शिव आवाहन मंत्र | शिव जी के मंत्र | Shiva Aahvaan Mantra

शिव आवाहन मंत्र शिब जी के प्रमुख मंत्र  में से एक हे जो भगवान शिव की पूजा और आराधना के लिए शिवजी को स्वागत किया जाता हे । यह मंत्र भगवान शिव के गुणों, महिमा और प्राकृतिक शक्तियों का प्रशंसा करता है। शिव आवाहन मंत्र शिव जी के सभी मंत्रों में प्रसिद्ध माना जाता है और उनकी कृपा, आशीर्वाद और प्रसन्नता को प्राप्त करने के लिए इसका जाप किया जाता है।

शिव आवाहन मंत्र । Shiva Aahvaan Mantra

ॐ मृत्युंजय परेशान जगदाभयनाशन ।
तव ध्यानेन देवेश मृत्युप्राप्नोति जीवती ।।

वन्दे ईशान देवाय नमस्तस्मै पिनाकिने ।
आदिमध्यांत रूपाय मृत्युनाशं करोतु मे ।।

नमस्तस्मै भगवते कैलासाचल वासिने ।
नमोब्रह्मेन्द्र रूपाय मृत्युनाशं करोतु मे ।।

त्र्यंबकाय नमस्तुभ्यं पंचस्याय नमोनमः ।
नमो दोर्दण्डचापाय मम मृत्युम् विनाशय ।।

नमोर्धेन्दु स्वरूपाय नमो दिग्वसनाय च ।
नमो भक्तार्ति हन्त्रे च मम मृत्युं विनाशय ।।

देवं मृत्युविनाशनं भयहरं साम्राज्य मुक्ति प्रदम् ।
नाना भूतगणान्वितं दिवि पदैः देवैः सदा सेवितम् ।।

अज्ञानान्धकनाशनं शुभकरं विध्यासु सौख्य प्रदम् ।
सर्व सर्वपति महेश्वर हरं मृत्युंजय भावये ।।

 

शिव आवाहन मंत्र अर्थ सहित। Shiva Ahvaan Mantra Meaning in Hindi

 हिंदी अर्थ – 

१. “हे देवेश (शिव), जो मृत्यु को जीतने वाले हैं, जो परेशानियों को दूर करने वाले हैं, और जो संसार का भय नष्ट करने वाले हैं, उनके ध्यान से मृत्यु प्राप्त करने वाला जीवित रहता है।” 

२. “मैं नमन करता हूँ भगवान शिव को ,ईशान देवाय को, पिनाकिने के लिए। मेरे लिए आदि, मध्य और अंत  मृत्यु को नष्ट करें, का नाश करें।”

३. “मैं नमस्कार करता हूँ, कैलासा पर्वत पर वास करने वाले भगवान को। ब्रह्मेंद्र भगवान शिव, मेरे लिए मृत्यु का नाश करें।”

४. “त्र्यंबकाय (तीन आँख वाले) को मेरा नमस्कार, पंचायतन को मेरा नमस्कार। दोर्दण्ड (धनुष )धारी को मेरा नमस्कार, मेरी मृत्यु को नष्ट करो।”

५. “नमस्कार हैं चंद्रमा रूपी भगवान को,विस्तारकारी आकाश के स्वामी को। भक्तों के मृत्यु के भय को नष्ट करके उसे अमरत्व और जीवन की प्राप्ति का आशीर्वाद करें।

६. “उस देवता को, जो मृत्यु और विनाश को नष्ट करने वाला है, भयहर (भय को हरने वाला) है, साम्राज्य की मुक्ति प्रदान करने वाला है,जिसे नाना भूतगणों द्वारा दिव्य पदों से सदा सेवित किया जाता है।

७. “जो अज्ञान के अंधकार को नष्ट करने वाला है, शुभ कार्यों को प्राप्त करने वाला है, विद्याओं में सुख प्रदान करने वाला है। सबके पति, महेश्वर, हर, मृत्युंजय रूप में मैं उसका भाव करता हूँ ,नमन करता हूँ।”

शिव आवाहन मंत्र  Shiva Aahvaan Mantra Meaning in English

 

Om Mrityunjay Pareshaan Jagadaabhayanaashan
Tav dhyaanen devesh mrityupraapnoti jeevati

Vande ishaan devaay namastasmai pinakine
Aadimadhyaant rupaay mrityunaasham karotu me

Namastasmai bhagwate kailasachal vaasine
Namobrahmendra rupaay mrityunaasham karotu me

Trayambakaya namastubhyam panchasyaay namo namah
Namo dordandachaapaay mam mrityum vinaashay

Namordhendu swarupaay Namo digvasanaay cha
Namo Bhaktarti hantre cha mam mrityum vinaashay

Devam mrituvinaashanam bhayaharam saamrajya mukti pradam
Nana bhutagananvitam divi padaih devaih sada sevitam

Agyaanaandhakanaashanam shubhkaram vidhyaasu saukhya pradam
Sarv sarvapati maheshwara haram mrityunjay bhaavaye

 


शिव आवाहन मंत्र के लाभ:

 

  1. यह मंत्र के जाप से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं जिसके कारन इस को मंत्र भगवन शिव के सभी मंत्रों में से  प्रसिद्ध मंत्र माना जाता है।
  2. दुर्घटनाओं और आग से होने वाली मृत्यु को रोक सकता है।व्यक्ति मृत्यु को पार कर सकता है।
  3. सावन मास में इस मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है।
  4. रोगों का उपचार कर सकता है और स्वास्थ्य को सुधार सकता है।
  5. महादेव सभी देवताओं के भगवान हैं, इसलिए उनके मंत्र का जाप करने से उन्हें प्रसन्नता मिलती है और वे अपने भक्त की सहायता करते हैं।
  6. मंत्र के जाप से भक्ति बढ़ती है और शिव की उपस्थिति का अनुभव होता है।
  7. शिव की भक्ति से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
  8. शिव मंत्र को शक्तिशाली माना जाता है, जो हमें सुरक्षा और समृद्धि प्रदान करता है।
  9. मंत्र जाप से हमारा मन शिव के गुणों और शक्तियों का स्मरण करता है और हमें शिव के प्रति अधिक आदर और गहन ज्ञान प्राप्त होता है।

 

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शिव आवाहन मंत्र की विधि

  • सूर्योदय से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें: आपको शिव आवाहन की विधि आरंभ करने से पहले सूर्योदय के पूर्व स्नान करना चाहिए। स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें, यह सुनिश्चित करें कि आपके वस्त्र पवित्र और साफ हैं।
  • घर की अच्छे से साफ-सफाई करें: शिव आवाहन के लिए आपको अपने घर की गहन सफाई करनी चाहिए। यह मंदिर क्षेत्र, पूजा स्थल और घर के अन्य क्षेत्रों को साफ और अनुकरणीय बनाने के माध्यम से किया जा सकता है।
  • घर के मंदिर में शिवजी की प्रतिमा रखें: आपको अपने घर के मंदिर में शिवजी की प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए। आप प्रतिमा को उचित स्थान पर स्थापित करें और पूजा के लिए उचित तरीके से सजाएं।
  • शिवजी को चन्दन का तिलक लगाएं: शिवजी के मुख्य स्थान पर आपको उचित रूप से चन्दन का तिलक लगाना चाहिए। चन्दन को शिवजी की प्रतिमा पर ध्यान से लगाएं और उन्हें प्रसन्न करने के लिए मन्त्रों का जाप करें।
  • शिवजी के आगे सफेद रंग का फूल चढ़ाएं: शिवजी के सामने आपको सफेद रंग के फूल चढ़ाना चाहिए। यह एक प्रसाद के रूप में प्रदर्शित होता है और शिवजी के प्रतीक के रूप में स्वीकार किया जाता है।
  • शिवजी के आगे घी का दीप जलाएं: शिवजी के सामने आपको एक दीपक जलाना चाहिए, जिसमें घी या देसी घी का उपयोग किया जाता है। दीपक को जलाने से पहले इसे आदर्श रूप से सजाएं और शिवजी की कृपा के लिए आराधना करें।
  • रुद्राक्ष की माला लें: शिवजी की आराधना के लिए आप एक रुद्राक्ष माला लें। यह माला शिवजी की उपासना के दौरान जाप के लिए उपयोग की जाती है।
  • शिवजी के आगे १०८ मंत्र का जाप करें: शिवजी की पूजा के दौरान, आपको शिवजी के आगे १०८ मंत्रों का जाप करना चाहिए। इसके द्वारा आप शिवजी की आदर्श रूप से आराधना कर सकते हैं और उनके आशीर्वाद को प्राप्त कर सकते हैं।

यह जाप सोमवार के दिन, सावन महीने में और शिवरात्रि पर किया जाता है। इन अवसरों पर शिवजी की पूजा और आराधना के लिए यह विधि अनुसरण की जाती है।


 

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