या देवी सर्व भूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता I
नमस्तस्यै II नमस्तस्यै II नमो नम: II
इंदियानामाधिष्ठात्रि, भूतानां चाखिलेषु या I
भूतेषु सततं त्सयै, व्याप्त्यै देव्यै नमो नमः II
चित्ररूपेण या कृत्सनामेतद् वाप्य स्थित जगत I
नामेस्तस्यै II नमस्तस्यै II नमस्तस्यै द्वितीय नमो नमः
देवी मंत्र का अर्थ-
समस्त सृष्टि में शक्ति रूप में विराजमान उस दिव्य देवी को
हम नमन करते हैं, नमन करते हैं, नमन करते हैं, नमन करते हैं।
समस्त प्राणियों की इंद्रियों पर अधिष्ठात्री और समस्त सृष्टि में व्याप्त,
उस सर्वव्यापी देवी को हम नमन करते हैं, नमन करते हैं।
चेतना के रूप में वह बोधगम्य ब्रह्मांड की व्यक्तिगत घटनाओं में अंतर करती हैं।
हम उन्हें नमन करते हैं, नमन करते हैं, नमन करते हैं, हम उन्हें नमन करते हैं।