WhatsApp चैनल फॉलो करें

Join Now

गणेश जी और नागराज की कथा – क्यों कहलाते हैं पाताल लोक के राजा?

By Admin

Updated:

जैसा की हम सब जानते हैं माता पार्वती और भगवान शिव के छोटे पुत्र हैं भगवान गणेश। कई कथाओं में हमे सुनने को मिलता है , भगवान गणेश का जन्म माता पार्वती के उबटन से हुआ, और भगवान शिव द्वारा उन्हें गज का सर लगाया गया, जिससे उन्हें यह रूप मिला। इसलिए भगवान गणेश को गजानन भी कहा जाता है। आज हम आपको भगवान गणेश से जुड़ी कुछ ऐसी बातें से रुभरु कराएँगे , जो आपने पहले कभी नहीं सुनी होगी

– तो आखिर गणेश जी पाताल लोक के राजा कैसे बने ?

गणेश जी और नागराज की कथा
गणेश जी और नागराज

गणेशजी और नागराज की कथा

भगवान गणेश से जुड़ी ये बात शायद बहुत कम लोग जानते हैं कि भगवान गणेश पाताल लोक के राजा भी हैं। एक बार की बात है गणपति महाराज ऋषि मुनियों के पुत्रों के साथ पाराशर ऋषि के आश्रम में खेल रहे थे। तभी खेल के दौरान वहां कुछ नाग कन्याएं आ गई। और सभी नाग कन्याएं गणेश जी प्राथना करने लगी , की वह एक बार हमारे लोक चलें। भगवन गणेश नाग कन्याओ इस विनती को विनती को मना नहीं कर पाए, और उनके साथ नाग लोक चले गए। नाग लोक पहुंचने पर नागकन्याओं ने उनका हर तरह से स्वागत सत्कार किया।

जब नाग कन्या उनका आदर सत्कार कर रही थी , तभी वहां नागराज वासुकी ने भगवान गणेश को देखा और उनका मज़ाक उड़ाने के मन से वासुकि भगवान गणेश से बातें करने लगे और उनके रूप के बारे में बात करने लगे। रूप के बारे में सुनते ही भगवन गणेश जी गुस्सा आ जाता है , तभी गणेश जी वासुकि के फन पर पैर रख देते हैं और उनसे उनका मुकट लेकर खुद ही पहन लेते हैं ।तभी वहां वासुकि के बड़े भाई शेषनाग वहां आ जाते हैं और वासुकी की ये दुर्दशा देखकर शेषनाग हुंकार भरते हुए कहते हैं , किसने मेरे भाई के साथ इस तरह का व्यवहार किया है। ऐसा सुनते ही भगवान गणेश शेषनाग के सामने आ जाते हैं जब शेषनाग गणेश जी को अपने सामने देकते हैं तो वो उन्हें पहचान जाते हैं और उनका अभिवादन करने लगते हैं और तभी शेषनाग गणेश जी को ‘नाग लोक यानी पाताल का राजा घोषित कर दिया।

Leave a Comment

Start Quiz