Hanuman Baan : बजरंग बाण, हनुमान जी के एक प्रमुख मंत्रों में से एक है, जिसे संकटों से निजात पाने के लिए जाना जाता है। हनुमानजी की कृपा पाने के लिए, बजरंग बाण का पाठ किया जाता है। यह मंत्र शक्तिशाली माना जाता है और उसे कठिन समस्याओं का समाधान पाने के लिए प्रयोग किया जाता है। जब किसी विशेष परिस्थिति में कोई व्यक्ति असमंजस में होता है और समाधान देखने का कोई मार्ग नहीं मिल रहा हो, तो उसे बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए। यह मंत्र हनुमान जी की अद्भुत कृपा प्राप्त करने में सहायक होता है और समस्याओं का निवारण दिलाता है।
Hanuman Baan | श्री बजरंग बाण का पाठ
॥ दोहा ॥
निश्चय प्रेम प्रतीति ते, विनय करैं सनमान।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥
॥ चौपाई ॥
जय हनुमंत संत हितकारी । सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ॥०१॥
जन के काज विलम्ब न कीजै । आतुर दौरि महा सुख दीजै ॥०२॥
जैसे कूदि सिन्धु वहि पारा । सुरसा बद पैठि विस्तारा ॥०३॥
आगे जाई लंकिनी रोका । मारेहु लात गई सुर लोका ॥०४॥
जाय विभीषण को सुख दीन्हा । सीता निरखि परम पद लीन्हा ॥०५॥
बाग उजारी सिंधु महं बोरा । अति आतुर यम कातर तोरा ॥०६॥
अक्षय कुमार मारि संहारा । लूम लपेट लंक को जारा ॥०७॥
लाह समान लंक जरि गई । जय जय धुनि सुर पुर महं भई ॥०८॥
अब विलम्ब केहि कारण स्वामी । कृपा करहु उर अन्तर्यामी ॥०९॥
जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता । आतुर होय दुख हरहु निपाता ॥१०॥
जै गिरिधर जै जै सुखसागर । सुर समूह समरथ भटनागर ॥११॥
ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमन्त हठीले। बैरिहिं मारू बज्र की कीले ॥१२॥
गदा बज्र लै बैरिहिं मारो । महाराज प्रभु दास उबारो ॥१३॥
ॐ कार हुंकार महाप्रभु धावो । बज्र गदा हनु विलम्ब न लावो ॥१४॥
ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा । ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर शीशा ॥१५॥
सत्य होहु हरि शपथ पाय के । रामदूत धरु मारु धाय के ॥१६॥
जय जय जय हनुमंत अगाधा । दु:ख पावत जन केहि अपराधा ॥१७॥
पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत कछु दास तुम्हारा ॥१८॥
वन उपवन, मग गिरि गृह माहीं । तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं ॥१९॥
पांय परों कर जोरि मनावौं । यहि अवसर अब केहि गोहरावौं ॥२०॥
जय अंजनि कुमार बलवन्ता । शंकर सुवन वीर हनुमंता ॥२१॥
बदन कराल काल कुल घालक । राम सहाय सदा प्रति पालक ॥२२॥
भूत प्रेत पिशाच निशाचर । अग्नि बेताल काल मारी मर ॥२३॥
इन्हें मारु तोहिं शपथ राम की । राखु नाथ मरजाद नाम की ॥२४॥
जनकसुता हरि दास कहावौ । ताकी शपथ विलम्ब न लावो ॥२५॥
जय जय जय धुनि होत अकाशा । सुमिरत होत दुसह दुःख नाशा ॥२६॥
चरण शरण कर जोरि मनावौ । यहि अवसर अब केहि गौहरावौं ॥२७॥
उठु उठु चलु तोहिं राम दुहाई । पांय परौं कर जोरि मनाई ॥२८॥
ॐ चं चं चं चं चपल चलंता । ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता ॥२९॥
ॐ हं हं हांक देत कपि चंचल । ॐ सं सं सहमि पराने खल दल ॥३०॥
अपने जन को तुरत उबारो । सुमिरत होय आनन्द हमारो ॥३१॥
यह बजरंग बाण जेहि मारै । ताहि कहो फिर कौन उबारै ॥३२॥
पाठ करै बजरंग बाण की । हनुमत रक्षा करैं प्राण की ॥३३॥
यह बजरंग बाण जो जापै । तेहि ते भूत प्रेत सब कांपे ॥३४॥
धूप देय अरु जपै हमेशा । ताके तन नहिं रहै कलेशा ॥३५॥
॥ दोहा ॥
प्रेम प्रतीतहि कपि भजै, सदा धरैं उर ध्यान । तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्घ करैं हनुमान ॥
बजरंग बाण (Hanuman Baan) किसने और क्यों लिखा ?
कहा जाता है कि बजरंग बाण की रचना भगवान हनुमान के प्रभावी भक्त और संत कवि गोस्वामी तुलसीदास जी ने की थी। एक घटना के अनुसार, एक बार काशी में तुलसीदास जी पर किसी तांत्रिक ने मारण मंत्र का प्रयोग किया था, जिसके कारण उनके शरीर पर बड़े-बड़े फोड़े निकल आए थे। उन्होंने बजरंग बाण का पाठ किया और हनुमान जी से अपनी रक्षा की प्रार्थना की। पाठ करने के एक दिन बाद ही उनके शरीर पर निकले सारे फोड़े ठीक हो गए। इस घटना के बाद, बजरंग बाण को शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए बहुत ही शक्तिशाली माना जाता है।
बजरंग बाण (Hanuman Baan) पाठ का महत्व
बजरंग बाण का पाठ हनुमान जी के आशीर्वाद को प्राप्त करने का प्रमुख उपाय माना जाता है। इसे विशेष कार्यों की सिद्धि के लिए ही उपयोग में लाया जाता है। इस मंत्र में भगवान राम की सौगंध भी दी गई है, जिसके प्रभाव से हनुमान जी की मदद समर्थन के लिए उपस्थित होते हैं। इसे मंगलवार के सुबह स्नान के बाद नियमित रूप से पाठ किया जाता है। इसे कम से कम 41 दिनों तक प्रतिदिन करने का सुझाव दिया जाता है।
बजरंग बाण (Hanuman Baan) पाठ के लाभ
- बजरंग बाण के पाठ से मन का किसी भी प्रकार का भय दूर हो जाता है।
- रोग से पीड़ित व्यक्ति को आराम मिलता है, क्योंकि इस पाठ से रोग ठीक हो सकता है।
- कुंडली में दोषों से छुटकारा पाने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।
- कार्यों में आने वाली बाधाओं को दूर करने और सफलता प्राप्त करने के लिए यह पाठ उपयोगी है।
- दुश्मनों को पराजित करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।
- मांगलिक दोष से ग्रसित व्यक्ति के विवाह को सुखद बनाने में यह सहायक होता है।
- वास्तुदोषों को दूर करने में इसका महत्वपूर्ण योगदान होता है।
- घर की आर्थिक और व्यावसायिक स्थिति को सुधारने में इसका सहायक होता है।
- नौकरी प्राप्ति और व्यापारिक सफलता के लिए यह पाठ उपयोगी होता है।
- शनि की दशा के कारण हो रही समस्याओं को हल करने में इसका उपयोग किया जा सकता है।
बजरंग बाण (Hanuman Baan) Pdf
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बजरंग बाण का पाठ करने से क्या फल मिलता है?
हनुमान जी की उपासना करने से भक्त के सभी दुख, परेशानियां, भय और बीमारियां तत्काल ही दूर हो जाते हैं। सभी मनोकामनाओं की पूर्ति और भय से मुक्ति प्राप्त करने के लिए, नियमित रूप से हनुमान चालीसा के साथ बजरंग बाण का पाठ किया जाना बहुत लाभकारी होता है।
बजरंग बाण का पाठ कितने दिनों तक करना चाहिए?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगलवार के दिन निश्चित रूप से बजरंग बाण का पाठ किया जाना चाहिए। इसके बाद हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य किया जाना चाहिए। साथ ही, सभी मनोकामनाओं की पूर्ति और अच्छे फल प्राप्ति के लिए, 41 दिनों तक लगातार बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए।
क्या लड़कियां बजरंग बाण पढ़ सकती हैं?
बजरंग बाण को छोड़कर महिलाएं हनुमानाष्टक, हनुमान चालीसा या सुंदरकांड आदि का पाठ कर सकती हैं।
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