श्री पार्वती वल्लभ अष्टकम | शिव पार्वती अष्टकम
नमो भूतनाथं नमो देवदेवं नमः कालकालं नमो दिव्यतेजम् ।
नमः कामभस्मं नमश्शान्तशीलं भजे पार्वतीवल्लभं नीलकण्ठम् ॥ 1 ॥
सदा तीर्थसिद्धं सदा भक्तरक्षं सदा शैवपूज्यं सदा शुभ्रभस्मम् ।
सदा ध्यानयुक्तं सदा ज्ञानतल्पं भजे पार्वतीवल्लभं नीलकण्ठम् ॥ 2 ॥
श्मशानं शयानं महास्थानवासं शरीरं गजानां सदा चर्मवेष्टम् ।
पिशाचं निशोचं पशूनां प्रतिष्ठं भजे पार्वतीवल्लभं नीलकण्ठम् ॥ 3 ॥
श्मशानं शयानं महास्थानवासं शरीरं गजानां सदा चर्मवेष्टम् ।
पिशाचं निशोचं पशूनां प्रतिष्ठं भजे पार्वतीवल्लभं नीलकण्ठम् ॥ 4 ॥
शिरश्शुद्धगङ्गा शिवा वामभागं बृहद्दीर्घकेशं सदा मां त्रिणेत्रम् ।
फणीनागकर्णं सदा फालचन्द्रं भजे पार्वतीवल्लभं नीलकण्ठम् ॥ 5 ॥
करे शूलधारं महाकष्टनाशं सुरेशं वरेशं महेशं जनेशम् ।
धनेशामरेशं ध्वजेशं गिरीशं भजे पार्वतीवल्लभं नीलकण्ठम् ॥ 6 ॥
उदासं सुदासं सुकैलासवासं धरानिर्धरं संस्थितं ह्यादिदेवम् ।
अजाहेमकल्पद्रुमं कल्पसेव्यं भजे पार्वतीवल्लभं नीलकण्ठम् ॥ 7 ॥
मुनीनां वरेण्यं गुणं रूपवर्णं द्विजैस्सम्पठन्तं शिवं वेदशास्त्रम् ।
अहो दीनवत्सं कृपालं महेशं भजे पार्वतीवल्लभं नीलकण्ठम् ॥ 8 ॥
सदा भावनाथं सदा सेव्यमानं सदा भक्तिदेवं सदा पूज्यमानम् ।
मया तीर्थवासं सदा सेव्यमेकं भजे पार्वतीवल्लभं नीलकण्ठम् ॥ 9 ॥
इति पार्वतीवल्लभनीलकण्ठाष्टकं सम्पूर्णम् ।
॥ शुभमस्तु ॥
पार्वती वल्लभ अष्टकम लाभ
पार्वती वल्लभा अष्टकम् के पाठ से आने वाले फायदे:
- मानसिक शांति: मन को शांत और प्रसन्न बनाता है और दिव्यता की अनुभूति कराता है।
- समृद्धि का साधन: धन और सम्पत्ति में वृद्धि करता है, जीवन को सफलता की ओर ले जाता है।
- भगवान की कृपा: भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त करने में सहायक होता है।
- परिवारिक सुख: घर में खुशहाली और सुख-शांति की वातावरण को प्राप्त करता है।
- आत्मिक उन्नति: आत्मा को शक्ति और प्रेरणा प्रदान करता है, आध्यात्मिक विकास में सहायक होता है।
- सकारात्मक परिवर्तन: जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है, नए संभावनाओं को खोलता है।
- दुर्भाग्य का नाश: दुर्भाग्य को दूर करता है और जीवन में नयी ऊर्जा और उत्साह भरता है।
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नमः शिवाय
पढ़ के मन को शांति प्रदान होती है
ॐ नमः शिवाय