जानें ६४ योगिनी नामावली : सिद्ध योगिनियों की सूची और उनके अद्भुत गुण

६४ योगिनी नामावली एक प्राचीन तंत्र शास्त्र में प्रस्तुत सूची है जिसमें ६४ विभिन्न योगिनियों के नाम होते हैं। इन योगिनियों की आराधना तांत्रिक साधना में की जाती है, जिसमें साधक इन महाशक्तियों के प्राकट्य स्वरूप को संज्ञान में लेते हैं। यह नामावली साधक को आत्मा की ऊर्जा को उत्तेजित करने और आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में मार्गदर्शन करती है। योगिनियों की आराधना से साधक भगवती के आसपास एकाग्र होता है और अद्वितीय ब्रह्म की प्राप्ति की कड़ी मेहनत करता है

64 योगिनी क्या होता है?

श्री अग्नि पुराण के 52वें अध्याय में वर्णित है कि 64 योगनियाँ 8 या 4 हाथों से युक्त होती हैं, और ये योगनियाँ अपनी इच्छा के अनुसार शस्त्रों को धारण करती हैं। इन योगनियों की पूजा करने से उनके उपासकों को सम्पूर्ण सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं।

64 योगनियों के विषय में दो कथाएं प्रस्तुत हैं जो उपयुक्त और प्रचलित हैं। पहली कथा के अनुसार, एक पुरुष में 32 कलाओं में पूर्णता होती है, और ठीक उसी रूप में एक महिला भी 32 कलाओं में पूर्ण होती है। इस प्रकार, शिव और शक्ति के मिलन से 64 योगनियों का उत्पन्न होना माना जाता है।

दूसरी कथा के अनुसार, 8 देवियों ने शुम्भ, निशुम्भ, और रक्तबीज राक्षसों के खिलाफ युद्ध में माँ दुर्गा का साथ दिया था। माँ दुर्गा ने खुद इन देवियों को रचा था, जिनमें से 7 शक्तियां देवों के रूप में जानी जाती हैं, और इनके पतियों के साथ वाहन और अस्त्रों के साथ सानिध्य होती है। आठवीं माता के रूप में स्वयं काली होती है। प्रत्येक माता के लिए, सहायक 8 शक्तियां होती हैं, जिससे इनकी संख्या 64 होती है और इन्हें 64 योगनियों कहा जाता है।

इन 64 योगनियों में, 8 योगनियों के समूह के नाम प्रमुख रूप से मिलते हैं। यथासंभाव, इन योगनियों का समूह एक साथ मिलकर 64 योगनियों को तैयार करता है।

64 योगिनी नाम

इन चौंसठ योगिनियों के नाम इस प्रकार हैं –

1.बहुरूप, 3.तारा, 3.नर्मदा, 4.यमुना, 5.शांति, 6.वारुणी 7.क्षेमंकरी, 8.ऐन्द्री,
9.वाराही, 10.रणवीरा, 11.वानर-मुखी, 12.वैष्णवी, 13.कालरात्रि, 14.वैद्यरूपा, 15.चर्चिका, 16.बेतली,
17.छिन्नमस्तिका, 18.वृषवाहन, 19.ज्वाला कामिनी, 20.घटवार, 21.कराकाली, 22.सरस्वती, 23.बिरूपा, 24.कौवेरी
25.भलुका, 26.नारसिंही, 27.बिरजा, 28.विकतांना, 29.महालक्ष्मी, 30.कौमारी, 31.महामाया, 32.रति,
33.करकरी ,34.सर्पश्या, 35.यक्षिणी, 36.विनायकी, 37.विंध्यवासिनी, 38. वीर कुमारी, 39. माहेश्वरी, 40.अम्बिका,
41.कामिनी, 42.घटाबरी, 43.स्तुती, 44.काली, 45.उमा, 46.नारायणी, 47.समुद्र, 48.ब्रह्मिनी,
49.ज्वाला मुखी, 50.आग्नेयी, 51.अदिति, 51.चन्द्रकान्ति, 53.वायुवेगा, 54.चामुण्डा, 55.मूरति, 56.गंगा,
57.धूमावती, 58.गांधार, 59.सर्व मंगला, 60.अजिता, 61.सूर्यपुत्री 62.वायु वीणा, 63.अघोर और 64.भद्रकाली

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६४ योगिनी नामावली

६४ योगिनी नामावली, एक प्राचीन तंत्र शास्त्र में सिद्ध योगिनियों की सूची है, जिनकी पूजा साधकों को शक्ति और सिद्धियों की प्राप्ति में सहायक करती है। इन योगिनियों की उपासना से चित्त शांति और आत्मा का उन्नति होती है, जो साधक को दिव्य ज्ञान और शक्तियों के साथ जोड़ती है।

६४ योगिनी नामावली निम्न इस प्रकार है

  1. ॐ काली नित्या सिद्धमाता स्वाहा
  2. ॐ कपालिनी नागलक्ष्मी स्वाहा
  3. ॐ कुल देवी स्वर्णदेह स्वाहा
  4. ॐ कुरुकुल्ला रसनाथा स्वाहा
  5. ॐ विरोधिनी विलासिनी स्वाहा
  6. ॐ विप्रचित्ता रक्त प्रिया स्वाहा
  7. ॐ उग्र रक्त भोग रूपा स्वाहा
  8. ॐ उग्रप्रभा शुक्रनाथा स्वाहा
  9. ॐ दीप मुक्तिः रक्त देह स्वाहा
  10. ॐ नील भुक्ति रक्त स्पर्श स्वाहा
  11. ॐ घन महा जगदम्बा स्वाहा
  12. ॐ बालक काम सेविता स्वाहा
  13. ॐ मात्र देवी आत्म विद्या स्वाहा
  14. ॐ मुद्रा पूर्ण राज कृपा स्वाहा
  15. ॐ मित तन्त्र कौल दिक्षा स्वाहा
  16. ॐ महा काली सिद्धेश्वरी स्वाहा
  17. ॐ कमेश्वरी सर्वशक्ति स्वाहा
  18. ॐ भगमालिनी तारिनी स्वाहा
  19. ॐ नित्यक्लिन्ना तन्त्रप्रीता स्वाहा
  20. ॐ भेरुण्डा तत्त्व उत्तमा स्वाहा
  21. ॐ वह्निवासिनी शशिनी स्वाहा
  22. ॐ महा वज्रेश्वरी रक्त देवी स्वाहा
  23. ॐ शिवदूती आदि शक्ति स्वाहा
  24. ॐ त्वरिता उर्द्वरेतदा स्वाहा
  25. ॐ कुलसुन्दरी कामिनी स्वाहा
  26. ॐ नित्या ज्ञान स्वरूपिणी स्वाहा
  27. ॐ नीलपताक सिद्धिदा स्वाहा
  28. ॐ विजया देवी वसुदा स्वाहा
  29. ॐ सर्वमङ्गला तन्त्रदा स्वाहा
  30. ॐ ज्वालमालिनी नागिनी स्वाहा
  31. ॐ चित्रा देवी रक्त पूजा स्वाहा
  32. ॐ ललिता कन्य शुक्रदा स्वाहा
  33. ॐ डाकिनी मदशालिनी स्वाहा
  34. ॐ राकिनी पाप राशिनी स्वाहा
  35. ॐ लाकिनी सर्व तन्त्रेशी स्वाहा
  36. ॐ काकिनी नागनर्तकी स्वाहा
  37. ॐ साकिनी मित्ररूपिणी स्वाहा
  38. ॐ हाकिनी मनो हारिनी स्वाहा
  39. ॐ तार योग रक्त पूर्णा स्वाहा
  40. ॐ षोडशी लतिका देवी स्वाहा
  41. ॐ भुवनेश्वरी मन्त्रिनी स्वाहा
  42. ॐ छिन्नमस्ता योनि वेगा स्वाहा
  43. ॐ भैरवी सत्या शुक्रिनी स्वाहा
  44. ॐ धुमावती कुण्डलिनी स्वाहा
  45. ॐ बगलामुखी गुरुमूर्ति स्वाहा
  46. ॐ मातङ्गी कान्ता युवति स्वाहा
  47. ॐ कमला शुक्ला संस्थिता स्वाहा
  48. ॐ प्रकृति ब्रह्मन्द्री देवी स्वाहा
  49. ॐ गायत्री नित्या चित्रिणी स्वाहा
  50. ॐ मोहिनी मत्ता योगिनी स्वाहा
  51. ॐ सरस्वती स्वर्ग देवी स्वाहा
  52. ॐ अन्नपूर्णी शिव सम्गि स्वाहा
  53. ॐ नारसिंही वामदेवी स्वाहा
  54. ॐ गङ्गा योनि स्वरूपिणी स्वाहा
  55. ॐ अपराजिता समप्तिदा स्वाहा
  56. ॐ चमुण्डा परिअङ्ग नाथा स्वाहा
  57. ॐ वाराही सत्य एकाकिनी स्वाहा
  58. ॐ कौमरी क्रिया शक्तिनी स्वाहा
  59. ॐ इन्द्राणी मुक्ति नियन्त्री स्वाहा
  60. ॐ ब्राह्मणी आनन्द मूर्ति स्वाहा
  61. ॐ वैष्णवी सत्य रूपिणी स्वाहा
  62. ॐ महेश्वरी परा शक्ति स्वाहा
  63. ॐ लक्ष्मी मनोरम योनि स्वाहा
  64. ॐ दुर्गा सच्चिदानन्द स्वाहा

ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः

यह भी पढ़े : 64 योगिनी साधना मंत्र

६४ योगिनी नामावली Pdf

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64 योगिनी का मतलब क्या होता है?

64 योगिनी का मतलब होता है एक ऐसा समूह जिसमें 64 सिद्ध योगिनियां शामिल होती हैं। यह योगिनियां तंत्र, योग, और तांत्रिक क्रियाओं के साधना के माध्यम से अद्भुत शक्तियों और सिद्धियों को प्राप्त करने में सक्षम हैं।

प्रथम योगिनी कौन है?

कुल 64 योगिनियों के सूचि में पहला योगिनी के नाम है – बहुरूप

योगिनी को हिंदी में क्या बोलते हैं?

“योगिनी” नाम का अर्थ है एक व्यक्ति जो इंद्रियों को नियंत्रित करने का क्षमता संपन्न है, जो परी या योग दर्शन के प्रति अनुष्ठान करता है और जिसे जादूगरी या आध्यात्मिक ज्ञान में विशेषज्ञता है।

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