उनके उच्चतम पद और अद्वितीय नेतृत्व क्षमता को दर्शाने के लिए दिया गया है। वह सभी कार्यों के प्रारंभकर्ता होते हैं।

3. हेरम्ब

हेरम्ब का अर्थ है “वह जो सभी के लिए सहायक होते हैं”। यह नाम भगवान गणेश के उस रूप को दर्शाता है, जो हर प्राणी के कष्टों को हरता है और उसे सहायता प्रदान करता है।

4. धरणीधर

धरणीधर का मतलब है “धरती के शाशक”। भगवान गणेश इस नाम से पृथ्वी और उसके सभी तत्वों के शासक माने जाते हैं। यह नाम उनके ब्रह्मांडीय महत्व को दर्शाता है।

5. महागणपति

महागणपति का अर्थ है “महान गणपति”। यह नाम भगवान गणेश के सर्वश्रेष्ठ और विशाल रूप को व्यक्त करता है। वह हर रूप में महान और शक्तिशाली हैं।

6. लक्षप्रद

लक्षप्रद का मतलब है “लक्ष्य देने वाला”। भगवान गणेश का यह नाम उनके मार्गदर्शन को दर्शाता है, जो अपने भक्तों को उनके जीवन के उद्देश्य और लक्ष्य की ओर प्रेरित करते हैं।

7. क्षिप्रप्रसादन

क्षिप्रप्रसादन का अर्थ है “जल्दी संतुष्टि देने वाला”। भगवान गणेश का यह नाम उनके दयालु स्वभाव और अपने भक्तों के लिए शीघ्र प्रसन्न होने की विशेषता को दर्शाता है।

8. अमोघसिद्धि

अमोघसिद्धि का मतलब है “अविस्मरणीय सिद्धि देने वाला”। भगवान गणेश इस नाम से अपने भक्तों को अडिग सफलता और सिद्धि प्रदान करने वाले माने जाते हैं।

9. अमित

अमित का अर्थ है “असीमित” या “जो कभी समाप्त न हो”। भगवान गणेश के इस नाम से उनकी असीम शक्तियों और अनंत महिमा का प्रत्यक्ष रूप उभरता है।

10. मन्त्र

मन्त्र का अर्थ है “मंत्रों का देवता”। भगवान गणेश को इस नाम से यह दर्शाया जाता है कि वह सभी मंत्रों और तंत्रों के ज्ञाता और संरक्षणकर्ता हैं।

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11. चिन्तामणि

चिन्तामणि का मतलब है “वह जो चिंताओं को दूर करता है”। भगवान गणेश के इस नाम से यह प्रतीत होता है कि वह मानसिक और भौतिक संकटों को समाप्त करने की शक्तियों से संपन्न हैं।

12. निधि

निधि का अर्थ है “धन का भंडार”। भगवान गणेश के इस नाम से यह प्रतीत होता है कि वह अपने भक्तों को संपत्ति और समृद्धि प्रदान करने वाले हैं।

13. सुमंगल

सुमंगल का अर्थ है “शुभ और मंगलकारी”। भगवान गणेश इस नाम से अपने भक्तों के जीवन में शुभता और मंगल लाने वाले माने जाते हैं।

14. बीज

बीज का मतलब है “वह जो उत्पत्ति का स्रोत है”। भगवान गणेश को इस नाम से यह प्रतीत होता है कि वह हर नए कार्य या योजना की शुरुआत के स्रोत होते हैं।

15. आशापूरक

आशापूरक का अर्थ है “जो आशाओं को पूरा करता है”। भगवान गणेश अपने भक्तों की सभी इच्छाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने वाले माने जाते हैं।

16. वरद

वरद का अर्थ है “वरदान देने वाला”। भगवान गणेश का यह नाम उनके उस रूप को दर्शाता है, जिसमें वह अपने भक्तों को आशीर्वाद और वरदान प्रदान करते हैं।

17. शिव

शिव का अर्थ है “कल्याणकारी और शुभ”। भगवान गणेश को इस नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि वह भगवान शिव के पुत्र हैं और उनका आशीर्वाद जीवन में शांति और समृद्धि लाता है।

18. काश्यप

काश्यप का मतलब है “काश्यप ऋषि का वंशज”। यह नाम भगवान गणेश के उनके पूर्वजों से जुड़े संबंध को दर्शाता है, जो महानता और ज्ञान के प्रतीक थे।

19. नन्दन

नन्दन का अर्थ है “आनंद देने वाला”। भगवान गणेश के इस नाम से यह प्रतीत होता है कि वह अपने भक्तों को आंतरिक खुशी और संतुष्टि प्रदान करते हैं।

20. वाचासिद्ध

वाचासिद्ध का मतलब है “वह जो वचन को सिद्ध करने वाला है”। यह नाम भगवान गणेश के वचन और उनकी पूरी होने वाली प्रतिज्ञाओं को दर्शाता है।

21. ढुण्ढिविनायक

ढुण्ढिविनायक का अर्थ है “विघ्नों को नष्ट करने वाला और उनका नाश करने वाला”। भगवान गणेश के इस नाम से यह प्रतीत होता है कि वह अपने भक्तों के जीवन में हर विघ्न और बाधा को दूर करने वाले हैं।

इन 21 नामों के माध्यम से भगवान गणेश के अद्वितीय रूप, गुण, और शक्तियों का परिचय मिलता है। प्रत्येक नाम में भगवान गणेश की विशेषताएँ और उनके दिव्य रूपों का वर्णन किया गया है, जो उनके भक्तों को जीवन में सफलता, समृद्धि और खुशहाली की ओर मार्गदर्शन करते हैं।

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FaQs ( गणेश जी से संबंधित सामान्य प्रश्न और उनके उत्तर )

कलयुग में गणेश जी का नाम क्या होगा?

कलियुग में भगवान गणेश का नाम ‘धूम्रकेतु’ होगा। इस अवतार में, गणेश जी समाज में फैल चुकी बुराइयों को दूर करने और लोगों को सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करेंगे। उनका उद्देश्य समाज में शांति और सद्बुद्धि लाना होगा, और वे गजायण भगवान के रूप में लोगों को नकारात्मकता से मुक्त करने के लिए अवतरित होंगे।

गणेश के 8 अवतार कौन से हैं?

गणेश जी के आठ अवतार हर एक के भीतर एक खास दोष का नाश करने की शक्ति रखते हैं। ये दोष हैं: काम, क्रोध, मद, लोभ, ईर्ष्या, मोह, अहंकार और अज्ञान। प्रत्येक अवतार में भगवान गणेश इन दोषों को समाप्त करने के लिए प्रकट होते हैं। इन अवतारों की कथाएँ उनकी शक्ति और दिव्यता को दर्शाती हैं, जैसे कि गणेश जी ने राक्षस मत्सरासुर के पुत्रों का वध किया, जो अत्यधिक अहंकारी और विनाशकारी हो गए थे।

गणेश को लंबोदर क्यों कहा जाता है?

गणेश जी को ‘लंबोदर’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि उनका पेट बहुत बड़ा और गोल होता है। यह उनके विशाल हृदय और सहनशीलता का प्रतीक है। उनका लंबा पेट यह दर्शाता है कि वे सभी प्रकार की इच्छाओं, कष्टों और बाधाओं को अपने भीतर समाहित कर लेते हैं और जीवन को संतुलित और समृद्ध बनाते हैं।

गणेश जी का शस्त्र क्या है?

भगवान गणेश के चार हाथ होते हैं, जिनमें चार महत्वपूर्ण शस्त्र होते हैं। इनमें से एक हाथ में अंकुश (वशीकरण का प्रतीक), दूसरे में पाश (बंधन और नियंत्रण का प्रतीक), तीसरे हाथ में मोदक (आध्यात्मिक आनंद और समृद्धि का प्रतीक) और चौथे हाथ में आशीर्वाद (संपूर्ण आशीर्वाद और कृपा का प्रतीक) होता है। इन शस्त्रों के माध्यम से गणेश जी समस्त विघ्नों और कठिनाइयों का नाश करते हैं और भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

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