गणेश जी हिन्दू धर्म में एक प्रमुख देवता हैं और उन्हें विघ्नहर्ता एवं विद्यापति के रूप में पूजा जाता है। गणेश जी को सुरक्षा, समृद्धि, बुद्धि, शक्ति, और शुभकारी स्वरूप में पूजा जाता है, और उन्हें शुभ आरंभ के द्वारा पहले पूजा जाता है। गणपति, विघ्नेश्वर, विनायक, लंबोदर, एकदंत, गजानन, वक्रतुण्ड आदि कई नामों से भी जाना जाता हैं।
गणेश की पूजा में उनके लिए कई मंत्र हैं जो भक्तजन उच्चरित करते हैं। यह Ganesh Mantra पूजा एवं स्तुति में उपयोग होते हैं और उन्हें आशीर्वाद प्रदान करने का माना जाता है। कुछ प्रमुख गणेश मंत्र में से कुछ हैं:
श्री गणेश मंत्र
ऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ । निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा ॥
श्री गणेश बीज मंत्र Ganesh Beej Mantra
“ऊँ गं गणपतये नमो नमः।”
कुबेर गणेश मंत्र | Kuber Ganesh Mantra
कर्ज मुक्ति और आर्थिक संघर्षों से निजात प्राप्त करने के लिए गणेश-कुबेर मंत्र का जाप करें। इस प्रक्रिया से व्यक्ति का भविष्य उज्ज्वल होता है और नए धन के स्रोत प्राप्त होते हैं
ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।
लक्ष्मी विनायक मंत्र
।। ॐ गं नमः ।।
– इस मंत्र के नियमित जाप से रोजगार में सफलता और आर्थिक स्थिति में वृद्धि होती है।
परिवार में खुशी, शांति, और सौहार्द प्राप्ति के लिए गणेश मंत्र :
ॐ ग्लौं गं गणपतये नम:
उच्छिष्ट गणपति का मंत्र
।। ॐ हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा ।।
इच्छापूर्ति गणेश मंत्र
बुधवार को गणेश जी की पूजा करना उच्च महत्वपूर्ण है,क्योंकि बुधवार का दिन भगवान गणेश जी को समर्पित है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन गणेश जी की पूजा से सभी विघ्न दूर होते हैं और भक्तों को इच्छापूर्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके अलावा, किसी भी शुभ कार्य से पहले गणेश जी की पूजा करना आवश्यक है, ताकि वह कार्य निर्विघ्नपूर्ण हो। बुधवार के दिन गणेश जी के मंत्रों का जाप करके इच्छाएं शीघ्र पूरी हो सकती हैं।
ॐ नमो सिद्धि विनायकाय सर्व कार्य कर्त्रे सर्व विघ्न प्रशमनाय
सर्व राज्य वश्यकरणाय सर्वजन सर्वस्त्री पुरुष आकर्षणाय श्रीं ॐ स्वाहा
गणेश जी के 11 सरल मंत्र
यदि किसी ने गणेश जी के कठिन मंत्रों को बोलने में कठिनाई महसूस की है, तो श्री गणेश के ये 11 सरल मंत्र उनके लिए एक आसान विकल्प हो सकते हैं, जो आत्मविश्वास और शांति में मदद कर सकते हैं:
- श्री गणेशाय नम:
- ॐ श्री गणेशाय नम:
- गं गणपतये नम:
- ॐ गं गणपतये नम:
- ॐ गं ॐ गणाधिपतये नम:
- ॐ सिद्धि विनायकाय नम:
- ॐ गजाननाय नम:
- ॐ एकदंताय नमो नम:
- ॐ लंबोदराय नम:
- ॐ वक्रतुंडाय नमो नम:
- ॐ गणाध्यक्षाय नमः
.श्री गणेश बीज मंत्र Ganesh Beej Mantra
“ॐ गं गणपतये नमः ।”
षडाक्षर गणेश मंत्र |Shodashakshari Ganesh Mantra
“ॐ वक्रतुंडाय हुम्”
Gayatri Ganesh Mantra
1). ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
2). ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
3). ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
शुभ लाभ गणेश मंत्र Shubh Labh Ganesh Mantra
ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नम:।।
सिद्धि की प्राप्ति के श्री गणेश मंत्र | Siddhi Prapti Ke liye Shri Ganesh Mantra
मंत्र : ॐ ग्लां ग्लीं ग्लूं गं गणपतये नम: सिद्धि मे देहि बुद्धि प्रकाशय ग्लूं ग्लीं ग्लां ॐ फट् स्वाहा ।।
विवाह के लिए गणेश मंत्र | त्रैलोक्य मोहन गणेश मंत्र
विवाह से संबंधित समस्त दोषों को दूर करने के लिए निम्नलिखित मंत्र का नियमित जाप करना अत्यंत प्रभावकारी माना जाता है।
।। ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा ।।
इस मंत्र का आवृत्ति विशेष रूप से विवाह से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए की जाती है। माना जाता है कि इस मंत्र के जाप से व्यक्ति को शीघ्र और अनुकूल जीवनसाथी प्राप्त होता है और उसका विवाह सुखद होता है।
मंगल विधान व सभी प्रकार की विघ्न –बाधा को दूर करने के लिए गणेश मंत्र
गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः।
द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः॥
विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः।
द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्॥
विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत् क्वचित्।
Tantrik Ganesh Mantra
ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरू गणेश।
ग्लौम गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति। करों दूर क्लेश।।
वक्रतुण्ड गणेश मंत्र | Vakratunda Ganesh Mantra
वक्रतुण्ड महाकाय कोटिसूर्य समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरू मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।
तेजस्वी संतान प्राप्ति के लिए गणेश मंत्र
जिन व्यक्तियों को बुद्धि और विवेक से युक्त संतान प्राप्ति की इच्छा है, उन्हें इस स्त्रोत को नियमित रूप से पढ़ना चाहिए।
ॐ नमोस्तु गणनाथाय, सिद्धिबुद्धि युताय च,
सर्व प्रदाय देहाय पुत्र वृद्धि प्रदाय च,
गुरुदराय गरबे गोपुत्रे गुह्यासिताय ते,
गोप्याय गोपिता शेष, भुवनाय चिदात्मने,
विश्व मूलाय भव्याय, विश्व सृष्टि कराय ते,
नमो नमस्ते सत्याय, सत्यपूर्णाय शुंडिने,
एकदंताय शुद्धाय सुमुखाय नमो नम:,
प्रपन्न जन पालाय, प्रणतार्ति विनाशिने,
शरणंभव देवेश संततिं सुदृढ़ां कुरु,
भविष्यंति च ये पुत्रा मत्कुले गणनायक:,
ते सर्वे तव पूजार्थं निरता: स्युर्वरोमत:,
पुत्र प्रदं इदंस्तोत्रं सर्वसिद्धिप्रदायकम.
पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए
ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात.
गं क्षिप्रप्रसादनाय नम:
धन, विद्या और संतान सुख की कामना के लिए
विद्यार्थी लभते विद्यां, धनार्थी लभते धनम्, पुत्रार्थी लभते पुत्रान्-मोक्षार्थी लभते गतिम्.
भगवान श्री गणेश स्तुति मंत्र (Ganesh Stuti Mantra) :
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय, लम्बोदराय सकलाय जगद्धिताय!
नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय, गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते!!
भक्तार्तिनाशनपराय गनेशाश्वराय, सर्वेश्वराय शुभदाय सुरेश्वराय!
विद्याधराय विकटाय च वामनाय , भक्त प्रसन्नवरदाय नमो नमस्ते!!
नमस्ते ब्रह्मरूपाय विष्णुरूपाय ते नम:!
नमस्ते रुद्राय्रुपाय करिरुपाय ते नम:!!
विश्वरूपस्वरूपाय नमस्ते ब्रह्मचारणे!
भक्तप्रियाय देवाय नमस्तुभ्यं विनायक!!
लम्बोदर नमस्तुभ्यं सततं मोदकप्रिय!
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा!!
त्वां विघ्नशत्रुदलनेति च सुन्दरेति ,
भक्तप्रियेति सुखदेति फलप्रदेति!
विद्याप्रत्यघहरेति च ये स्तुवन्ति,
तेभ्यो गणेश वरदो भव नित्यमेव!!
गणेशपूजने कर्म यन्न्यूनमधिकं कृतम !
तेन सर्वेण सर्वात्मा प्रसन्नोSस्तु सदा मम !!
गणेश मूल मंत्र
गजाननं भूत गणादि सेवितं,
कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम् ।
उमासुतं शोक विनाशकारकम्,
नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम् ॥
अस्वीकृति: यहां प्रस्तुत सूचना केवल मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। इसे स्पष्ट करना महत्वपूर्ण है कि यहां कोई भी मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं की जाती है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अपनाने से पहले, संबंधित विशेषज्ञ से सलाह प्राप्त करें।
FaQs
गणेश जी का प्रिय मंत्र कौन सा है?
गणेश जी के कई मंत्र हैं जो उनके भक्तजन उच्चरित करते हैं, लेकिन एक प्रमुख और प्रिय मंत्र है “ॐ गं गणपतये नमः” (Om Gam Ganapataye Namaha)।
गणेश मंत्र से संबंधित कोई व्रत है?
हां,गणेश चतुर्थी पर और भी कई त्योहारों में गणेश मंत्र का जाप करना विशेष फल प्रदान करता है।
गणेश वंदना कैसे करें?
गणेश वंदना को प्रतिदिन, विशेषकर बुधवार या चतुर्थी के दिन करने से अच्छे परिणाम मिलते हैं।
गणेश जी का आवाहन कैसे करें?
गणेश जी को आह्वान उनकी मंत्र द्वारा करे जो इस प्रकार हे आवाहन मंत्र-आगच्छ भगवन्देव स्थाने चात्र स्थिरो भव।,यावत्पूजा करिष्यामि तावत्वं सन्निधौ भव।।;यावत्पूजा करिष्यामि तावत्वं सन्निधौ भव।।
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