नवनाथ शाबर मन्त्र | Navnath Shabar Mantra

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नवनाथ शाबर मंत्र (Navnath Shabar Mantra) सबसे प्रसिद्ध और सबसे शक्तिशाली शाबर मंत्र है, जिसे मूल रूप से माता पार्वती को भगवान शिव ने प्रदान किया था, जो सभी ज्ञान और शक्ति के प्रतीक हैं। मंत्र के साथ, भगवान शिव ने इसके उच्चतम लाभों को भी विशेष रूप से बताया है और कहा है कि यह एक ऐसा शक्तिशाली मंत्र है जिसे कोई भी प्राप्त कर सकता है। यह मंत्र लोगों को सभी प्रकार की इच्छाओं को प्राप्त करने में सक्षम बना सकता है, सबसे कठिन कार्यों को भी सरल बना सकता है। बाद में, गुरु गोरखनाथ ने इस मंत्र को प्राप्त किया और उसे सार्वजनिक रूप से प्रकट किया, ताकि लोग जो चाहें वह सिद्ध कर सकें।

 

नवनाथ कौन-कौन से हैं?

नवनाथ संप्रदाय में नौ महान सिद्ध गुरु हैं:

 

गोरक्ष-जालंदर-चर्पटाश्च | अडबंग-कानिफ-मच्छिंदराद्या: |
चौरंगि-रेवाणक- भर्त्रि-संज्ञा| भूम्यां बभूवुर्नवनाथ-सिद्धा:||

  1. गोरक्षनाथ
  2. जालिंदरनाथ
  3. चर्पटनाथ
  4. अडबनगीनाथ
  5. कानिफनाथ
  6. मच्छिंद्रनाथ
  7. चौरंगीनाथ
  8. रेवणनाथ
  9. गहिनीनाथ

इन्हें नवनाथ सिद्ध गुरु माना जाता है।

 

नवनाथ शाबर मन्त्र

“ॐ गुरुजी, सत नमः आदेश। गुरुजी को आदेश। ॐकारे शिव-रुपी, मध्याह्ने हंस-रुपी, सन्ध्यायां साधु-रुपी। हंस, परमहंस दो अक्षर। गुरु तो गोरक्ष, काया तो गायत्री। 

 ॐ ब्रह्म, सोऽहं शक्ति, शून्य माता, अवगत पिता, विहंगम जात, अभय पन्थ, सूक्ष्म-वेद, असंख्य शाखा, अनन्त प्रवर, निरञ्जन गोत्र, त्रिकुटी क्षेत्र, जुगति जोग, जल-स्वरुप रुद्र-वर्ण। 

 सर्व-देव ध्यायते। आए श्री शम्भु-जति गुरु गोरखनाथ। ॐ सोऽहं तत्पुरुषाय विद्महे शिव गोरक्षाय धीमहि तन्नो गोरक्षः प्रचोदयात्। 

 ॐ इतना गोरख-गायत्री-जाप सम्पूर्ण भया। गंगा गोदावरी त्र्यम्बक-क्षेत्र कोलाञ्चल अनुपान शिला पर सिद्धासन बैठ। नव-नाथ, चौरासी सिद्ध, अनन्त-कोटि-सिद्ध-मध्ये श्री शम्भु-जति गुरु गोरखनाथजी कथ पढ़, जप के सुनाया। 

सिद्धो गुरुवरो, आदेश-आदेश।।”

 नवनाथ स्तुति  Navnath Stuti

“आदि-नाथ कैलाश-निवासी, उदय-नाथ काटै जम-फाँसी।

 सत्य-नाथ सारनी सन्त भाखै, सन्तोष-नाथ सदा सन्तन की राखै। 

कन्थडी-नाथ सदा सुख-दाई, अञ्चति अचम्भे-नाथ सहाई। 

ज्ञान-पारखी सिद्ध चौरङ्गी, मत्स्येन्द्र-नाथ दादा बहुरङ्गी।

 गोरख-नाथ सकल घट-व्यापी, काटै कलि-मल, तारै भव-पीरा।

 नव-नाथों के नाम सुमिरिए, तनिक भस्मी ले मस्तक धरिए। 

रोग-शोक-दारिद नशावै, निर्मल देह परम सुख पावै।

 भूत-प्रेत-भय-भञ्जना, नव-नाथों का नाम। 

सेवक सुमरे चन्द्र-नाथ, पूर्ण होंय सब काम।।”

 

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विधिः अनुकरण हेतु आवश्यक विवरण जोड़े गए हैं। दैनिक रूप से नवनाथों की पूजा करके, उपरोक्त स्तुति को 21 बार पाठ करके और फिर मस्तक पर भस्म लगाने से नवनाथों की कृपा प्राप्त होती है।

 इस प्रयास से सभी प्रकार के भय, पीड़ा, रोग, दोष, भूत-प्रेत-बाधा दूर होते हैं और मनोकामनाएं, सुख, सम्पत्ति और अन्य अभीष्ट कार्य सिद्ध होते हैं। यह प्रक्रिया 21 दिन तक लगातार की जानी चाहिए ताकि सिद्धि हो सके

 

नवनाथ शाबर मन्त्र  Navnath Shabar Mantra

 

“ॐ नमो आदेश गुरु की। 

ॐकारे आदि-नाथ, उदय-नाथ पार्वती। 

सत्य-नाथ ब्रह्मा। 

सन्तोष-नाथ विष्णुः, अचल अचम्भे-नाथ। 

गज-बेली गज-कन्थडि-नाथ, ज्ञान-पारखी चौरङ्गी-नाथ।

 माया-रुपी मच्छेन्द्र-नाथ, जति-गुरु है गोरख-नाथ। 

घट-घट पिण्डे व्यापी, नाथ सदा रहें सहाई।

नवनाथ चौरासी सिद्धों की दुहाई।

ॐ नमो आदेश गुरु की।।”

 

विधिः- 

  • पूर्णमासी से जप का आरंभ करें। जप से पहले, नौ ढेरियों की एक चावल के गठे बनाएं और उन पर नौ सुपारियों को मौली से बाँधें, इनको नवनाथों के प्रतीक-रूप में रखें और उनकी षोडशोपचार पूजा करें।
  • फिर, गुरु, गणेश और इष्ट का स्मरण करें और उन्हें आह्वान करें।
  • उसके बाद मन्त्र-जप करें। नियमित समय और निश्चित संख्या में दैनिक जप करें।
  • ब्रह्मचर्य का पालन करें, दूसरों के बनाए भोजन या अन्य खाद्य-वस्तुएं न लें। शुद्ध और पवित्र रहें। इस साधना के द्वारा नवनाथों की कृपा से, साधक धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को प्राप्त करने की शक्ति प्राप्त करता है।

 

विशेषः- ‘शाबर-पद्धति’ के अनुसार, यदि हम इस मंत्र को ‘उज्जैन’ के ‘भर्तृहरि-गुफा’ में बैठकर 9,000 या 9,00,000 की संख्या में जपते हैं, तो हमें परम-सिद्धि प्राप्त होती है और नौनाथ हमें स्वयं दर्शन करके अभीष्ट वरदान देते हैं।

 

नवनाथ स्मरण  Navnath Smaran

 

“आदि-नाथ ओ स्वरुप, उदय-नाथ उमा-महि-रुप। जल-रुपी ब्रह्मा सत-नाथ, रवि-रुप विष्णु सन्तोष-नाथ। 

हस्ती-रुप गनेश भतीजै, ताकु कन्थड-नाथ कही जै। 

माया-रुपी मछिन्दर-नाथ, चन्द-रुप चौरङ्गी-नाथ। शेष-रुप अचम्भे-नाथ, वायु-रुपी गुरु गोरख-नाथ। 

घट-घट-व्यापक घट का राव, अमी महा-रस स्त्रवती खाव। 

 

नवनाथ जी का मूल मंत्र

 

ॐ नमो नव-नाथ-गण, चौरासी गोमेश। 

आदि-नाथ आदि-पुरुष, शिव गोरख आदेश।

ॐ श्री नव-नाथाय नमः।।”

 

 

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विधिः- प्रतिदिन उक्त स्मरण का पाठ करने से पापों का क्षय होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। साधक सुख, सम्पत्ति और वैभव से परिपूर्ण हो जाता है। इसकी सिद्धि के लिए, 21 दिनों तक रोजाना 21 पाठ करना चाहिए


नवनाथ शाबर मंत्र के लाभ:

  • नवनाथ शाबर मंत्र का जाप करने से भय और दुःख का निवारण होता है।
  • नवनाथ शाबर मंत्र का जाप करने से भूत, प्रेत, जादू, टोने का समाधान होता है।
  • इस मंत्र के जाप से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है।
  • नवनाथ जी के रूप का ध्यान करके इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
  • इस मंत्र का जाप सुबह-शाम या किसी भी समय किया जा सकता है।

नवनाथ शाबर मंत्र की विधि:

  • नवनाथ शाबर मंत्र का जाप पूर्णिमा के दिन करना चाहिए।
  • इस मंत्र का जाप रुद्राक्ष माला के द्वारा करना उचित होता है।
  • नवनाथ शाबर मंत्र का जाप 108 बार करना चाहिए।
  • इस मंत्र का जाप किसी भी मंगलवार या दिन को भी किया जा सकता है।

 नवनाथ शाबर मन्त्र PDF


 

FaQs

सिद्ध शाबर मंत्र क्या है?

सिद्ध शाबर मंत्र एक प्रकार का तांत्रिक मंत्र है जो शाबर तंत्र के अंतर्गत आता है। ये मंत्र अपरंपारिक और ज्ञानात्मक शक्ति को प्राप्त करने के लिए प्रयोग किया जाता है। सिद्ध शाबर मंत्र विभिन्न नाथ संप्रदायों के आचार्यों द्वारा प्राप्त किए गए हैं और उन्हें योग्य साधक को दिया जाता है।

क्या शाबर मंत्र सच में काम करता है?

शाबर मंत्रों को निर्माण करने वाले ऋषियों का मानना है कि इन मंत्रों का जाप और साधना सही रीति से किया जाए तो उनकी शक्ति कारगर होती है और वे अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में सहायता कर सकते हैं। कुछ लोग शाबर मंत्रों को अभिप्रेत शक्तियों के संपर्क में आने वाले आदिवासी देवताओं द्वारा दिये गए शक्तिशाली वशीकरण मंत्र मानते हैं।

नवनाथ शाबर मन्त्र का जाप कितनी बार करना चाहिए?

नवनाथ शाबर मन्त्र का जाप करते समय, आपको 108 बार करना चाहिए।

नवनाथ शाबर मन्त्र का जाप किस दिन करना चाहिए?

नवनाथ शाबर मन्त्र का जाप करने के लिए, आपको मंगलवार या रविवार के दिन चुनना चाहिए।

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