Maa Durga Ke 32 Naam । दुर्गा 32 नामावली स्तोत्र

Maa Durga Ke 32 Naam : मां दुर्गा, हिन्दू धर्म की एक प्रमुख देवी हैं जिनकी शक्ति, साहस, और कारुण्य की उपासना बहुत ही प्राचीन काल से होती आ रही है।मंत्रों का सही उच्चारण नहीं कर पा रहे तो लें सिर्फ देवी मां के 32 नाम, जो भक्तों को उनकी कृपा मिलने में सहायक होते हैं।

उन्हें अनेक नामों से पुकारा जाता है, जिनमें से 32 नाम विशेष महत्वपूर्ण हैं। इन नामों का उच्चारण न केवल माँ दुर्गा की प्रार्थना में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह उनकी शक्ति और कृपा को आमंत्रित करता है। इन नामों के मंत्रों का जाप करने से भक्तों को भय और संकटों से मुक्ति प्राप्त होती है और उन्हें जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति की प्राप्ति होती है।

मां दुर्गा के 32 नाम (Maa Durga Ke 32 Naam)

मां दुर्गा के 32 नाम उनकी अद्भुत शक्तियों और गुणों का प्रतिक हैं, जिन्हें उच्चारण करने से भक्त माँ की कृपा को प्राप्त होते हैं। यहाँ प्रत्येक नाम का अर्थ और महत्व है:

  1. ॐ दुर्गा: मां दुर्गा का प्रमुख नाम, जो बुराई और दुःख को नष्ट करती हैं।
  2. दुर्गतिशमनी: बुराई और कष्ट को नष्ट करने वाली मां।
  3. दुर्गाद्विनिवारिणी: सभी दुर्भावनाओं को नष्ट करने वाली शक्ति।
  4. दुर्ग मच्छेदनी: जल से संबंधित समस्याओं को नष्ट करने वाली देवी।
  5. दुर्गसाधिनी: सभी कठिनाइयों को दूर करने वाली माँ दुर्गा।
  6. दुर्गनाशिनी: समस्त बुराई को नष्ट करने वाली देवी।
  7. दुर्गतोद्धारिणी: सभी संकटों को दूर करने वाली शक्ति।
  8. दुर्गनिहन्त्री: बुराई का नाश करने वाली देवी।
  9. दुर्गमापहा: दुर्गम स्थितियों को परास्त करने वाली शक्ति।
  10. दुर्गमज्ञानदा: ज्ञान के रूप में शक्ति को संदर्भित करने वाली माँ।
  11. दुर्गदैत्यलोकदवानला: दैत्यों को समाप्त करने वाली अग्नि की तरह जलाने वाली देवी।
  12. दुर्गमा: दुर्गम स्थितियों को परास्त करने वाली माँ दुर्गा।
  13. दुर्गमालोका: दुर्गम स्थितियों को परास्त करने वाली माँ।
  14. दुर्गमात्मस्वरुपिणी: अपने आत्मा के स्वरूप में प्रकट होने वाली माँ।
  15. दुर्गमार्गप्रदा: सही रास्ते की दिशा में मार्ग प्रदर्शन करने वाली देवी।
  16. दुर्गम विद्या: अज्ञान को नष्ट करने वाली देवी।
  17. दुर्गमाश्रिता: सभी शरणार्थियों को शरण देने वाली माँ।
  18. दुर्गमज्ञान संस्थाना: ज्ञान के स्थान में स्थित रहने वाली देवी।
  19. दुर्गमध्यान भासिनी: ध्यान में स्थित होने वाली देवी।
  20. दुर्गमोहा: मोह को नष्ट करने वाली देवी।
  21. दुर्गमगा: गर्व को नष्ट करने वाली देवी।
  22. दुर्गमार्थस्वरुपिणी: सभी अर्थों को प्रदान करने वाली देवी।
  23. दुर्गमासुर संहंत्रि: असुरों को समाप्त करने वाली देवी।
  24. दुर्गमायुध धारिणी: युद्ध और संघर्ष के लिए आयुध धारण करने वाली देवी।
  25. दुर्गमांगी: सभी अंगों को परास्त करने वाली देवी।
  26. दुर्गमता: मातृभाव को प्राप्त करने वाली देवी।
  27. दुर्गम्या: अत्यंत आदर्शनीय देवी।
  28. दुर्गमेश्वरी: सभी ईश्वरों की ईश्वरी, देवी।
  29. दुर्गभीमा: अत्यंत भयंकर देवी।
  30. दुर्गभामा: अत्यंत प्रकाशमय देवी।
  31. दुर्गमो: अत्यंत मजबूत देवी।
  32. दुर्गोद्धारिणी: सभी दुर्भावनाओं को नष्ट करने वाली देवी।

इन 32 नामों के उच्चारण से हमें माँ दुर्गा की शक्ति, साहस, और स्वामित्व का अनुभव होता है। ये नाम हमें भय, कष्ट, और अज्ञान से मुक्ति प्रदान करते हैं, और हमें आध्यात्मिक उन्नति और सफलता की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं।

मां दुर्गा के 32 नाम के लाभ (32 Names Of Maa Durga Benefits)

मां दुर्गा के 32 नामों का जाप करने से भक्तों के जीवन में न केवल भय और दुःखों का नाश होता है, बल्कि उन्हें सम्पूर्ण आनंद और खुशियों का अनुभव होता है। इन नामों का जाप करने से मां दुर्गा की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है, जो भक्त के जीवन में स्थिरता और सफलता की प्राप्ति में मदद करता है।

दुर्गाद्वात्रिंशन्नाममाला का जाप करने से व्यक्ति की समस्त प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। न तो किसी विशेष साधना की आवश्यकता होती है, और न ही उसे सिद्ध करने के लिए किसी विशेष विधान की। यह जाप अपने आप में स्वतः सिद्ध होता है और तत्पश्चात्, साधक को तत्काल लाभ प्राप्त होता है।

जो भक्त नियमित रूप से देवी के इन 32 नामों के मंत्रों का जप करता है, उन्हें मां दुर्गा की सदैव साथ होती है। वह अपने साथ हर दुःख और परेशानी के समय में भी देवी के आशीर्वाद को महसूस करता है, जिससे उसका विश्वास और आत्मविश्वास मजबूत होता है। देवी अपने भक्तों की हर विपत्ति से रक्षा करती है और उन्हें समस्त संघर्षों से उन्मुक्त करती हैं।

मां दुर्गा के 32 नामों का जाप (दुर्गा के 32 नाम की माला)

मां दुर्गा के 32 नामों का जाप करने के लिए आप माता के मंदिर या किसी अन्य साकार स्थान पर जा सकते हैं। सुबह स्नान करके, कुश के आसन पर बैठकर, पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके इन नामों का जाप करें। जाप करने से पहले, मां के मंदिर में घी के दीये जला लें।

माँ भगवती ने अपने बत्तीस नामों के जप से बताया है कि घोर संकटों से ग्रस्त व्यक्ति भी सुखी और भयमुक्त हो सकता है। इन नामों का जप करने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। जप करने के लिए नौ दिन कुश या कम्बल के आसन पर बैठकर, घी के दीपक के सामने, इन नामों की 5/ 11/ 21 माला का जप किया जाता है।

जाप करते समय मन को स्वच्छ रखें और मां से मनोकामना पूर्ण करने की याचना करें। इन नामों का जाप आप पूरे नवरात्रि के दौरान 9 दिन करें तो ज्यादा फलदायी होगा।

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