अलख निरंजन का अर्थ क्या है?
“अलख निरंजन” एक संस्कृत शब्द है जिसे अक्सर गोरखनाथ के नाम से जोड़ा जाता है, जो नाथ सम्प्रदाय में एक प्रमुख व्यक्ति थे। इसे इस परंपरा के अनुयायियों, साधुओं और संतों ने सामान्य जनता के बीच जागरूकता फैलाने और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देने के लिए उपयोग किया है।
अलख संस्कृत भाषा के शब्द अलक्ष्य (न लक्ष्यते लक्षकर्म्मणि) का तद्भव रूप है, जिसका अर्थ है “जो देखा नहीं जा सकता” या “दिव्य प्रकाश”। यह प्रकाश अक्सर “तेजस” या “दिव्य ऊर्जा” के रूप में संदर्भित किया जाता है जो मानव समझ से परे है।
निरञ्जन (निर्गतमञ्जनं कज्जलं तदिव समलमज्ञानं वायस्मात्) वह है जो बिना अञ्जन का हो; दोषरहित हो; अज्ञान से रहित हो; जो किसी भी प्रकार की माया से प्रभावित न हो; निर्मल हो; किसी प्रकार के आवेग, वासना, लालसा, राग, क्रोध, अनुराग, आदि गुणों से युक्त न हो; निष्कलङ्क हो; निर्गुण हो; उसे निरञ्जन कहा जाता है। महादेव शिव, अथवा ईश्वर के लिए इस विशेषण का प्रयोग किया जाता है।
इसलिए, “अलख निरंजन” वाक्य का अर्थ है दिव्य प्रकाश जो आध्यात्मिक उद्घाटन की ओर प्रकाशित करता है, भले ही यह सीधे रूप से नहीं देखा जा सके।
इस संदर्भ में, वाक्य का उपयोग आमतौर पर दिव्य संवाद का वर्णन करने के लिए किया जाता है, जहां व्यक्ति की आंतरिक आत्मा (अंतरात्मा) परमात्मा के साथ सीधे जुड़ सकती है, भले ही भौतिक दुनिया की सीमाओं से परे हो। यह संबंध अक्सर समय और स्थान की सीमाओं से परे एक अद्वितीय अनुभव के रूप में वर्णित किया जाता है।
हालांकि, एक अलग व्याख्या के अनुसार, “अलख निरंजन” वाक्य का अर्थ अघोर पंथ के संदर्भ में भी है। इस परिप्रेक्ष्य में, “अलख” का अर्थ “जागना” या “उत्तेजित करना” है, और “निरंजन” अनंत और अनिरंत शक्ति या परम अस्तित्व को सूचित करता है। इस दृष्टिकोण से, “अलख निरंजन” वाक्य को परम अस्तित्व को जागृत करने और विश्व में उसकी उपस्थिति को प्रकट करने के लिए एक आवाज के रूप में देखा जा सकता है।
सारांश में, इस वाक्य एक जटिल और बहुपहला शब्द है जिसे विभिन्न आध्यात्मिक परंपराओं में विभिन्न तरीकों से व्याख्या किया गया है। इसके मूल में, यह दिव्य प्रकाश का विचार करता है जो आध
FaQs
अलख निरंजन का अर्थ क्या है?
“अलख” का अर्थ है “अज्ञान” या “अंधकार”, और “निरंजन” का अर्थ है “नाश होना” या “दूर होना”। इस प्रकार, “अलख निरंजन” का अर्थ है “अज्ञान का नाश होना” या “अंधकार का नाश होना”.
अलख निरंजन का संबंध किस देवता से है?
अलख निरंजन का संबंध दत्तात्रेय भगवान से है. दत्तात्रेय भगवान हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता हैं, और “अलख निरंजन” उनका एक प्रचलित जयघोष है.