हवन एक धार्मिक और पवित्र क्रिया है जिसे घर में शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा के लिए किया जाता है। यह प्रक्रिया अग्नि में हवन सामग्री को अर्पित करने और मंत्रों का जाप करने पर आधारित होती है। सही हवन सामग्री का चयन और उपयोग इस प्रक्रिया की सफलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इस गाइड में, हम आपको हवन के लिए आवश्यक सामग्री की पूरी सूची प्रदान करेंगे, जिसमें श्रीफल, हवन सामग्री, धूप, दीप, पान, बताशे, पंचफल, पंचमेवा और अन्य पूजन सामग्री शामिल हैं। हवन की विधि और सामग्री की सही जानकारी प्राप्त करके, आप अपने हवन को सही तरीके से आयोजित कर सकते हैं और अपने घर को एक नई ऊर्जा और शांति से भर सकते हैं।
हवन पूजन सामग्री:
- श्रीफल: 1 (नारियल)
- हवन सामग्री: 1 पैकेट
- धूपबत्ती/अगरबत्ती
- कलावा (मौली)
- सुपारी: 9
- पान: 5
- बताशे: 250 ग्राम
- पंचफल: 5 (ऋतुफल)
- पंचमेवा: 200 ग्राम
- रोली: 2 रुपये की
- सिन्दूर: 2 रुपये का
- ताम्बूल (पान): 5
- चन्दन चूरा: 50 ग्राम या 10 ग्राम
- कलश (मिट्टी का) अथवा लोटा: 1
- आम की टहनी
- बन्दनवार
- कुशा
- दूर्वा (दूब)
- गंगाजल
- हल्दी
- सूखा आबा: 50 ग्राम प्रति
- अबीर, गुलाल (लाल, हरा, पीला, नीला): 50 ग्राम प्रति
- लौंग: 10 ग्राम
- पीली सरसों अथवा काली सरसों: 50 ग्राम
- जौ: 1.5 किलो (आवश्यकतानुसार न्यूनाधिक)
- तिल: 2 किलो (न्यूनाधिक)
- शक्कर अथवा चीनी अथवा बूरा: 250 ग्राम (न्यूनाधिक)
- कर्पूर: 20 ग्राम
- शुद्ध घी: 1 किलो (आवश्यकतानुसार)
वेदी के लिए:
- मिट्टी या रेत (बालू)
- यज्ञोपवीत: 2
- टूल: 0.5 मीटर
- दिया: 1
- रुई: 1 रुपये की
हवन की लकड़ी (समिधा):
- आम की लकड़ी
- पीपल की लकड़ी
- ढाक की लकड़ी
नवग्रह समिधा (लकड़ी):
- आक (अखा, मदार, अर्क)
- खदिर (खैर)
- अश्वत्थ (पीपल)
- उदुम्बर (गूलर)
- ओंगा (चिरचिटा)
- पलास
- शमी
- कुशा
- दूर्वा (दूब)
पंचपल्लव:
- आम का पत्ता
- पीपल का पत्ता
- बरगद (बड) का पत्ता
- जामुन का पत्ता
- गूलर का पत्ता
पंचगव्य:
- गौमूत्र
- गौ का गोबर
- गौ का घी
- गौ का दही
- गौ का दूध
पंचरत्न:
- सोना
- चाँदी
- तांबा
- लोहा
- पीतल
हवन मिश्रण:
- चावल: 0.5 किलो
- घी: 1 किलो
- जौ: 1.5 किलो
- शक्कर: 250 ग्राम
- पंचमेवा: 200 ग्राम
हवन सामग्री तैयार करने के लिए अनुपात:
चावल, घी, जौ, शक्कर, और पंचमेवा को मिलाकर हवन सामग्री तैयार करें।
आहुति देने की विधि:
- आहुति: बीच की 2 अंगुली और अंगूठे की सहायता से लगभग 3 ग्राम आहुति देना चाहिए। शास्त्रोक्त प्रमाण के अनुसार 6 माशा भर हवन की आहुति होनी चाहिए।
नवग्रह काष्ठ (समिधा) की विधि:
- सूर्य ग्रह के लिए: आक की समिधा घी में डुबोकर हवन करें।
- चन्द्रमा ग्रह के लिए: पलाश की समिधा।
- मंगल ग्रह के लिए: खैर की समिधा।
- बुध ग्रह के लिए: चिरचिटा (अपामार्ग) की समिधा।
- बृहस्पति ग्रह के लिए: पीपल की समिधा।
- शुक्र ग्रह के लिए: गूलर की समिधा।
- शनि ग्रह के लिए: शमी की समिधा।
- राहु ग्रह के लिए: दूर्वा की समिधा।
- केतु ग्रह के लिए: कुशा की समिधा।
इन समिधा लकड़ी को हवन सामग्री में मिलाकर, घी में डुबोकर अग्नि में डालें।