🗓️ गणेश चतुर्थी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार गणेश चतुर्थी का पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। यह पर्व भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में पूरे देश में उल्लास से मनाया जाता है।
- चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 26 अगस्त 2025, दोपहर 01:54 बजे
- चतुर्थी तिथि समाप्त: 27 अगस्त 2025, दोपहर 03:44 बजे
- गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त (दिल्ली): 27 अगस्त 2025, सुबह 11:05 बजे से दोपहर 1:40 बजे तक
⚠️ वर्जित चंद्रदर्शन: 27 अगस्त 2025 को प्रातः 9:28 बजे से रात 8:57 बजे तक चंद्र दर्शन न करें।
अन्य प्रमुख शहरों में गणेश स्थापना मुहूर्त
- मुंबई – 11:24 AM से 1:55 PM
- पुणे – 11:21 AM से 1:51 PM
- चेन्नई – 10:56 AM से 1:25 PM
- जयपुर – 11:11 AM से 1:45 PM
- कोलकाता – 10:22 AM से 12:54 PM
- अहमदाबाद – 11:25 AM से 1:57 PM
- बेंगलूरु – 11:07 AM से 1:36 PM
🙏 गणेश चतुर्थी व्रत का महत्व
भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और सिद्धि-विनायक कहा जाता है। वे प्रथम पूज्य देवता हैं और किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत गणेश पूजन से ही होती है।
- गणेश चतुर्थी का पर्व ज्ञान, बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक है।
- इस दिन गणेशजी की स्थापना और 10 दिन तक पूजा करने से घर में धन, वैभव और खुशहाली आती है।
- गणेशजी का प्रिय भोग मोदक अर्पित करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।
- यह पर्व न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक एकता और संस्कृति का भी प्रतीक है।
🌿 गणेश चतुर्थी पूजा विधि
- गणेश प्रतिमा स्थापना
भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को शुभ मुहूर्त में गणेशजी की मिट्टी की प्रतिमा घर या पंडाल में स्थापित करें। - संकल्प और पूजा सामग्री
कलश स्थापना करें और प्रतिमा के सामने दीपक जलाएँ। धूप, चंदन, सिंदूर, दूर्वा, मोदक, फूल और फल अर्पित करें। - मंत्रोच्चारण और आरती
“ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करें और गणेश आरती गाएँ। - व्रत का पालन
भक्तजन दिनभर व्रत रखते हैं और शाम को प्रसाद ग्रहण करते हैं। - 10 दिनों तक उत्सव
प्रत्येक दिन प्रातः और सायंकाल आरती होती है, भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
श्री गणेश आरती (जय गणेश, जय गणेश देवा)
📖 गणेश जन्म कथा
भगवान गणेश के जन्म की कथाएं अनेक पुराणों में मिलती हैं।
कहीं माता पार्वती ने उबटन से एक पुतला बनाकर प्राण डाले, कहीं उन्हें गंगा से पुत्र मिला। देवताओं ने उन्हें गणों का अधिपति मानकर “गणेश” नाम दिया।
लेकिन सबसे रोचक कथा शिवपुराण में आती है—
पार्वती जी स्नान करने गईं और गणेश जी को द्वार पर पहरेदार बनाकर खड़ा कर दिया। उसी समय भगवान शिव आए और अंदर जाना चाहा। गणेश जी ने उन्हें रोक दिया। महादेव ने समझाया, पर गणेश अडिग रहे। क्रोधित होकर शिवजी ने त्रिशूल उठाया और…
👉 आगे जानिए कि कैसे गणेश का सिर कटा, कौन-सा प्राणी उनके जीवन का कारण बना और क्यों उन्हें प्रथम पूज्य कहा गया।
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🌺 गणेश विसर्जन 2025
गणेश चतुर्थी के दसवें दिन, यानी भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी (अनंत चतुर्दशी) को गणपति विसर्जन किया जाता है।
- विसर्जन तिथि: 6 सितम्बर 2025 (शनिवार)
- चतुर्दशी प्रारंभ: 6 सितम्बर, 3:12 AM
- चतुर्दशी समाप्त: 7 सितम्बर, 1:41 AM
विसर्जन के शुभ मुहूर्त
- प्रातःकाल: 7:36 AM से 9:10 AM
- अपराह्न: 12:19 PM से 5:02 PM
- सायंकाल: 6:37 PM से 8:02 PM
- रात्रि: 9:28 PM से 1:45 AM (7 सितम्बर)
🌊 गणेश विसर्जन की विधि
- गणेशजी को लाल या पीले कपड़े पर विराजमान करें।
- फल, फूल, मोदक और प्रसाद अर्पित करें।
- आरती करें और “गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ” का जयघोष करें।
- प्रतिमा को जल में विसर्जित करें और क्षमा प्रार्थना करें।
🎉 लालबागचा राजा का इतिहास
मुंबई का सबसे प्रसिद्ध गणेशोत्सव लालबागचा राजा है।
- इसकी शुरुआत 1934 में हुई थी।
- यह मंडल दक्षिण मुंबई के परेल इलाके में स्थित है।
- यहाँ प्रतिवर्ष लाखों भक्त दर्शन के लिए आते हैं।
- इसकी भव्यता और श्रद्धा इसे विश्व प्रसिद्ध बनाती है।
🌍 क्षेत्रीय महत्व
- महाराष्ट्र: सार्वजनिक पंडाल और मंडल सबसे भव्य होते हैं।
- कर्नाटक और आंध्रप्रदेश: घरों में छोटी प्रतिमा स्थापित करके पूजा की जाती है।
- उत्तर भारत: मंदिरों में विशेष आराधना और शोभायात्राएँ निकाली जाती हैं।
- गोवा और गुजरात: सामाजिक कार्यक्रम और भक्ति संगीत की धूम रहती है।
✨ निष्कर्ष
गणेश चतुर्थी केवल एक धार्मिक पर्व ही नहीं, बल्कि यह आस्था, संस्कृति और समाज को जोड़ने वाला उत्सव है। भगवान गणेश की कृपा से भक्तों के जीवन से विघ्न दूर होते हैं और सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
गणपति बप्पा मोरया! मंगलमूर्ति मोरया!
श्री गणेश के 108 नाम मंत्र सहित