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अन्नमय्य कीर्तन शोभनमे शोभनमे - श्री व्यंकटेश्वर स्वामी कीर्तने


शोभनमे शोभनमे
वैभवमुल पावन मूर्तिकि ॥

अरुदुग मुनु नरकासुरुडु ।
सिरुलतो जॆरलु दॆच्चिन सतुल ।
परुवपु वयसुल बदारु वेलनु ।
सॊरिदि बॆंड्लाडिन सुमुखुनिकि ॥

चॆंदिन वेडुक शिशुपालुडु ।
अंदि पॆंड्लाडग नवगलिंचि ।
विंदुवलॆनॆ ता विच्चेसि रुकुमिणि ।
संदडि बॆंड्लाडिन सरसुनुकि ॥

देवदानवुल धीरतनु ।
दावतिपडि वार्थि दरुपगनु ।
श्री वनितामणि जॆलगि पॆंड्लाडिन ।
श्री वेंकटगिरि श्रीनिधिकि ॥

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