हवन मंत्र हिंदी में । Hawan Mantra in Hindi

By Admin

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Hawan Mantra in Hindi: हमारे हिंदू धर्म में यज्ञ और हवन को विशेष महत्व दिया जाता है। यहाँ तक कहा जाता है कि यज्ञ के माध्यम से ही सभी देवी-देवताओं को आहुति प्राप्त होती है और हमें उनका आशीर्वाद मिलता है। हिंदू धर्म के अनुसार, प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवन में कम से कम एक बार यज्ञ और हवन का आयोजन करना चाहिए। इस अनुष्ठान को प्राचीन समय से ही महत्व दिया गया है, और पुराने समय में हर घर में इसे नियमित रूप से आयोजित किया जाता था।

यज्ञ के लिए हवन करने की प्रक्रिया और विधि:

हिंदू संस्कृति में यज्ञ को एक महत्वपूर्ण धार्मिक अद्भुत अवसर माना गया है। यज्ञ का हवन करने के लिए सबसे पहले आपको इसके सम्मान सम्बंधित नियमों का पालन करना चाहिए। यज्ञ से पहले, स्नान करके अपने शरीर को शुद्ध करें और स्वच्छता में ध्यान दें। अगर पति-पत्नी दोनों एक साथ हवन में शामिल हैं, तो कुछ महायज्ञों में पत्नी का घी से आहुति न देने का निर्देश होता है, लेकिन अन्य में दोनों साथ में आहुति दे सकते हैं। हालांकि, अगर आप रोजाना हवन कर रहे हैं तो पत्नी भी घी की आहुति दे सकती है।

इसके साथ ही, एक मिट्टी का हवन कुंड तैयार करें, जिसे गोबर और गौ मूत्र से लीप करें। यदि ऐसा नहीं किया जा सके तो ताम्बे का यज्ञ कुंड उपलब्ध करा सकते हैं। हवन के दौरान, सभी मंत्रों का पूरी शुद्धता और भक्ति से उच्चारण करें। हवन को भूमि पर ही करें, किसी चौकी या अन्य वस्तुओं का उपयोग न करें।

यज्ञ के लिए आवश्यक सामग्री बाजार से आसानी से उपलब्ध होती हैं और इसे आप अपनी श्रद्धा और समर्पण के साथ संपन्न कर सकते हैं।

हवन मंत्र हिंदी में । Hawan Mantra in Hindi
Hawan Mantra in Hindi

हवन मंत्र हिंदी में (Hawan Mantra in Hindi)

हवन के दौरान दी जाने वाली आहुतियों के लिए मंत्र:

  1. ॐ प्राणाय स्वाहा
  2. ॐ व्यानाय स्वाहा
  3. ॐ अपानाय स्वाहा
  4. ॐ समानाय स्वाहा
  5. ॐ उदानाय स्वाहा

पांच प्राणों की आहुति के बाद इन मंत्रों के साथ आहुति दें:

  1. ॐ प्रजापतये स्वाहा इदम प्रजापतये नमः
  2. ॐ अग्नये स्वाहा इदम अग्नये नमः
  3. ॐ ब्रह्मणे स्वाहा इदम ब्रह्मणे नमः
  4. ॐ सोमाय स्वाहा इदम सोमाय नमः

इसके बाद प्रथम पूज्य भगवान गणेश जी को इस मंत्र के साथ आहुति दें:

ॐ गं गणपतये नमः स्वाहा

गणेश जी की आहुति के बाद माँ जगदम्बा यानी माँ दुर्गा को ये तीन आहुतियां प्रदान करें:

  1. ॐ अम्बायै स्वाहा
  2. ॐ अम्बिकायै स्वाहा
  3. ॐ अम्बलिकायै स्वाहा

इसके बाद माता लक्ष्मी को इन मंत्रों के साथ आहुति दें:

  1. ॐ श्री लक्ष्मी नमः स्वाहा
  2. ॐ भूलक्ष्मी नमः स्वाहा
  3. ॐ महालक्ष्मी नमः स्वाहा

नवग्रहों को इन मंत्रों के जाप के साथ आहुति दें:

  1. ॐ सूर्याय नमः स्वाहा
  2. ॐ सोमाय नमः स्वाहा
  3. ॐ मंगलाय नमः स्वाहा
  4. ॐ बुधाय नमः स्वाहा
  5. ॐ गुरवे नमः स्वाहा
  6. ॐ शुक्राय नमः स्वाहा
  7. ॐ शनये नमः स्वाहा
  8. ॐ राहवे नमः स्वाहा
  9. ॐ केतवे नमः स्वाहा

यह हवन मंत्रों का अच्छा उपयोग करके अपने यज्ञ में देवी-देवताओं को समर्पित करें।

हर यज्ञ या हवन में त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु और महेश को आहुति स्वयं ही निर्धारित होती है। यह धारणा है कि इन देवताओं की प्रत्येक आहुति से समस्त यज्ञ की साक्षात्कारिकता प्राप्त होती है। इसलिए, बड़े ही आदर और समर्पण से त्रिदेव की आहुतियाँ दी जाती हैं। यद्यपि, कुछ विशेष परंपरागत यज्ञों में विशिष्ट मंत्रों का उच्चारण भी किया जा सकता है, जो विशेष परंपराओं और ग्रंथों के अनुसार होता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए, अगर आप चाहें तो त्रिदेव के बीज मंत्र के साथ उन्हें आहुति दे सकते हैं, जिससे यज्ञ की प्रारम्भिक संदेशा बनी रहे।

हवन के लाभ:(Benefits If Hawan)

  1. आध्यात्मिक प्रगति: हवन करने से आत्मिक उन्नति होती है और आत्मा को शुद्धि और स्थिरता मिलती है। इसके माध्यम से हम पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उन्हें शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  2. पर्यावरण का शुद्धिकरण: हवन करने से परिवार के आसपास का वातावरण शुद्ध होता है। यह विभिन्न धार्मिक आहुतियों और वेद मंत्रों के माध्यम से वातावरण को प्राकृतिक ऊर्जा से भर देता है।
  3. समाज में सौहार्द: हवन समारोह के दौरान परिवार के सदस्य और समाज के लोग एकत्रित होते हैं, जिससे सम्प्रेषण और सामूहिक भावनाओं का विकास होता है।
  4. आर्थिक समृद्धि: हवन से आर्थिक समृद्धि में वृद्धि होती है और समस्याओं का समाधान होता है। यह समृद्धि, धन, और आनंद की प्राप्ति में सहायक होता है।
  5. स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद: हवन में उपयुक्त अग्नि और धुएं के माध्यम से वातावरण की शुद्धि होती है, जिससे वायुमंडल में विषाणुओं का संक्षेपण होता है और स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव कम होते हैं।

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