हिन्दू धर्म में माथे पर तिलक लगाने का महत्व अत्यधिक है। यह छोटा-सा चिह्न पूजा और धार्मिक अवसरों में लगाया जाता है और इसके कई महत्वपूर्ण फायदे हैं। यहाँ हम वैष्णव तिलक (Vaishnav Tilak Mantra) के अर्थ, महत्व, प्रकार और मंत्रों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।
महत्व:
- सौभाग्य की बढ़ावा: सफ़ेद चंदन का तिलक सौभाग्य को बढ़ाता है और शांति-सुख का प्रतीक होता है।
- आत्मिक ऊर्जा: तिलक लगाने से आत्मिक ऊर्जा मिलती है और व्यक्ति की ईश्वरीय आस्था मजबूत होती है।
- सकारात्मकता: तिलक लगाने से सकारात्मकता आती है और कुंडली में उग्र ग्रहों की अशांति दूर होती है।
- व्यक्तित्व में सुधार: तिलक लगाने से व्यक्ति का स्वभाव सुधारता है और उसका जीवन उत्तम बनता है।
वैष्णव तिलक के प्रकार:
- वैष्णव तिलक: माथे पर लगाया जाने वाला यह तिलक ‘V’ आकार में होता है और पीले रंग के गोपी चंदन से बनता है।
- शैव तिलक: इसमें त्रिशूल का आकार होता है और वह भस्म से बनता है।
- ब्रह्म तिलक: इसमें तीन धारीदार लक्षण होते हैं और यह रोली से बनता है।
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वैष्णव तिलक मंत्र | Vaishnav Tilak Mantra In Hindi
- माथे पर: ॐ केशवाय नमः
- वक्ष-स्थल: ॐ माधवाय नमः
- उदर के दाहिनी ओर: ॐ विष्णवे नमः
- उदर के बायीं ओर: ॐ वामनाय नमः
- नाभि के ऊपर: ॐ नारायणाय नमः
- कंठ: ॐ गोविन्दाय नमः
- दाहिना कन्धा: ॐ त्रिविक्रमाय नमः
- दाहिनी भुजा: ॐ मधुसूदनाय नमः
- बायां कन्धा: ॐ ऋषिकेशाय नमः
- पीठ का ऊपरी भाग: ॐ पद्मनाभाय नमः
- बायीं भुजा: ॐ श्रीधराय नमः
इन मंत्रों का उच्चारण करते समय विशेष ध्यान और श्रद्धा बनाए रखना चाहिए।
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तिलक लगाने के नियम:
- साफ-सुथरे हाथों से तिलक लगाएं।
- ध्यान और श्रद्धा से मंत्रों का उच्चारण करें।
- सावधानीपूर्वक तिलक का निर्माण करें ताकि किसी भी दिशा में बिना अनुमति के न फैले।
वैष्णव तिलक का अपना महत्व है और यह धार्मिकता के अभिव्यक्ति का माध्यम है। इसे समझकर और सही तरीके से लागू करके हम अपने जीवन को धार्मिकता और आध्यात्मिकता की ओर अग्रसर कर सकते हैं।
जय श्री राधे।