लक्ष्मी पूजन विधि मंत्र सहित Pdf :
PDF Name | लक्ष्मी पूजन विधि मंत्र सहित | लक्ष्मी पूजन विधि मंत्र सहित PDF |
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No. of Pages | 24 |
PDF Size | 1.39 KB |
Language | Sanskrit |
PDF Category | Hindu Books |
Last Updated | June22, 2024 |
Source / Credits | drive.google.com |
Comments | ✎ 0 |
Uploaded By | R.Shivani |
दीपावली के पावन पर्व पर लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है। इस दिन मां लक्ष्मी की आराधना से घर में सुख, समृद्धि और वैभव का वास होता है। यहां हम आपके लिए लक्ष्मी पूजन विधि मंत्र सहित PDF प्रदान कर रहे हैं, जिसमें सम्पूर्ण पूजन विधि, आवश्यक सामग्री और मंत्रों का समावेश है।
लक्ष्मी पूजन विधि मंत्र सहित
लक्ष्मी पूजन की आवश्यकता और महत्व
लक्ष्मी पूजन हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसे करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और घर में धन-धान्य की कमी नहीं रहती। इस पूजन से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
दिवाली पूजन की सामग्री और तैयारी
दिवाली, जिसे दीपावली भी कहा जाता है, भारत का प्रमुख त्योहार है। इस दिन लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है। सही सामग्री और तैयारी से पूजा सफल और मंगलमय होती है। यहां हम आपके लिए दिवाली पूजन की आवश्यक सामग्री और तैयारी की विस्तृत जानकारी दे रहे हैं।
दिवाली पूजन की सामग्री
दिवाली पूजन के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:
- कलावा: पूजा के लिए धागा
- रोली: तिलक लगाने के लिए
- सिंदूर: देवी-देवताओं की पूजा के लिए
- नारियल: शुभता का प्रतीक
- अक्षत (चावल): पूजा में उपयोग के लिए
- लाल वस्त्र: पूजा स्थल पर बिछाने के लिए
- फूल: देवी-देवताओं को अर्पित करने के लिए
- 5 सुपारी: पूजा सामग्री में शामिल
- लौंग: हवन सामग्री में उपयोग
- पान के पत्ते: पूजन में उपयोग
- घी: दीपक जलाने और हवन के लिए
- कलश: पवित्र जल भरने के लिए
- कलश के लिए आम के पत्ते: कलश की शोभा बढ़ाने के लिए
- चौकी: मूर्तियों को स्थापित करने के लिए
- समिधा: हवन सामग्री
- हवन कुंड: हवन करने के लिए
- हवन सामग्री: हवन में उपयोग के लिए
- कमल गट्टे: लक्ष्मी पूजन में उपयोग
- पंचामृत: दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल का मिश्रण
- फल: नैवेद्य के रूप में
- बताशे: मिठाई के रूप में
- मिठाईयां: देवी-देवताओं को अर्पित करने के लिए
- पूजा में बैठने के लिए आसन: पूजन के समय बैठने के लिए
- हल्दी: शुभता के लिए
- अगरबत्ती: सुगंधित धूप
- कुमकुम: पूजा में तिलक लगाने के लिए
- इत्र: सुगंधित पानी
- दीपक: प्रकाश के लिए
- रूई: दीपक में बत्ती बनाने के लिए
- आरती की थाली: आरती करने के लिए
- कुशा: पवित्र घास
- चंदन: पूजा में लगाने के लिए
दिवाली पूजा की तैयारी
- रंगोली बनाएं: गणेश-लक्ष्मी के विराजने की जगह पर सुंदर रंगोली बनाएं।
- दीपक जलाएं: पूजन की चौकी के चारों कोनों पर एक-एक दीपक जलाएं।
- प्रतिमा स्थापित करें: चौकी पर कच्चे चावल रखें और फिर गणेश और लक्ष्मी की प्रतिमा को विराजमान करें। लक्ष्मी जी को गणेश जी के दाहिनी ओर रखें।
- दीपक की व्यवस्था: प्रतिमाओं के सामने दो बड़े दीपक रखें, एक में तेल और दूसरे में घी भरें।
- अन्य देवताओं की पूजा: दिवाली पूजन के मौके पर कुबेर, सरस्वती और काली माता की पूजा भी की जाती है। अगर इनकी मूर्तियां हों, तो उन्हें भी पूजा स्थल पर विराजमान करें।
पूजन की विधि
दिवाली पर लक्ष्मी पूजन शुरू करने से पहले गणेश-लक्ष्मी के विराजने की जगह को अच्छे-से साफ करें। वहां रंगोली बनाएं और गंगा जल छिड़ककर इस मंत्र का जाप करना चाहिए, ‘ॐ अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोपि वा। य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स: बाह्याभ्यतंरं शुचि:’। लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर लक्ष्मी का ध्यान करें और मूर्तियों को चौकी पर आदर और श्रद्धाभाव के साथ बैठाएं। अब आचमन करना होगा। इसके लिए दाहिने हाथ में जल लेकर तीन बार आचमन करें और बोलें,
दिवाली पर लक्ष्मी पूजन की तैयारी और विधि
दिवाली पर लक्ष्मी पूजन शुरू करने से पहले, गणेश-लक्ष्मी के विराजने की जगह को अच्छी तरह से साफ करें। वहां सुंदर रंगोली बनाएं और गंगा जल छिड़ककर इस मंत्र का जाप करें:
ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोपि वा।
यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं सः बाह्याभ्यतंरं शुचिः॥
इसके बाद लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और लक्ष्मी जी का ध्यान करते हुए मूर्तियों को चौकी पर आदर और श्रद्धाभाव के साथ स्थापित करें। अब आचमन करना होगा। इसके लिए दाहिने हाथ में जल लेकर तीन बार आचमन करें और बोलें:
1. ॐ केशवाय नमः
2. ॐ नारायणाय नमः
3. ॐ माधवाय नमः
4. ॐ गोविन्दाय नमः।
5. हस्तं प्रक्षालयामि।
मंत्र पढ़ने के बाद हाथ धो लें। इसके बाद दीप प्रज्ज्वलित करें। दीप जलाते समय बोलें:
दीप ज्योति महादेवि शुभं भवतु मे सदा
फिर मां लक्ष्मी का आह्वान करें। आह्वान की मुद्रा में बैठकर कहें:
हे महादेवी लक्ष्मी, मैं आपका आह्वान करता हूं। आप मेरा आह्वान स्वीकार करें और पधारें।
पांच फूल हाथ में लेकर अर्पित करें और मां से कहें:
श्री लक्ष्म्यै देव्यै पंच पुष्पाणि समर्पयामि
इसके बाद मां लक्ष्मी का स्वागत करते हुए कहें:
श्री लक्ष्मी देवि स्वागतम्
मां लक्ष्मी के स्वागत के बाद की पूजा विधि
स्वागत के बाद, मां लक्ष्मी के चरण प्रक्षालन के लिए जल अर्पित करें और यह मंत्र बोलें:
श्रीलक्ष्मीदेव्यै पाद्यं समर्पयामि
फिर उनके सिर के अभिषेक के लिए अर्घ्य दें और कहें:
श्रीलक्ष्मी देव्यै अर्घ्य समर्पयामि
सिर के अभिषेक के बाद, गंगा जल मिश्रित जल से स्नान कराएं और कहें:
श्रीलक्ष्मीदेव्यै जलं समर्पयामि
इसके बाद, पंचामृत से स्नान कराएं और यह मंत्र बोलें:
श्रीलक्ष्मीदेव्यै पंचामृत स्नानं समर्पयामि
पंचामृत स्नान के बाद, गंध से स्नान कराएं और कहें:
श्रीलक्ष्मीदेव्यै गंधं समर्पयामि
फिर शुद्ध जल से स्नान कराएं और यह मंत्र बोलें:
श्रीलक्ष्मीदेव्यै शुद्धोदक स्नानं समर्पयामि
इसके बाद, मां लक्ष्मी को वस्त्र अर्पित करें। मौली का एक टुकड़ा लेकर कहें:
श्री लक्ष्मीदेव्यै वस्त्रं समर्पयामि
अब मधुपर्क (दूध और शहद का मिश्रण) अर्पित करें और कहें:
श्रीलक्ष्मीदेव्यै मधुपर्क समर्पयामि
मधुपर्क के बाद, मां लक्ष्मी को आभूषण अर्पित करें और कहें:
श्रीलक्ष्मीदेव्यै आभूषणानि समर्पयामि
इसके बाद, मां को रक्त चंदन (लाल चंदन) अर्पित करें और कहें:
श्रीलक्ष्मीदेव्यै रक्तचंदनं समर्पयामि
फिर मां को सिंदूर अर्पित करें और यह मंत्र बोलें:
श्रीलक्ष्मीदेव्यै सिंदूरं समर्पयामि
इसके बाद, कुमकुम अर्पित करें और कहें:
श्रीलक्ष्मीदेव्यै कुंकुमं समर्पयामि
षोडशोपचार पूजन
षोडशोपचार पूजन के अंतर्गत, मां लक्ष्मी के चरणों में 16 प्रकार के भिन्न-भिन्न पदार्थ समर्पित किए जाते हैं। प्रत्येक पदार्थ समर्पित करते समय निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें:
- अबीर गुलाल:
श्रीलक्ष्मीदेव्यै अबीरगुलालं समर्पयामि
- सुगंधित द्रव्य:
श्रीलक्ष्मीदेव्यै सुगंधिततैलं समर्पयामि
- अक्षत (चावल):
श्रीलक्ष्मीदेव्यै अक्षतं समर्पयामि
- चंदन:
श्रीलक्ष्मीदेव्यै चंदनं समर्पयामि
- पुष्प:
श्रीलक्ष्मीदेव्यै पुष्पाणि समर्पयामि
मां लक्ष्मी की प्रतिमा के अंगों का पूजन
बाएं हाथ में अक्षत और पुष्प लेकर, दाहिने हाथ से मां लक्ष्मी की प्रतिमा के अंगों का पूजन निम्न मंत्रों के साथ करें:
ॐ चपलायै नमः। पादौ पूजयामि।
ॐ चंचलायै नमः। जानुनी पूजयामि।
ॐ कमलायै नमः। कटिं पूजयामि।
ॐ कात्यायन्यै नमः। नाभिं पूजयामि।
ॐ जगन्मात्रै नमः। जठरं पूजयामि।
ॐ विश्व-वल्लभायै नमः। वक्ष-स्थलं पूजयामि।
ॐ कमल-वासिन्यै नमः। हस्तौ पूजयामि।
ॐ कमल-पत्राक्ष्यै नमः। नेत्र-त्रयं पूजयामि।
ॐ श्रियै नमः। शिरः पूजयामि।
अष्ट सिद्धियों का पूजन
अक्षत और पुष्प लेकर, अष्ट सिद्धियों का पूजन निम्न मंत्रों के साथ करें:
ॐ अणिम्ने नमः
ॐ महिम्ने नमः
ॐ गरिम्णे नमः
ॐ लघिम्ने नमः
ॐ प्राप्त्यै नमः
ॐ प्रकाम्यै नमः
ॐ ईशितायै नमः
ॐ वशितायै नमः
अष्ट लक्ष्मी का पूजन
अष्ट लक्ष्मी का पूजन करते समय भी अक्षत और पुष्प लेकर निम्न मंत्रों का जाप करें।
अन्य पूजन सामग्री का समर्पण
- धूप:
श्रीलक्ष्मी देव्यै धूपं समर्पयामि
- दीप:
श्रीलक्ष्मीदेव्यै दीपं समर्पयामि
- नैवेद्य:
श्रीलक्ष्मी देव्यै नैवेद्यं समर्पयामि
- जल:
श्रीलक्ष्मी देव्यै जलं समर्पयामि
- चंदन:
श्रीलक्ष्मी देव्यै चंदनं समर्पयामि
- तांबूल (पान और सुपारी):
श्रीलक्ष्मीदेव्यै मुखवासार्थ पूगीफलयुक्तं तांबूलं समर्पयामि
- सुवर्ण पुष्प (धन):
श्रीलक्ष्मीदेव्यै सुवर्णपुष्प दक्षिणां समर्पयामि
अंत में
अंत में, अपने हाथों में पुष्प लेकर मां लक्ष्मी की प्रतिमा के बाएं से दाएं ओर प्रदक्षिणा करें और पुष्प अर्पित करें। मन ही मन में मां लक्ष्मी से क्षमा याचना करें और कहें:
हे लक्ष्मी माता, मुझसे जितने भी पाप हुए हैं उनके लिए मैं आपसे क्षमा मांगता हूं।
पुष्पांजलि समर्पित करें और मां के चरणों में साष्टांग प्रणाम करें। आरती करके प्रसाद बांटें।
इस प्रकार विधिपूर्वक मां लक्ष्मी की पूजा करने से आपको उनकी कृपा प्राप्त होगी।
लक्ष्मी पूजन विधि मंत्र सहित PDF
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