Hanuman Ji ke 12 Naam | हनुमानजी के 12 नाम संस्कृत में

हनुमानजी, हिंदू धर्म के प्रमुख देवता में से एक हैं और उनके 12 नाम (Hanuman Ji ke 12 Naam) उनकी महिमा और शक्ति को समर्पित करते हैं। ये नाम उनकी विविध स्वरूपों और क्षमताओं को प्रकट करते हैं, जिसमें उनका संकटमोचन रूप से जुड़ाव, भक्तों की संरक्षा के लिए अपनी सामर्थ्य का प्रदर्शन, और धर्म के पथ पर चलने वालों को मार्गदर्शन करने की विशेषता शामिल है। इन 12 नामों में से प्रत्येक नाम उनकी अद्वितीयता और महत्त्व को प्रकट करता है और भक्तों को उनके आराध्य रूप के प्रति और उनके कृपाशाली आत्मा की प्रार्थना करने के लिए प्रेरित करता है।

हनुमानजी के 12 नाम संस्कृत में (Hanuman Ji Ke 12 Naam Mantra)

ॐ हनुमांजनी सुनुवायुपुत्रः महाबलः रामेष्ट:,
फाल्गुनसखः पिंगाक्षो अमितविक्रमः
उद्द्धि क्रमणश्चव सीताशोकविनाशनः
लक्ष्मणप्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा।

Hanuman Ji ke 12 Naam ( हनुमान जी के 12 नाम )

Hanuman Ji ke 12 Naam हनुमानजी के 12 नाम संस्कृत में
  1. हनुमान
  2. अंजनिपुत्र
  3. वायुपुत्र
  4. महाबल
  5. रामेष्ट
  6. फाल्गुनसखा
  7. पिंगाक्ष
  8. अमितविक्रम
  9. उदधिक्रमण
  10. सीता शोकविनाशन
  11. लक्ष्मण प्राणदाता
  12. दशग्रीवस्य दर्पहा

इन 12 नाम का उच्चारण नित्य 11 बार जो भी भक्त पूरी श्रद्धा के साथ करता है बजरंग की कृपा सदैव उनके एवम उनके परिवार के ऊपर बनी रहती है।।

हनुमान जी के 12 नाम का महत्व

हनुमानजी के 12 नाम का महत्व बहुत गहरा और महत्वपूर्ण है। इन नामों का महत्व उनके विभिन्न गुणों, शक्तियों, और स्वरूपों को प्रकट करने में है। यह नाम उनकी महानता, धर्माचरण, और भक्तों के प्रति कृपाशीलता का प्रतिनिधित्व करते हैं। निम्नलिखित कुछ महत्वपूर्ण कारण हैं जिनसे हनुमानजी के इन नामों का महत्व समझा जा सकता है:

  1. भक्ति और श्रद्धा को बढ़ावा: इन नामों का जाप करने से भक्ति और श्रद्धा में वृद्धि होती है। ये नाम भक्तों को उनके आराध्य ईश्वर के प्रति और उनके दिशानिर्देश में विश्वास को बढ़ाते हैं।
  2. आध्यात्मिक साधना की प्रेरणा: इन नामों का जाप करने से आध्यात्मिक साधना में प्रेरणा मिलती है। हनुमानजी के ये नाम भक्तों को आध्यात्मिक जीवन के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।
  3. संकट से मुक्ति का साधन: हनुमानजी के इन नामों का जाप करने से संकटों से मुक्ति प्राप्त होती है। उनके ये नाम भक्तों को संकटों और मुसीबतों से निकालने में सहायक होते हैं।
  4. शक्ति और सामर्थ्य का प्राप्ति: इन नामों का जाप करने से भक्तों को शक्ति और सामर्थ्य का प्राप्ति होता है। हनुमानजी के ये नाम उनकी अद्वितीय शक्तियों को समझने और उनसे प्राप्ति करने में सहायक होते हैं।
  5. धर्म और नैतिकता का पालन: इन नामों का उपयोग करके भक्तों को धर्म और नैतिकता का पालन करने के लिए प्रेरित किया जाता है। ये नाम भक्तों को नीतिमूलक जीवन जीने के लिए प्रेरित करते हैं।

इस प्रकार, हनुमानजी के 12 नाम भक्तों को आध्यात्मिक और धार्मिक मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं और उन्हें आध्यात्मिक साधना, शक्ति, संकटों से मुक्ति, और नैतिकता में सहायता प्रदान करते हैं।

हनुमान जी के 12 नाम Pdf । Hanuman Ji ke 12 Naam Pdf


हनुमान द्वादश नाम स्तोत्र | Hanuman Ji ke 12 Naam Ki Stuti

हनुमानञ्जनीसूनुर्वायुपुत्रो महाबल: ।
रामेष्ट: फाल्गुनसख: पिङ्गाक्षोऽमितविक्रम: ॥

उदधिक्रमणश्चैव सीताशोकविनाशन:।
लक्ष्मणप्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा ॥

एवं द्वादश नामानि कपीन्द्रस्य महात्मन: ।
स्वापकाले प्रबोधे च यात्राकाले च य: पठेत् ॥

तस्य सर्वभयं नास्ति रणे च विजयी भेवत् ।
राजद्वारे गह्वरे च भयं नास्ति कदाचन ॥

यह श्लोक हनुमानजी के बारह नामों का वर्णन करता है, जो उनकी महिमा और शक्तियों को व्यक्त करते हैं। यहां श्लोक का हिंदी अर्थ है:

  1. हनुमानजी, अंजनी के पुत्र, वायुपुत्र, जो महाबलशाली हैं।
  2. वह श्रीराम का भक्त हैं, फाल्गुनी पूर्णिमा के मित्र, जिनकी आंखें पीली हैं और जो अत्यंत वीरयोद्धा हैं।
  3. वह जिसने लंका के विनाश किया और सीता के दु:ख को दूर किया।
  4. वह जिनकी साहसी यात्राएं हैं, और जो सीता के अशोक वन को नष्ट करने में भी सक्षम हैं।
  5. वह जो लक्ष्मण के प्राणदाता हैं, और जिनके सामने दशग्रीव का गर्व भी नष्ट होता है।

इस प्रकार, यह श्लोक हनुमानजी के गुणों और महिमा को व्यक्त करता है और कहता है कि जो भक्त इन बारह नामों का उच्चारण करता है, उसे किसी भी प्रकार का भय नहीं होता, और वह सभी कठिनाईयों को विजयी होता है।

हनुमान द्वादश नाम स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यह स्तोत्र धन, मानसिक शांति, शत्रुओं का नाश, परिवार में सुख-शांति और व्यापार में वृद्धि करता है। हनुमान द्वादश नाम स्तोत्र और हनुमान चालीसा का पाठ करने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है और सभी समस्याओं तथा कष्ट से छुटकारा मिलता है।

हनुमान द्वादश नाम स्तोत्र अर्थ सहित pdf

हनुमान जी की उपासना अत्यंत प्रभावशाली क्यों मानी जाती है?

हनुमान जी की उपासना को अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है क्योंकि:

  • हनुमान जी को कलयुग के सबसे प्रभावशाली देव माना जाता है।
  • उनकी अद्भुत और कठोर भक्ति के कारण उन्हें अष्टसिद्धि और नवनिधि का वरदान मिला है।
  • हनुमान जी की कृपा और उनके भक्ति रूपी शक्ति के कारण, वे अपने भक्तों के कष्टों को हरने में सक्षम हैं।
  • उनकी उपासना तुरंत फलदायी होती है और हर तरह के संकट का नाश करती है।
  • उन्हें चिरंजीवी माना जाता है और माना जाता है कि वे आज भी जीवित हैं।
  • हनुमान जी की उपासना में उनके बारह नामों का पाठ भी एक प्रमुख तरीका है।

FaQs

  1. हनुमान जी के 12 नाम कितनी बार लेना चाहिए

    दिन में सुबह उठते ही 11 बार बिना रुके हनुमान जी के 12 नामों का उच्चारण करने से अच्छा होगा, जो व्यक्ति इस नियम का पालन करता है, उसे लाभ होता है।

  2. हनुमानजी के मुख्य नाम कौन से हैं?

    हनुमानजी के मुख्य नामों में से प्रमुख नाम ‘हनुमान’ है। इसके अलावा, उन्हें मारुति, बजरंगबली, पवनपुत्र, अंजनीसुत, पवनसुत, महावीर, केशरिनंदन, संकटमोचन, श्रीरामदूत, अंजनीगर्भसम्भूत, और रामदूत जैसे अन्य नामों से भी जाना जाता है।

  3. हनुमानजी के तीन पिता कौन- कौन हैं?

    हनुमानजी के तीन पिता हैं: शिव शंकर, जिनके अंश रूप में उनका उत्पत्ति हुआ था। पवन देव ने उन्हें माँ अंजनी के गर्भ से प्रवेश कराया, इसलिए उन्हें “पवनपुत्र” कहा जाता है। महाराज केसरी के घर हनुमानजी का जन्म हुआ, जिसके कारण उन्हें “केसरीनंदन” कहा जाता है।

  4. हनुमानजी के गुरू कौन थे?

    हनुमानजी के गुरु के रूप में भगवान सूर्य देव, भगवान शिव, और मतंग ऋषि का उल्लेख किया गया है।


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