भगवान कृष्ण के 28 नाम । 28 Auspicious Names of Lord Krishna

भगवान कृष्ण के 28 नाम: भगवान श्री कृष्ण, हिन्दू धर्म के अनुसार विष्णु के अवतारों में से एक हैं। उन्हें अनेक नामों से पुकारा जाता है, जो उनके विभिन्न गुणों और महत्व को दर्शाते हैं। उनमें से 28 नाम विशेष महत्वपूर्ण हैं, जो उनके अत्यंत प्रिय नामों में शामिल हैं।

भगवान कृष्ण के 28 नाम । भगवान कृष्ण के 28 दिव्य नाम

भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन के बीच हुए उपदेश का वर्णन गीता के महत्वपूर्ण प्रसंगों में से एक है। इस प्रसंग में अर्जुन भगवान कृष्ण से पूछते हैं कि मनुष्य क्यों उनके हजारों नामों का जप करते हैं, जो काफी कठिन है। इसके बजाय, क्या वह उनके दिव्य नामों को ही जप करें, जो सुन्दर और साधना से संभव हो।

भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें अपने दिव्य 28 नाम बताए, जिनका जप करने से मनुष्य के शरीर में पाप का असर नहीं बनता। यह नाम जप करने से उसे गो-दान, अश्वमेध-यज्ञ, और कन्यादान के फल के समान पुण्य प्राप्त होता है।

। अर्जुन उवाच ।

॥ श्रीभगवानुवाच ॥

  1. मत्स्य: भगवान कृष्ण के पहले अवतार को याद करते हैं।
  2. कूर्म: वह कछुआ जिनके रूप में प्रकट हुए।
  3. वराह: उनका अवतार जिनका काम था पृथ्वी को उठाना।
  4. वामन: उनका अवतार जिसने बलि राजा को वमन रूप में धर्म की रक्षा के लिए समुद्र ने दिया।
  5. जनार्दन: यह नाम उनके जनता की रक्षा करने के लिए है।
  6. गोविंद: उनका यह नाम गोपियों के पालन के लिए है।
  7. पुंडरीकाक्ष: जिनकी आँखें कमल के समान होती हैं।
  8. माधव: जो मानवता का मित्र हैं।
  9. मधुसूदन: जो राक्षसों का संहार करते हैं।
  10. पद्मनाभ: जो आसमान के लिए एक मित्र हैं।
  11. सहस्त्रार: जिनके बाहुओं में बहुत सारे शस्त्र होते हैं।
  12. वनमाली: जो वृंदावन में फूलों के माला धारण करते हैं।
  13. हलयुद्ध: जो हल और खड़ी को लेकर युद्ध करते हैं।
  14. गोवर्धन: जो गोवर्धन पर्वत को उठाते हैं।
  15. ऋषिकेश: जो सभी ऋषियों के स्वामी हैं।
  16. वैकुंठ: जो वैकुंठ लोक के राजा हैं।
  17. पुरुषोत्तम: जो सर्वोत्तम पुरुष हैं।
  18. विश्वरूप: जो विश्व के समस्त रूपोंमें प्रकट होते हैं।
  19. वासुदेव: जो देवकी के पुत्र हैं।
  20. राम : जो राम और के रूप में प्रकट हुए।
  21. नारायण :जो नारायण और के रूप में प्रकट हुए।
  22. हरि: जो संसार के हर दुःख को हरते हैं।
  23. दामोदर: जिनके कान्हे पर माखन लगा होता है।
  24. श्रीधर: जो श्री का धारण करने वाले हैं।
  25. वेदांत: जो वेदों के अंत को जानते हैं।
  26. गरुड़ध्वज: जिनका पराक्रम गरुड़ के ध्वज की तरह है।
  27. अनंत: जो अनंतकाल तक स्थित रहते हैं।
  28. कृष्ण गोपाल: जो कृष्ण हैं, जो गोपियों का पालन करते हैं।

यह नामों का जप अमावस्या, पूर्णिमा, और एकादशी तिथियों में, सुबह, दोपहर, और शाम के समय में, मनुष्य के लिए अत्यंत लाभकारी है। इन नामों का स्मरण या जप करने से मनुष्य सभी पापों से मुक्त हो जाता है और अधिकाधिक आध्यात्मिक उन्नति की ओर बढ़ता है।

इस प्रकार, भगवान कृष्ण ने अर्जुन को अपने दिव्य नामों के महत्व के बारे में विस्तार से बताया और मनुष्यों को उनके जीवन में धार्मिक उन्नति और सुख की प्राप्ति के लिए उन्हें जप करने की प्रेरणा दी।

भगवान कृष्ण के 28 नाम का जप भक्तों को अपार शांति और सफलता दिलाता है। यह नाम उनके जीवन को आध्यात्मिकता और धार्मिकता की ओर ले जाते हैं, जिससे उन्हें जीवन की समस्याओं का समाधान मिलता है।


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