Jhulelal Jayanti 2024 : झूलेलाल जयंती 2024 के अवसर पर हम सभी भक्तों को हार्दिक शुभकामनाएं। यह पारंपरिक त्योहार सिंधी समुदाय में बहुत उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष, झूलेलाल जयंती 2024 चेती चंडा के दिन मनाई जाएगी, जो 9 अप्रैल 2024 को होगी। इस साल, चेटी चंद मुहूर्त की तिथियां 8 अप्रैल, 2024 को प्रारंभ हो रही हैं और 9 अप्रैल, 2024 को समाप्त हो रही हैं।
झूलेलाल जयंती का आयोजन सिंधी समुदाय में सिंधी संत झूलेलाल के जन्म के अवसर पर किया जाता है। उन्हें उड़ेरोलाल के नाम से भी जाना जाता है, जो सिंधी समुदाय के संरक्षक संत माने जाते हैं। यह पर्व नए उद्यम आरंभ करने के लिए अद्वितीय अवसर प्रदान करता है। झूलेलाल की पूजा के बाद, सिंधी समुदाय अपनी समृद्ध संस्कृति का प्रदर्शन करते हैं, जैसे कि नृत्य, नाटक, संगीत, और लोक कलाएं। यहां तक कि नया उद्यम आरंभ करने की भी सोच रखी जाती है।
“चैत्र” को प्राथमिक महीना माना जाता है, जिसे सिंधी समुदाय “चेत” कहता है। इसमें प्रत्येक नया महीना अमावस्या से शुरू होता है, और इस उत्सव का नाम सिंधी समुदाय द्वारा “चेटी चंद” के रूप में जाना जाता है। इस उत्सव के दिन, लोग नदी या कुएं पर जाकर ‘अखो’ मनाते हैं, जिसमें दूध और आटे के साथ एक चुटकी चावल होती है। अगर कोई नदी या ‘दरिया’ नहीं हो, तो यह अनुष्ठान कुएं पर भी किया जा सकता है।
श्री झूलेलाल चालीसा । Shri Jhulelal Chalisa Lyrics
॥ दोहा ॥
जय जय जल देवता,
जय ज्योति स्वरूप ।
अमर उडेरो लाल जय,
झुलेलाल अनूप ॥
॥ चौपाई ॥
रतनलाल रतनाणी नंदन ।
जयति देवकी सुत जग वंदन ॥
दरियाशाह वरुण अवतारी ।
जय जय लाल साईं सुखकारी ॥
जय जय होय धर्म की भीरा ।
जिन्दा पीर हरे जन पीरा ॥
संवत दस सौ सात मंझरा ।
चैत्र शुक्ल द्वितिया भगऊ वारा ॥
ग्राम नसरपुर सिंध प्रदेशा ।
प्रभु अवतरे हरे जन कलेशा ॥
सिन्धु वीर ठट्ठा राजधानी ।
मिरखशाह नऊप अति अभिमानी ॥
कपटी कुटिल क्रूर कूविचारी ।
यवन मलिन मन अत्याचारी ॥
धर्मान्तरण करे सब केरा ।
दुखी हुए जन कष्ट घनेरा ॥
पिटवाया हाकिम ढिंढोरा ।
हो इस्लाम धर्म चाहुँओरा ॥
सिन्धी प्रजा बहुत घबराई ।
इष्ट देव को टेर लगाई ॥
वरुण देव पूजे बहुंभाती ।
बिन जल अन्न गए दिन राती ॥
सिन्धी तीर सब दिन चालीसा ।
घर घर ध्यान लगाये ईशा ॥
गरज उठा नद सिन्धु सहसा ।
चारो और उठा नव हरषा ॥
वरुणदेव ने सुनी पुकारा ।
प्रकटे वरुण मीन असवारा ॥
दिव्य पुरुष जल ब्रह्मा स्वरुपा ।
कर पुष्तक नवरूप अनूपा ॥
हर्षित हुए सकल नर नारी ।
वरुणदेव की महिमा न्यारी ॥
जय जय कार उठी चाहुँओरा ।
गई रात आने को भौंरा ॥
मिरखशाह नऊप अत्याचारी ।
नष्ट करूँगा शक्ति सारी ॥
दूर अधर्म, हरण भू भारा ।
शीघ्र नसरपुर में अवतारा ॥
रतनराय रातनाणी आँगन ।
खेलूँगा, आऊँगा शिशु बन ॥
रतनराय घर ख़ुशी आई ।
झुलेलाल अवतारे सब देय बधाई ॥
घर घर मंगल गीत सुहाए ।
झुलेलाल हरन दुःख आए ॥
मिरखशाह तक चर्चा आई ।
भेजा मंत्री क्रोध अधिकाई ॥
मंत्री ने जब बाल निहारा ।
धीरज गया हृदय का सारा ॥
देखि मंत्री साईं की लीला ।
अधिक विचित्र विमोहन शीला ॥
बालक धीखा युवा सेनानी ।
देखा मंत्री बुद्धि चाकरानी ॥
योद्धा रूप दिखे भगवाना ।
मंत्री हुआ विगत अभिमाना ॥
झुलेलाल दिया आदेशा ।
जा तव नऊपति कहो संदेशा ॥
मिरखशाह नऊप तजे गुमाना ।
हिन्दू मुस्लिम एक समाना ॥
बंद करो नित्य अत्याचारा ।
त्यागो धर्मान्तरण विचारा ॥
लेकिन मिरखशाह अभिमानी ।
वरुणदेव की बात न मानी ॥
एक दिवस हो अश्व सवारा ।
झुलेलाल गए दरबारा ॥
मिरखशाह नऊप ने आज्ञा दी ।
झुलेलाल बनाओ बन्दी ॥
किया स्वरुप वरुण का धारण ।
चारो और हुआ जल प्लावन ॥
दरबारी डूबे उतराये ।
नऊप के होश ठिकाने आये ॥
नऊप तब पड़ा चरण में आई ।
जय जय धन्य जय साईं ॥
वापिस लिया नऊपति आदेशा ।
दूर दूर सब जन क्लेशा ॥
संवत दस सौ बीस मंझारी ।
भाद्र शुक्ल चौदस शुभकारी ॥
भक्तो की हर आधी व्याधि ।
जल में ली जलदेव समाधि ॥
जो जन धरे आज भी ध्याना ।
उनका वरुण करे कल्याणा ॥
॥ दोहा ॥
चालीसा चालीस दिन पाठ करे जो कोय ।
पावे मनवांछित फल अरु जीवन सुखमय होय ॥
॥ ॐ श्री वरुणाय नमः ॥
श्री झूलेलाल चालीसा – Shri Jhulelal Chalisa Pdf
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FaQs
भगवान झूलेलाल का जन्म कब हुआ था?
माता देवकी ने चैत्र शुक्ल 2 संवत् 1007 को उड़ेरोलाल नामक बालक को जन्म दिया था।
झूलेलाल का असली नाम क्या है?
झूलेलाल का असली नाम उदयचंद है।
झूलेलाल किसका अवतार है?
झूलेलाल को सिंधी हिन्दुओं में वरुण देव के अवतार माना जाता है।
सिंधी चेटी चांद क्यों मनाते हैं?
सिंधी चेती चंद का उत्सव सिन्धी हिन्दू समुदाय में भगवान झूलेलाल के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह उत्सव सिंधी कैलेंडर के अनुसार, सिंधी महीने चेत में मनाया जाता है।