शाबर मंत्र विद्या (Shabar Mantra Pdf) प्राचीन भारतीय संस्कृति के गहरे तत्त्वों और अद्भुत शक्तियों को अध्ययन करने का एक माध्यम है। शाबर मंत्र विशेष रूप से तांत्रिक क्रियाओं में उपयोग होने वाले मंत्र हैं, जो किसी भी साधना या अनुष्ठान को सफलता की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं। ये मंत्र देवताओं, ग्रहों और नृत्यों की शक्तियों को अधिष्ठित करते हैं और साधक को अपने उद्देश्य की प्राप्ति में सहायक होते हैं।
शाबर मंत्र की विशेषता यह है कि इसे साधारण भाषा में लिखा गया है, जिससे इसे सरलता से समझा और उच्चतर उपयोग में लाया जा सकता है। ये मंत्र जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सुख, संपत्ति, स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति के लिए अद्भुत साधन हैं।
इस सभी पुस्तक (Shabar Mantra Pdf Books) में शाबर मंत्रों का संग्रह है, जो विभिन्न विशेषज्ञताओं और उच्च सिद्ध योगियों द्वारा संकलित किए गए हैं। यहां प्रस्तुत सभी पुस्तक हिंदी भाषा में उपलब्ध है, जिससे आप इस अमूल्य विद्या को आसानी से समझ और अपने जीवन में लागू कर सकें। इस सभी पुस्तके अध्ययन करके आप शाबर मंत्रों के जादू को अपने जीवन में संजीवनी शक्ति के रूप में अनुभव करेंगे।
शाबर मन्त्र PDF Books | Shabar Mantra Pdf
निम्न दिए गए पीडीऍफ़ बुक्स (Some popular books on Shabar Mantra pdf in Hindi -Shabar Mantra Pdf) की लिस्ट में से कोई भी बुक Download कर सकते हे –
- शाबर मंत्र सागर
- सिद्ध शाबर मंत्र
- शाबरचिंतामणि
- शाबर शक्तिपाठ प्रयोग
- श्रीदुर्गा लक्ष्मीकारक शाबर मंत्र
- शाबर मंत्र संग्रह भाग 1
- शाबर मंत्र संग्रह भाग 3
- शाबर मंत्र संग्रह भाग 4
- शाबर मंत्र संग्रह भाग 5
- शाबर मंत्र संग्रह भाग 6
- शाबर मंत्र संग्रह भाग 7
- शाबर मंत्र संग्रह भाग 8
- शाबर मंत्र संग्रह भाग 10
ये पुस्तकें आपको शाबर मंत्र और उनके सिद्धियों के बारे में विस्तृत ज्ञान प्रदान करती हैं और आपको इस प्राचीन विद्या के अद्भुत जगत को समझने में मदद करेंगी।
शाबर मंत्रों के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें:
शाबर मंत्रों के बारे में विशेष बातें:
- शाबर मंत्रों की साधना को किसी भी समय में किया जा सकता है, लेकिन रात्रि का समय इनके जप के लिए उत्तम माना जाता है। साधक को साधना के लिए लाल रंग के रेशमी या सूती आसन का उपयोग करना चाहिए।
- जो शाबर मंत्र देवताओं को मद्य, मांस, आदि से अर्पित करने के निर्देश देते हैं, उन्हें उनके मूल रूप में ही उपयोग करना चाहिए, और अनुकल्पों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- हवन और पूजन के समय, जहां हवन-सामग्री का उल्लेख नहीं होता, साधक को बाजार में बंद पैकेट में बिकने वाली सामान्य सामग्री और शुद्ध घी का हवन करना चाहिए।
- हवन के समय, मंत्र के अंत में ‘स्वाहा’ का उच्चारण अलग से नहीं किया जाता, बल्कि मंत्र को उसी अवस्था में हवन में आहुति दी जानी चाहिए।
- साधना के काल में, साधक को रक्षा मंत्रों का भी उपयोग करना चाहिए, जो साधक तांत्रिक ‘कवच’ आदि का पाठ करते हैं, उन्हें शाबर रक्षा मंत्रों के जप की आवश्यकता नहीं होती।
- जिन मंत्रों की साधना-विधि नहीं दी गई हो, उनके संबंध में किसी भी विधि का पालन आवश्यक नहीं है, और साधक को अपनी आस्था और संतोष के अनुसार साधना को करना चाहिए।
- मंत्र का प्रयोग करते समय, साधक को अधिक ध्यान और श्रद्धा के साथ कार्य करना चाहिए, जिससे उनकी साधना में सफलता मिले।
- शाबर मंत्र बालक की भाषा के रूप में होते हैं, इसलिए जो साधक निष्कपट और सरल होता है, उसके मंत्र का प्रभाव भी अधिक होता है।