उमा महेश्वर स्तोत्र नमः शिवाभ्यां नवयौवनाभ्यां परस्पराश्लिष्टवपुर्धराभ्याम् ।नगेन्द्रकन्यावृषकेतनाभ्यां नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ॥ 1 ॥नमः शिवाभ्यां सरसोत्सवाभ्यां नमस्कृताभीष्टवरप्रदाभ्याम् ।नारायणेनार्चितपादुकाभ्यां नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ॥ 2 ॥नमः शिवाभ्यां वृषवाहनाभ्यां विरिञ्चिविष्ण्विन्द्रसुपूजिताभ्याम् ।विभूतिपाटीरविलेपनाभ्यां नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ....
सनातन धर्म में सोमवार को महादेव और पार्वती की विशेष पूजा होती है। इस दिन भगवान शिव के व्रत भी रखे जाते हैं। उनकी पूजा से मनोकामनाएं पूरी होती हैं, ....
शिवाय परमेश्वराय (शिव का प्रिय गीत ) | Shivaya Parameshwaraya Lyrics in Hindi शिवाय परमेश्वरायशशिशेखराय नमः ॐभवाय गुण शम्भवायशिव ताण्डवाय नमः ॐशिवाय भस्मेश्वरायअचलेश्वराय नमः ॐहराय यक्ष स्वरूपायशिव सुन्दरेशाय नमः ॐशिवाय ....
“ब्रह्मा मुरारी सुरार्चिता लिंगम” एक प्रसिद्ध भक्तिगीत है जो भगवान शिव की स्तुति करता है और लिङ्गाष्टकं के माध्यम से उनकी महिमा को गाता है। यह गीत शिव लिंग पूजा ....
शिव रुद्राष्टकम पाठ ॥ श्रीरुद्राष्टकम् ॥नमामीशमीशान निर्वाणरूपंविभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ।निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहंचिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ॥ १॥ निराकारमोंकारमूलं तुरीयंगिरा ज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम् ।करालं महाकाल कालं कृपालंगुणागार संसारपारं नतोऽहम् ॥ २॥ तुषाराद्रि ....
तिलक लगाने का मंत्र एक सन्तुलित आध्यात्मिकता और सामाजिक समर्थन का प्रतीक है। सनातन धर्म में तिलक को उत्सव, पूजा, और आध्यात्मिक साधना का अभिन्न अंग माना जाता है। यह ....
मंगलम भगवान विष्णु मंत्र – भगवान विष्णु का जयकार, गरुणध्वज का आशीर्वाद, पुण्डरीकाक्ष की कृपा, ऐसे आशीर्वादमय वचन हैं जो हमें मंत्र के रूप में प्राप्त होते हैं। यह हिंदू ....
शांति मंत्र (Shanti Mantra) हमें आत्मशांति, सामाजिक समरसता और ब्रह्मांडिक समाधान की ओर प्रेरित करता है। यह एक प्राचीन वैदिक मंत्र है जो संतुलन, स्थिरता और स्वास्थ्य के लिए शक्तिशाली ....
सरस्वती पूजा के सभी मंत्र |Saraswati Mantra Saraswati Mantra (सरस्वती पूजा मंत्र) : ज्ञान की देवी के रूप में मानी जाने वाली मां सरस्वती को पूजनीय माना जाता है। इनसे ....
সরস্বতী পুজোর মন্ত্র বাগদেবী সরস্বতীর প্রতিষ্ঠা মন্ত্র ওম ভূর্ভুবঃ স্বঃ সরস্বতী দেব্যৈ ইহাগচ্ছ ইহ তিষ্ঠ।এতানি পাদ্যাদ্যাচমনীয়-স্নানীয়ং, পুনরাচমনীয়ম্।। প্রতিষ্ঠার পর স্নান করানোর জন্য এই মন্ত্র জপ করবেন। ওম মন্দাকিন্যা সমানীতৈঃ, ....