झांसी की रानी लक्ष्मीबाई एक बार वारणासी में दशहरे के उत्सव मनाये जा रहे थे। स्नान घाटों पर सैकड़ों भक्तगण गंगा के कूल पर तथा गंगा नदी पर तैरनेवाले ....
हिन्दू धर्म का मूल आधार न केवल पूजा-पाठ और मंत्रों में है, बल्कि उन पौराणिक कथाओं में भी है जो हमें धर्म, नीति, त्याग, भक्ति और सत्य का मार्ग दिखाती ....
परोपकारी राजा शिवि चक्रवर्ती कभी किसी समय में शिवि नामक एक श्रेष्ठ राजा रहता था। वह बहुत उदार एवं दानशील व्यक्ति था और इसलिए बहुत यश प्राप्त किया । ....
शर्मिष्ठा शुक्राचार्य, दानव राजा वृषपर्व के गुरू थे। देवयानी, शुक्राचार्य की प्रिय पुत्री थी। युवराणी शर्मिष्ठा, वृषपर्व की पुत्री थी। देवयानी और शर्मिष्ठा जिग्री सहेलियाँ थी । एक दिन ....
श्रेष्ठ दान कुरुक्षेत्र की जीत के बाद पाण्डव राजा युधिष्ठिर ने अश्वमेध कराया था। भारत के सभी राज्यों के राजाओं का स्वागत किया गया था। याग को जिस भांति ....
राजा नीलन राजा नीलन चोल सम्राट का अंशदार्य शासक था । एक बार मंदिर में नीलन एक नृत्यांगना से आकृष्ट हुआ। वह एक सुंदर स्त्री थी, साथ-ही-साथ एक नृत्यांगना ....
चतुर चिरकारी महान मुनियों में गौतम मुनि एक थे। उनके दस हजार शिष्य थे । नित्यप्रति वह साधु सभी शिष्यों को भोजन देता था तथा उन सबको रहने के ....
गार्गिमुखी राक्षसी गार्गिमुखी एक राक्षसी थी। वह तिरुप्पुरम् कुंड्रम के पास, एक गुफ़ा में रहा करती थी। कोई व्यक्ति शिवजी की प्रार्थना करता, तो उसे वह अपनी गुफ़ा में ....
नमकहराम कुत्ता एक जंगल में अग्रप्रभा नामक मुनि एक छोटे कुटीर में रहा करते थे। उनके साथ जंगली जानवर भी किसी को नुकसान पहुँचाये बिना रहा करते थे। उसी ....
मूर्तिभूत: दयावान वल्लालर बहुत वर्ष पहले वहलार नामक एक गाँव में वल्लालर, व्याख्यान दे रहे थे। वहाँ पहुँचने के लिए एक भू-स्वामी बैलगाडी पर सफर कर रहा था। जमींदार ने ....